केंटीन का भूत एक कहानी, horror stories in hindi

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Horror stories in hindi | Bhoot kahani

Horror stories in hindi, मेरा नाम रमीश है, मुझे अक्सर अपने काम के सिलसिले से दूसरे शहर के हॉस्पिटलों मैं आना जाना पड़ता है. वैसे तो मैं कभी भी भूत या प्रेत मैं विश्वास नहीं करता था but जब से मेरे साथ ये घटना घटित हुई , तब से मैं इन पर बहुत ही ज्यादा विश्वास करने लग गया हु.

केंटीन का भूत एक कहानी :- Horror stories in hindi

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horror stories in hindi

वो कहते है न की जब तक आप आँखों देखी और अपने कानो सुनी वाली बात ना कर लो , तब तक आप किसी पर भी या बात पर भी विश्वास नहीं करोगे. जब मेरे साथ ये सब कुछ हुआ तब मैंने भी इन पर विश्वास किया. अब मैं आपको अपने साथ घटित हुई इस घटना को बताने जा रहा हु. ये बात सन 2003 की है. मुझे बहुत ही अच्छे से याद है की, दिसंबर का महीना था और बहुत ही तेज़ बारिश हो रही थी जब मैं राजस्थान के एक हॉस्पिटल मैं पंहुचा, दरअसल मुझे एक ऑपरेशन करने के लिए, वहाँ पर बुलाया गया था.

भूतिया होटल की दास्ताँ

मैं लगभग सुबहे के 2.30 बजे वहाँ पर पंहुचा. मेरे वहाँ आने का बाद मुझे पता चला की , ऑपरेशन तो दोपहर मैं 2 बजे होना है. तो मैंने वहाँ की केंटीन मैं जाकर बैठ गया और अपने लिए कॉफ़ी मशीन से कॉफ़ी ले ली. क्योकि मुझे नींद आ रही थी, इसलिए मैंने कॉफ़ी पीनी चाही. मैं उस टाइम केंटीन मैं एकेला था और कोई भी आदमी वहाँ पर मौजूद नहीं था. मैंने अपनी कॉफ़ी लेकर चेयर पर बैठ गया. कुछ लगभग 3 बजे होंगे, की मुझे अपने पीछे किसी के होने का अहसास हुआ. तो मैंने पीछे मुड़कर देखा तो कोई भी नहीं था.मैंने अपना ध्यान फिर कॉफ़ी की और किया, तभी मेरे बालो मैं किसी ने फूँक मारी, मैं तुरंत सीट से उठकर खड़ा हो गया और इधर उधर देखने लग गया.

भूतो का गांव

लेकिन मुझे कोई भी नज़र नहीं आ रहा था. मैं अब बहुत ही परेशान हो चूका था. मैं तुरंत ही अटेंडेंट के पास गया और उसको सब बताने लग गया. but वो मेरी किसी भी बात पर विश्वास नहीं कर रहा था. वो कहने लगा सर हवा चल रही है शायद इसलिए आपको ऐसा लग रहा होगा. मैंने सोचा शायद वो ठीक ही कह रहा है. Because आज हवा भी अपने पुरे ज़ोरो पर थी. साथ ही बिजली भी कड़क रही थी. मेरी कॉफी ख़तम हो चुकी थी. अब मैंने सोचा की कुछ देर सो लिया जय , तो मैं बेंच पर ही लेट गया. मेरे लेटने के कुछ देर बाद मुझे किसी की पायल की आवाज़ सुनाई दे रही थी , तो मैंने उठकर देखना चाहा की कौन है तो कोई भी नहीं दिखा. but आवाज़ मेरे कानो तक साफ़ साफ़ आ रही थी.

