Darawni kahaniya in hindi
Darawni kahaniya, यह भूत की कहानी, एक सच्ची कहानी है जिसे महसूस किया जा सकता है एक गांव जिसमे ऐसा हुआ था जिसके बारे में जब पता चला तो हम यहां पर शेयर कर रहे है जिसके साथ यह घटना हुई थी वो उसी गांव में किसी से मिलने गया हुआ था पर उसे पता नहीं था की ऐसा हो जाएगा
भूत की डरावनी हिंदी कहानी : darawni kahaniya in hindi
darawni kahaniya, यह गांव मैन रोड से काफी दूरी पर है अगर हम कहे तो लगभग सात किलोमीटर होगा सवारी की बात करे तो आसानी से नहीं मिलती है इसलिए इस गांव में जाना का एक शार्ट कट भी है अगर आप रोड से जाए तो घूम कर जाना पड़ता है और शार्ट कट से जाए तो आप समय की बचत कर सकते है यह शार्ट कट रेलवे लाइन से होकर जाना पड़ता है तभी आप यहां पर पहुंच सकते है , जिसने यह बात बताई थी उसी के कहने के अनुसार जब वह कड़ी धूप में उस गांव में जा रहा था तो किसी ने शार्ट कट के बारे बताया उसी शार्ट कट से वह जा रहा था तभी एक रेलगाड़ी आयी और उसके आने पर निचे के रस्ते पर चल पड़े और रेलगाड़ी जाने के बाद फिर रेलवे लाइन पर हो लिए,
दोनों और बस पेड़ ही पेड़ थे पर आस-पास कुछ नहीं था कोई आदमी भी नहीं और होगा भी क्यों इतनी कड़ी धूप में कौन निकलता है जब वह चला जा रहा था तो उसे कुछ महसूस हुआ की कोई उसके पीछे है पर पीछे मुड़ने पर कोई नहीं था तभी उसकी नज़र एक पेड़ पर पड़ी, अगर पेड़ को देखे तो यह छोटा सा पेड़ था उस पेड़ के नीचे कुछ नींबू, एक कंघा, कुछ अंडे, कुछ बाल और एक सीसा, इन सब को देखकर कुछ भी समझ नहीं आ रहा था एक बार तो मन हुआ की देखे की यहां और भी कुछ है या नहीं, पर मन में तो एक ही बात आ रही थी की किसने ये सब किया है और क्यों, यहां तो दूर-दूर तक भी कोई बस्ती नज़र नहीं आती है
इतनी दूर ये सब रखना कुछ समझ से बहार था बस मन में आया की ये सब यहां से दूर फेंक दिया जाए तो ही अच्छा होगा और यह बचकानी हरकत भी आप समझ सकते है की जब कुछ अजीब देखा जाए तो मन करता है की इसके बारे में जाने या हटा दे पता नहीं कोई और क्या सोचेगा बस वही किया सब कुछ फेंक दिया और आगे की और बढ़ने लगे, कुछ दूरी पर चले ही थे की पीछे से तेज कदमो की आवाजे आने लगी और पीछे तो कोई नहीं है फिर ये सब क्या है आवाजे तो आ ही रही थी और अब किसी के बोलने की भी आवाज आयी है पर कुछ समझ नहीं आ रहा था गर्म हवा चल रही थी हो सकता है की हवा की आवाज हो पर ऐसा नहीं था
सामने एक बड़ा ही अजीब जानवर खड़ा था ये भेड़िया था भेड़िया को जब डराना चाहा तो वह डरा नहीं सामने ही खड़ा रहा समझ नहीं आ रहा था की क्या करे एक छोटा सा पत्थर उसकी और फेंका पर वो अपनी जगह से हिला तक नहीं, ऐसा कभी होता तो नहीं है की वह पत्थर से डरे नहीं पर हो भी सकता है अब मन में एक सवाल था की भागो यहां से, अब भागने में ही भलाई थी जब तेजी से भागे और पीछे देखा की कोई आ तो नहीं रहा पर वो तो वही पर खड़ा था कुछ दूरी पर जाकर रुक गए तो देखा वो अब वहा नहीं था वो फिर सामने खड़ा था, इतनी तेजी से ये कैसे यहां आया अब अंदर दर महसूस हो रहा था
