dar ki raat very short story in hindi
Dar ki raat very short story in hindi, डर की रात एक कहानी, वो घड़ी बार-बार एक ही समय पर रुक जाती थी, वो वक़्त भी रात का समय था, रात का एक बजे का समय था वो जब उस समय के बारे पता चला, एक दिन की बात है अचानक ही आँखे खुल गयी, आँखे खुलते ही घड़ी पर नज़र गयी और वह घड़ी रुकी हुई थी रात के एक बजे पर, सोचा की कल सुबह उसे ठीक कर लेंगे, but जब आँखे खुली तो देखा की घड़ी फिर से सही समय पर थी, जो घड़ी एक बार रुक जाए और उसके बाद चलने लगे तो सही समय तो हो ही नहीं सकता था,
डर की रात एक कहानी : dar ki raat very short story in hindi
उस घर पर हमे शिफ्ट हुए कुछ ही दिन हुए थे, जब घर लिया था तो सबकुछ ठीक था, but कुछ दिन बाद कभी-कभी कुछ भी बिगड़ जाता है, कुछ दिन से हमेशा कुछ-न-कुछ हो जाता था, आज घड़ी को देखा तो कुछ भी समझ नहीं आ रहा था, अगले दिन सोचा की आज जरूर उस घड़ी को देखा जाएगा, अगली रात को जब समय हुआ तभी आँखे खुल गयी थी, यह समय भी रात का था और उस घड़ी का रुका हुआ समय देखकर भी मन में सवाल आ ही जाता था,
तभी इस बारे में एक दोस्त को बताया और उसने कहा की एक बहुत ही पहोचे हुए बाबा है, वो तुम्हारी समस्या को हल कर सकते है, तुम उनके पास जाओ, जैसा बताया था उसी के अनुसार उस बाबा के पहुंचे, बाबा को लेकर अगले दिन आये और बाबा ने दूर से ही बता दिया की यह घर तुम्हारे लिए ठीक नहीं है, इससे पहले की यहां कुछ हो जाए तुम्हे यह घर छोड़ देना चाहिए,
बाबा की बात मान भी ली जाए तो नया घर एकदम से नहीं मिलता है, but बाबा कह भी ठीक रहे है, बाबा की बात मान तो ली थी, अब अगले दिन का इंतज़ार था, अगली सुबह होते ही हमे यहां से चले जाना था, रात होते ही अब वैसा माहौल नहीं था, अब घर की चीजे हिल रही थी, सभी घर के लोग डर रहे थे, आज रात की ही बात है, but वो भी कैसे कटेगी,
very short story in hindi, सभी घर के लोगो ने सोचा की हम रात को काटने के लिए घर के बाहर ही रहे तो अच्छा है अगर अंदर रहेंगे तो डर भी बहुत लगेगा, सभी लोग सुबह का इंतज़ार कर रहे थे, और सुबह हो भी गयी, सुबह होते ही सारा समान किसी किराये के मकान में रखना पड़ा था, उसके बाद वो लोग कभी उस घर में नहीं गए थे, डर भी बहुत लगता है, but कोई कर भी क्या सकता है,
मेरा डर एक छोटी कहानी : very short story in hindi
मुझे आज बहुत डर लग रहा था, रात हो गयी थी ऐसा लगता था की कोई मेरे पीछे चल रहा है मुझे वह बात याद आती है जोकि में सोचना नहीं चाहता था मुझे तो ऐसा ही लगता है की कोई भूत मेरे पीछे लगातार चल रहा है पीछे मुड़कर देखना नहीं चाहता था ऐसा लगता था की अगर मेने उसे देखा लिया तो पता नहीं क्या होगा, वह भूत मुझे नहीं छोड़ेगा वह लगातार आती आवाज ही मेरे लिए परेशानी पैदा कर रही थी मुझे तो यहां से जल्दी ही निकला जाना चाहिए,
रस्ते में कोई भी नज़र नहीं आता है, पता नहीं आज क्या होगा, अभी तो घर की दुरी भी बहुत है इसलिए तेजी से चलने में ही फायदा होगा, में जितनी तेज चल रहा था वह आवाज भी मेरे साथ आ रही थी वह आवाज चलने पर आती थी अगर में रुक जाता था तो कोई भी आवाज नहीं आती थी, जब ऐसा लगा की मुझे देखना चाहिए की पीछे क्या है तो पीछे कुछ भी नहीं था, वह किस जगह पर चला गया था वह आवाज कहा से आयी थी कोई जानकारी नहीं थी,
