Bhoot pret real story
Bhoot pret real story, meri kahani, मेरी कहानी भूत प्रेत की कहानी, मेरी कहानी दोस्तों यह मेरी कहानी है जो में आपके सामने लेकर आया हू यह बात उन दिनों की जब बहुत सर्दी पड़ रही थी इतनी ठण्ड थी उस दिन की बताना भी बहुत मुश्किल था और इतनी ठण्ड में अगर आप से बहार जाने को कहा जाए तो आप एक बार जरूर सोचेंगे
मेरी कहानी भूत प्रेत की कहानी : Bhoot pret real story
मेरे पास मेरे दोस्त का फ़ोन आया और उसने कहा की मेरी बाइक बीच में बंद हो गयी है और तुम यह पर जल्दी आ जाओ कुछ दुरी पर एक बाइक को ठीक करने वाला है उसे भी साथ में ले आना जिससे बाइक भी ठीक हो जाए उस वक़्त का समय शाम के सात का था और अब धीरे-धीरे अँधेरा भी हो गया था मेने भी उसे हां कह दी और अपनी बाइक लेकर चल पड़ा जब उसने कहा की उसकी बाइक किसी अजीब सी जगह खराब हुई थी तो मुझे बाद अजीब लगा की वो वह से कैसे आया अब उस रस्ते से कोई आता नहीं था but न जाने वह वहा से कोई आया होगा
यही सब बाते सोचता हुआ में जा रहा था अब मुझे भी उसी रास्ते पर बाइक ले जानी थी तभी वो मुझसे मिल सकता था उस रस्ते पर जाने के दो रस्ते है कही से भी जा सकते है कुछ दुरी पर जाकर मेरी बुके भी बंद हो रही थी अब इसे क्या हो गया एक तो उसकी बाइक और अब यह कुछ भी समझ नहीं आ रहा था, अब उसका दुबारा फ़ोन आया की कहा तक पहुंचे अब मेने कहा की मेरी बाइक भी बंद हो गयी है उसने पहुंचा कितनी दुरी पर तब पता चला की दोनों की दुरी में दो किलो मीटर का फर्क था अब मेने सोचा की यह पर बाइक खड़ी करके उसी के पास चला जाता हू
हां यही ठीक रहेगा ऐसा सोच कर में उसके पास चला गया और कुछ देर चलने पर आखिर में पहुंच ही गया था और अब क्या करे मेरी बाइक वहा पर बंद है और तुम यहां पर खड़े हो चलो इसे भी यही से ले चलते है और तुम बताओ की तुम यहां पर कैसे आये और अब देखो की कितना अँधेरा है दोस्त ने बताया की मैं रोड पर काफी भीड़ थी इसलिए यह छोटा रास्ता ले लिया और कुछ दुरी पर आकर बाइक बंद हो गयी और तुम्हे बुला लिया यार यह रास्ता बहुत ही सुनसान पड़ता है तुम्हे यहां से नहीं आना चाहिए था आगे से ख्याल रखूँगा
जब हम दोनों चल रहे थे तभी ऐसा लग रहा था की हमारे पीछे भी कोई चल रहा है पर जब भी हम पीछे देखते तो कोई नहीं होता अब तो डर भी लग रहा था की आवाज अब जयादा तेज हो चुकी थी बाइक की खराबी होने पर हम भाग भी नहीं सकते थे तभी दोस्त ने जो से बोलना शुर किया इससे क्या होगा मेने पहुंचा, उसने कहा की जो भी होगा डर जाएगा और पीछे नहीं आएगा पर ऐसा होता कहा है और हमारे सामने एक डैम एक झाडी का पेड़ आ गिरा अब हम दोनों एक दूसरे की तरफ देखने लगे और कहा की अब ये क्या है और किसने यहां पर फेंका, इतना अँधेरा था की कुछ दिखाई नहीं दे रहा था
bhoot pret real story, meri kahani, अब हम दोनों के दिमाग में यह ख्याल था की किसी भी तरह ये रास्ता कट जाए आखिर हम बहार आ गए थे और बाइक को ठीक करवाके घर चले गए उसके बाद कोई भी उस रास्ते पर नहीं गया और कभी पता नहीं चला की वहा पर कोन था हमे इसे रस्ते पर कभी नहीं जाना चाहिए जिसके बारे में हमे पता न हो.
मेरी अपनी नयी कहानी : bhoot pret real story
मुझे अभी भी याद है वह सुनसान रास्ता जिस जगह से में कभी भी पहले नहीं गया था, मुझे ऐसा लगता था की यह रास्ता छोटा है, ऐसी वजह से मुझे लग रहा था की यहां से जाना चाहिए, but मुझे नहीं पता था की यह रास्ता मेरे लिए मुसीबत बन सकता था इसी वजह से में उस जगह पर नहीं जाना चाहता था अब भी जब मेरे मन में ख्याल आता है तो वह रास्ता जरूर याद आता है यह उस दिन की बात है जब में ऑफिस से घर आ रहा था,
मुझे लग रहा था की आज मुझे घर जल्दी जाना है, यही कारन था की वह छोटा रास्ता मुझे नज़र आ रहा था but मुझे नहीं पता था की वह छोटा रास्ता मेरे लिए ठीक नहीं है उस वक़्त कुछ भी याद नहीं था तभी अचानक ही एक जगह पर बाइक रुक गयी थी वह स्टार्ट नहीं हो रही थी पता नहीं क्या चल रहा था की यहां पर मेरी बाइक खराब हो गए है इस जगह पर तो कोई भी मुझे नज़र नहीं आ रहा था यह जगह ठीक नहीं थी, तभी एक पेड़ के पास कुछ नज़र आता है यह कोई परछाई नज़र आयी है कौन है उस जगह पर कुछ समझ नहीं आता है
वह परछाई मुझे ही देख रही थी उसे देखकर तो बहुत अधिक डर लग रहा था Because वह नज़र आ रही थी में अपनी बाइक को देख रहा था जोकि स्टार्ट नहीं हुई थी, सोच रहा था की अगर यह स्टार्ट होती है तो शायद इस जगह से निकला जा सकता है but मुझे नहीं लग रहा था की यह बाइक स्टार्ट होगी वह परछाई अब नज़र नहीं आ रही थी वह उस पेड़ के पास नहीं थी, यह कैसे हो सकता है किस जगह पर चली गयी है
Bhoot pret real story | meri kahani
मुझे तो वही से जाना था इसलिए बाइक को धीरे धीरे आगे बढ़ा रहा था वह जगह बहुत डरावनी थी but वह अचानक ही सामने आती है वह परछाई देखने से बहुत डर लग रहा था उसे पार सब कुछ नज़र आ रहा था उसे देखकर बहुत डर भी लग रहा था अचानक ही वह गायब हो जाती है मुझे अब उस जगह पर नहीं रुकना है इसलिए उस जगह से जल्दी से बाइक निकाल रहा था आज भी वह बात याद आती है तो बहुत डर लगता है मुझे उस बात से बहुत परेशानी होती है,
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