वो आदमी एक भूत था

मानो जैसे मेरे पीछे या अगल बगल ही कोई चल रहा हो. मैं अब बहुत ही डर गया था. अब आवाज़ बंद हो गयी थी अचानक से. आवाज़ के बंद होते ही कोई ज़ोर से चिल्लाया मैं डर गया और अटेंडेंट के पास भाग कर गया तो देखता हु की वो वहाँ पर नहीं है. मैंने सोचा अब मैं क्या करू, अभी रात के केवल 3.30 ही बजे थे. जहा से चिल्लाने की आवाज़ आयी थी मैं उस तरफ चल पड़ा. मैंने जैसे ही उस रूम की और पहुंचने ही वाला था , की अचानक से एक बूढ़े आदमी ने मुझे रोक लिया. उसने पूछा की सेर आप कहा जा रहे हो, मैंने उसे सब बताया.

एक हवैली

horror stories in hindi, Bhoot kahani, तब उसने मुझे कहा की आप जो आवाज़ सुन रहे है वो एक दम सही है. यहाँ पर हॉस्पिटल बनने से पहले कब्रिस्तान हुआ करता था. कब्रिस्तान को तोड़कर यहाँ हॉस्पिटल बना दिया गया. इसलिए यहाँ पर ऐसी आवाज़े सुनाई देती है. तब मैंने तुरंत ही वहाँ से निकलने का फैसला किया और अपनी गाड़ी लेकर वापिस मेरठ की और चल दिया, और अपने घर लोट आया.

 

किराए के मकान में भूत की सच्ची कहानी :- Bhoot ki kahani

अब हम अपनी अगली भूत की कहानी में आगे बढ़ते है. इससे पता चलता है. दुनिया में भूत हो सकते है. भूत की कहानी पर विश्वाश बहुत कम होता है. लेकिन हम सभी जानते है जिन्होंने देखा है वह यकीन करते है. जिन्होंने नहीं देखा है वह यकीन नहीं करते है. लेकिन एक बात होती है. भूत बहुत कम ही नज़र आते है. मगर उनका अहसास हो सकता है. यह कहानी उस मकान की है.

पत्नी की आत्मा एक कहानी 

जिसमे वह परिवार रहने आता है. उसे यह नहीं पता था. वह जगह ठीक नहीं है.

उन्हें यही लगता था. यह जगह बहुत अच्छी है. वह किराये के मकान में रहने आये थे.

वह मकान बहुत अच्छा बना हुआ था. लेकिन मकान का अच्छा होना ही काफी नहीं था.

जब वह परिवार रहने आया था. उस दिन वह बहुत थक गए थे.

क्योकि वह सामान लेकर आये थे. परिवार में एक छोटा लड़का जोकि स्कूल नहीं जाता था.

उसके पिता जोकि एक कम्पनी में काम करते है. उसकी पत्नी थे.

 

यह परिवार बड़ा नहीं था. लेकिन उनके साथ बहुत कुछ होने वाला था. जिससे वह अनजान थे. अगले दिन वह आदमी अपने ऑफिस चला जाता है. घर में वह छोटा लड़का अपने खिलोने से खेल रहा था. उसकी माता रसोई में काम कर रही थी. तभी उसकी नज़र अपने लड़के पर जाती है. जोकि बाहर चला गया था. वह उसे लेकर आती है. क्योकि उसे बाहर नहीं खेलना था. वह कहती है. तुम बाहर कैसे गए थे.

भूत या रहस्य एक कहानी

लड़का कुछ नहीं कहता है. माता अपने काम में लग जाती है. कुछ समय बाद वह देखती है. लड़का फिर से बाहर चला गया है यह देखकर माता को गुस्सा आता है. क्योकि वह बार बार बाहर जा रहा था. वह छोटे लड़के को समझाती है. तुम्हे बाहर नहीं जाना चाहिए. इस बार वह दरवाजे को अच्छे से बंद कर देती है. क्योकि वह बार बार बाहर जा रहा था. अब वह बहार नहीं जा सकता है. कुछ समय बाद वह फिर से बाहर होता है.

 

अब माता सोचने लगती है, यह बाहर नहीं जा सकता है. क्योकि दरवाजा वह नहीं खोल सकता है. इस बार माता उसे अंदर लाती है. उसके बाद वह देखती है. बच्चा कब बाहर जाता है. वह बहुत देर तक देखती है मगर वह बाहर नहीं जाता है. वह काम करने लगती है, इस बार फिर से बाहर जाता है. वह बहुत डर गयी थी. वह अपने पति को फ़ोन करती है, उनसे बात कहती है. वह शाम को आते है, उन्हें फ़ोन पर कुछ समझ नहीं आया था.