Dar ki raat very short story in hindi
कुछ भी समझ नहीं आ रहा था but एक बात थी की वह भूत ही होगा, जो मेरा पीछा कर रहा है इसलिए अब रुकना नहीं है कुछ समय बाद ही मेरा घर भी आ गया था अब मुझे कोई परेशानी नहीं थी but जब पीछे देखा तो फिर भी कोई नहीं था but घर के अंदर जाने पर एक लोहे का तार मेरे जूते में लगा नज़र आया था अब सब कुछ समझ आ गया था की वह आवाज किसकी है, मुझे नहीं पता था की वह आवाज मेरे जूते से आ रही थी और में भूत समझ रहा था, अगर आपको यह छोटी कहानी (Dar ki raat very short story in hindi) पसंद आयी है तो शेयर करे,
डर की रात की दूसरी कहानी : Dar ki raat very short story in hindi
मुझे इस रास्ते से जाते हुए बहुत डर लग रहा है यह रात का समय है और यहां से जाना ठीक नहीं होगा तुम्हें यह बात समझनी चाहिए but तुम तो मेरी बात सुनते ही नहीं हमारा रास्ता कुछ ही दूरी करें गया है इसलिए हमें इस बारे में नहीं सोचना चाहिए तुम्हें आराम से चलते हुए जाना चाहिए भले ही रात हो गई हो but हमें यहां पर शांति बनाए रखनी होगी जिसके बाद हम यहां से आराम से निकल जाएंगे
वह दोनों बातें करते हुए जा रहे थे but तभी उन्हीं का आवाज सुनाई देती है यह आवाज कुछ ही दूरी से आई होगी वह रुक जाते हैं और उस आवाज को समझने की कोशिश करते हैं Because उसके बाद वह जानना चाहते हैं कि आवाज कहां से आई है कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था दोनों के नाम लिए जा रहे थे जिससे कि वह सोच रहे थे कि हमारे बारे में कोई नहीं जानता वह हमारे नाम किस तरह से जान सकता है मुझे समझना चाहिए कोई हमें बुला रहा है
पीछे मुड़कर देखते हैं तो कोई भी नजर नहीं आता हूं लगता है कि कोई शायद हमारे साथ मजाक कर रहा है but सोचने की बात यह है कि यहां पर कौन मजाक कर सकता है Because इस रास्ते पर कोई भी नहीं है रात हो चुकी है और इस अंधेरे में कोई भी हमारे पास नहीं आया है फिर भी वह हमारे नाम जानता है और हमें बुला रहा है बाद में उस तरफ जाते हैं जहां से नाम लिया जाता है but वहां पर तो कोई भी नजर नहीं आ रहा है फिर भी हमारे नाम कौन जानता है वह सोच कर डर जाते हैं और उन्हें ऐसा लगता है कि यहां कोई भूत है जो कि हमें डराने की कोशिश कर रहा है और हमें यहां से निकल जाना चाहिए
Dar ki raat very short story in hindi
वह दोनों भागने की कोशिश करते हैं but उनके पीछे दौड़ता एक इंसान आता है और उसे देखकर वह डर जाते हैं but जैसे ही वह उन्हें रुकने के लिए कहता है तभी पता चलता है कि वह उनका ही को रिश्तेदार था जो कि उनके पीछे आ रहा था काफी पीछे होने की वजह से मैं उनके पास नहीं पहुंच पाया इसलिए दोनों का नाम ले रहा था कभी कभी जीवन में ऐसा लगता है कि यह भूत है या नहीं, but इस बात का पता लगाने से पहले यह समझना चाहिए कि इसके पीछे क्या कारण हो सकता है जिस तरह से उन्हें पता चल गया था कि उनका कोई रिश्तेदार था जो उन्हें आवाज लगा रहा था जिसे भूत समझ रहे थे but भूत नहीं था, अगर आपको यह छोटी कहानी (Dar ki raat very short story in hindi) पसंद आयी है तो शेयर करे,
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