Horror story in hindi | Bhoot ki kahani
Horror story in hindi, मैं आपको अपने साथ घटित एक सच्ची प्रेत (bhoot ki kahani) से मुलाकात की कहानी के बारे मैं बताने जा रहा हु. मेरा नाम मनोज है और मैं एक छोटे से गाँव के अस्पताल में काम करता था.
मैं और प्रेत एक कहानी : Horror story in hindi
एक रात अस्पताल में ज्यादा मरीजो की वजह से रात की 1 बज गयी थी . (horror story in hindi) उस रात तेज बारिश हो रही थी . (bhoot ki kahani ) मै भीगते भागते अपने घर पंहुचा . कपड़े गीले हो जाने की वजह से मैं अपने कपडे बदल ही रहा था कि अचानक दरवाज़ा खटखटाने की आवाज आयी.
मैंने सोचा इतनी रात को कौन आया होगा. मैंने दरवाज़ा खोला और देखा की एक लडकी जो बरसात में भीगी हुई थी रोते हुए कहने लगी कि मेरी माँ की तबियत बहुत खराब है आप जल्दी चलिए नहीं तो वो मर जायेगी . मैंने उससे कहा कि रात को मै मरीज नहीं देखता हु सुबह अस्पताल ले आना. but वो लडकी जाने को तैयार नहीं थी और रोने गिडगिडाने लगी . उसकी आवाज़ सुनकर मेरी पत्नी को उस लडकी पर दया आ गयी और मुझे उसके साथ जाने को कहा.
मैंने मन ही मन परेशान होते हुए बाहर आया और अपनी कार निकाली . सुनसान रास्तो से होते हुए वो लडकी मुझे 7-8 किलोमीटर दूर एक दुसरे गाँव में ले गयी . मैंने सोचा कि ये लडकी इतनी रात को मेरे यहा कैसे पहुची . but मैंने इन बातो की तरफ ध्यान ना देते हुए एक मकान में पहुचे और वहा उसकी माँ बीमार पलंग पर लेटी थी . मैंने उसकी नब्ज देखी और इंजेक्शन दे दिया और कुछ दवाये लिख दी . उस लडकी ने मुझको बाहर मेरी कार तक मुझको छोड़ दिया .
फिर मै घर पर आ गया . अगली सुबह मै जब अस्पताल के लिए जाने लगा तो सोचा कि रात वाले मरीज से मिलता जाऊ . थोड़ा सा चक्कर ही पड़ेगा रास्ते में जाने को ये सोचकर मै वहा गाँव में पंहुचा . मै रात को जिस मकान में गया वो उस जगह पर मुझे नहीं दिखा . मुझे उस जगह पर खंडहर नजर आ रहा था तो मै गाँव के लोगो से पूछने लगा कि यहा एक घर और परिवार रहता है तो लोगो ने हैरानी से देखते हुए कहा कि यहा ऐसा कोई घर नहीं है .
ये सुनकर मेरे रोंगटे खड़े हो गए . मैं सोचने लगा कि रात को जो मेरे साथ हुआ वो क्या था . वहा के लोगो ने बताया ये प्रेत लीला है सो हर साल किसी एक इन्सान के साथ होती है. ये तो गनीमत है कि आप जिन्दा बच गए वरना वो आत्मा आपको जिन्दा नहीं छोडती . मै हालँकि भूत प्रेत में ज्यादा विश्वास नहीं करता था
मै जब गाँव वालो के साथ उस खंडहर में पंहुचा तो उस खंडहर के बाहर मेरी कार के पहिये के निशान थे और वो इंजेक्शन और दवा भी वही पडी थे . मैंने बिना लोगो से ओर बाते किये फिर से घर लौट आया और घर वालो को सारी बात बताई . उसके कुछ दिनों बाद मेरा तबादला दुसरे गाँव में हो गया but उस रात की घटना के बारे में सोचकर आज भी मेरी रूह काँप जाती है . तब से मैं किसी भी अनजान लोगो के साथ रात मैं कभी भी नहीं जाता हु. भूत की कहानी, horror story in hindi, bhoot ki kahani, अगर आपको यह कहानी पसंद आयी है तो शेयर जरूर करे और कमेंट करके हमे भी बताये
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