darawni kahaniya in hindi, अब तो इतनी तेज भागे की गांव में ही रुके और पीछे वो अब नहीं था ये बात जब पहुंचे तो सभी को बताई तो उन्होंने ने सिर्फ इतना ही कहा की तुम्हे कोई भी चीज नहीं छूनी चाहिए थी वो इसका ही असर हो सकता है जब भी कही किसी सुनसान रास्ते पर जाते है तो वो ही तस्वीर नज़र आती है इसलिए दोस्तों तुम्हे भी कुछ भी नहीं छूना चाहिए जिसके बारे में हमे पता नहीं है, हम जिसके बारे में नहीं जानते है उससे दूर ही रहना चाहिए, जिससे हमारे सामने कोई भी मुसीबत नहीं आएगी,
पेड़ के डर की हिंदी कहानी :- darawni kahaniya in hindi
“डरावनी की कहानी” सुनकर ही बहुत डर लगता है, लेकिन अगर डर से ही सामना हो गया था, क्या महसूस होता है यह बात आप सभी अच्छे से समझ सकते है, यह बात उस समय की है, जब में पहली बार अपने दोस्त के गांव जा रहा था उसने मुझे बुलाया था लेकिन समय का अंदाज़ा न होने की वजह से देर हो गयी थी, जब उसके गांव की मुख्य सड़क के पास पहुंचा तो रात बहुत अधिक हो गयी थी, क्योकि भी नज़र नहीं आ रहा था, डर भी लग रहा था, क्योकि उसका गांव अभी दो किलोमीटर अंदर था,
अब तो जाना ही होगा क्योकि जब यहां तब पहुंच गया हु, तो अब रुकने से कोई फायदा नहीं होगा, मन में बहुत विचार चल रहे थे अब मेरे पास पानी भी समाप्त हो गया था गर्मी के दिन में बहुत प्यास लग रही थी, थोड़ी दूर पहुंचने पर एक पानी का नल नज़र आता है, उससे पानी पीया जा सकता है, जब नल से पानी निकाला जा रहा था, तभी उसके पास एक पेड़ से आवाज आती है, वह आवाज थी की में पेड़ के पास हु तुम मेरे पास आओ मुझे कुछ कहना है, लेकिन कोई नज़र नहीं आ रहा था
मन में यह विचार भी चला रहा था की वह जो भी है, मेरे पास क्यों नहीं आ रहा है, वह मुझे क्यों बुला रहा है, कुछ भी समझ नहीं आ रहा था सोचा की उसके पास जाना चाहिए या नहीं, उस और ध्यान नहीं दिया फिर से आवाज आती है, मुझे तुम्हारी जरूरत है, तुम्हे मेरे पास आना चाहिए जब वह बार बार बुला रहा है तो मुझे ही जाना चाहिए, यही बात सोचकर उस पेड़ के पास जा रहा था तभी पीछे से आवाज आती है, तुम्हे वहा पर नहीं जाना चाहिए, जब में पीछे देखता हु तो एक आदमी पीछे खड़ा था
वह मुझे अपने पास बुलाता है, वह कहता है, की तुम्हे उस जगह पर नहीं जाना चाहिए, वह पेड़ शापित हैं, उस पेड़ के पास कोई नहीं है, सिर्फ आवाज आती है, में अपने घर जा रहा था तभी मेने देकः की तुम उस पेड़ के पास जा रहे हो मेने तुम्हे रोक दिया था, तुम कौन हो यहां पर नए लगते हो क्योकि इस गांव के सभी लोग उस पेड़ के पास नहीं जाते है, उनकी बात मुझे समझ आ गयी थी, मेने सब कुछ बता दिया था, वह कहते है की मेरे सतह गांव में चलो में तुम्हे छोड़ देता हु
darawni kahaniya in hindi, उस आदमी के साथ अपने दोस्त के पहुंच गया था, लेकिन वह डर आज भी मन में है, क्योकि मुझे नहीं लगता था की ऐसा कोई पेड़ है, जो सभी को डरा सकता है उस आदमी की बात से यकीन हो गया था, जब डर लगता है तभी उसका अहसास होता है, अगर आपको भी ऐसा कुछ अपने जीवन में महसूस हुआ है तो हमे जरूर बताये है
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