परिवार का भूत

वह कहते है की तुम्हारा यह वहम हो सकता है. लेकिन यह वहम नहीं था. वह लड़का अभी बाहर ही था. जबकि सभी दरवाजे अंदर से बंद थे. वह आदमी भी समझ नहीं पाता था. यह सब क्या हो रहा है. मगर वह इतना समझ गया था. कुछ गलत हो रहा है. वह अपने दोस्त को फ़ोन करता है. उसका दोस्त भी आता है. वह कहता है. क्या बात हुई है. वह सब कुछ बता देता है. उसके बाद उसका दोस्त कहता है. मुझे लगता है. यह घर ठीक नहीं है.

चलती गुड़िया

तुम्हे यह घर खाली कर देना चाहिए. क्योकि यह हो सकता है. यहां पर कोई बुरी आत्मा हो सकती है. या फिर कोई भूत हो सकता है जोकि नज़र नहीं आ रहा है. लेकिन वह कहि भी हो सकता है. उसकी बात सुनकर वह सभी डर जाते है क्योकि यह सब होगा उन्हें नहीं पता था. लेकिन वह अपने दोस्त के कहने पर बात को मान जाते है. अगले दिन वह उस मकान को छोड़ देते है. क्योकि उसमे भूत हो सकता है. इस भूत की कहानी में भूत नज़र नहीं आता है. लेकिन उसका अहसास हो जाता है. इसलिए कुछ लोग यकीन करते है. कुछ नहीं.      

रास्ते में मिला भूत की कहानी :- Bhoot ki kahani

horror stories in hindi, Bhoot kahani, अक्सर किसी काम से बाहर जाना पड़ता था

जिसकी वजह से बहुत दिनों तक घर भी नहीं आया जाता था

यह सफर एक शहर से दूसरे शहर तक चलता रहता था, मुझे भूत की बातो पर विश्वाश नहीं होता है,

Because मेरे सामने ऐसी कोई भी घटना नहीं हुई थी,

उस दिन भी मुझे काम की वजह से घर से जाना था, इसलिए अपनी कार से सफर किया जाता था,

Because समय पर पहुंचा जाता था, उस दिन तो घर से निकलने में ही बहुत देर हो गयी थी,

गोविन्द की भूतिया कहानी

रात का सफर था, इसलिए कार बहुत ही आराम से चला रहा था, सोचा था अब रात का समय है,

सुबह तक पहुंच सकता हु but कुछ समय बाद एक आदमी रोड पर देखा था वह अकेला ही खड़ा था

उसे मदद चाहिए थी, इसलिए उसकी मदद करने के लिए कार रोक दी थी,

जब कार रुकी तो वह कहता है की मुझे आप आगे तक छोड़ सकते है Because मुझे जल्दी है,

वह कार में बैठ गया था.

उसके बाद उससे पूछा की आप यहां पर रात के समय में क्या कर रहे है

वह बताता है की वह गांव से आया था उसे कोई साधन नहीं मिल रहा था

इसलिए वह रोड पर खड़ा था

लड़की का प्रेत एक कहानी

horror stories in hindi, Bhoot kahani, उसने मुझे बताया की वह किसी को लेने जा रहा है उसकी बताए यहां तक ठीक लग रही थी, में नहीं जानता था की वह किस गांव से आया है Because उस रस्ते पर कितने गांव है यह बात भी मुझे पता नहीं थी, कुछ समय बाद वह कहता है की मुझे कुछ दुरी से आगे उतार देना जैसा उसने कहा था वैसा ही मुझे करना था but जब कार में पीछे देखा था तो वह गायब हो गया था वह कौन था इस बात को में नहीं जानता था मगर इतना समझ गया था की वह कोई भूत था जोकि गायब हो गया था, उस दिन के बाद यकीन हो गया था की भूत होते है  

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One thought on “केंटीन का भूत एक कहानी, horror stories in hindi”

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