Bhoot ki kahani

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Bhoot ki kahani | Real Ghost stories hindi

भूत की सच्ची कहानी, bhoot ki kahani, (Real ghost stories hindi), (horror story in hindi), यह कहानी चार दोस्तों की है, जो साथ में जाते है उनका सामना भूत से होता है, उनमे से कुछ दोस्त उसी जंगल में मारे जाते है इस कहानी को पढ़कर आपको सच का पता चलता है, 

 भूत की सच्ची कहानी :- Bhoot ki kahani

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bhoot ki kahani

bhoot ki kahani, चार दोस्त बचपन (childhood) के दोस्त थे, उनमें से दो गांव (village) में ही रह गए और दो बाहर शहर (city) पढ़ने के लिए चले गए जिसमें से एक फोटोग्राफी का काम करने लगा उसको फोटो (photo) खींचना और और दूसरी चीजों पर फिल्म बनाने का बहुत शौक था वह दूसरों को दूर दूर जंगलों में जाकर घूमना फिरना और ऊंची ऊंची पहाड़ियों (hill) पर चढ़ने का शौक था. एक दिन उन दोनों दोस्तों (friends) ने यह सोचा कि हम दूर जंगल (forest) में चलते हैं जंगल की सहर भी हो जाएगी और मैं कुछ  फोटो भी ले लूंगा जिस पर मैं फिल्म बनाऊंगा

उस भूत का डर आज भी है भूत कहानी

दोनों वापस अपने गांव आ गए और अपने पुराने दोस्तों के साथ चलने के लिए बोला चारों दोस्त (dost) राजी हो गए और जाने के लिए तैयार हो गए उन दो दोस्त जो शहर से आए थे वे अपने साथ दो लड़कियां भी ले आए, एक दिन एक जंगल (forest)  की तरफ चलने के लिए तैयार हो गए अगले दिन सुबह छह जने जंगल की ओर चल पड़े रास्ते में उन्होंने खाने-पीने का कुछ सामान भी रख लिया जिससे बीच में अगर रात हो जाए तो वहीं पर रुक जाए जंगल बहुत घना और अंधेरा था, जंगल बहुत बड़ा था उन्हें पूरा जंगल पार करना था और जंगल में कुछ ऐसी चीजें भी थी जिन पर हम विश्वास तो नहीं करते लेकिन वह सच में हो सकती हैं जंगल में भूत (bhoot ki kahani) प्रेत का साया (shadow) भी था सभी लोगों ने मना करते थे कि तुम उस जंगल में मत जाओ लेकिन मैंने जो शहर से आए थे. 

उस हवेली का सच कहानी

वह इस बात पर भरोसा नहीं रखते थे कि भूत-प्रेत (bhoot ki kahani) जैसी भी कोई चीज होती है 6 जने नाचते-गाते घूम झूमते अपनी मस्ती में जंगल (forest) की ओर बढ़ रहे थे चलते चलते रात हो गई और उन्होंने उसी एक जगह अपना टेंट लगा लिया but उन्होंने उस जगह तो अच्छी तरह नहीं देखा उस जगह एक पीपल का पेड़ था और उस पेड़ पर मरे हुए आदमियों की खोपड़ी टंगी थी, उन्होंने इस पर ज्यादा विश्वास नहीं किया और उसी पेड़ के नीचे अपना टेंट लगाकर वही रात में खाना बनाने लगे और वहीं रुकने  की तैयारी कर ली उनमें से एक तो इतना पागल था कि उसने जो पेड़ पर मरे हुए आदमियों के खोपड़ी टंगा था उसी को लेकर उसकी ढोलक बना ली और उसमे पैर मारने लगा क्योंकि. 

भूत बंगला रियल कहानी

bhoot ki kahani, हम जैसे लोग भूत-प्रेत (Ghost) जैसी बातों में ना तो विश्वास करते हैं और ना ही ने मानने के लिए तैयार होते हैं जब तक हमारे साथ कोई हादसा ना हो जाए हम इन चीजों को नहीं मान सकते पर यह भी उतना ही सच है अगर भगवान है तो आत्मा (spirit) भी जरूर है और अगर अच्छी आत्मा है तो बुरी आत्मा (spirit) भी जरूर होती ही हैं, सुबह हो गई और छह के छह जाने फिर जंगल (forest) में आगे की ओर बढ़ने लगे उन्होंने कुछ खाने और पीने का सामान ले लिया था अगर किसी को प्यास और भूख लगे तो वह रास्ते में खाते पीते जा रहे थे उनमें से एक सारे कैमरा लेकर सारी वीडियो बना रहा था और हर पल को अपने कैमरे में कैद कर रहा था

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अनसुनी कहानी

चलते चलते दोपहर हो गई और वह छह जाने से थक गए सभी ने सोचा कि क्यों ना थोड़ी देर बैठ कर आराम कर लिया जाए Because जंगल बहुत बड़ा है एक दिन एक या दो दिन में तो यह खत्म नहीं होगा कम से कम तीन चार दिन लग जाएंगे जंगल को पार कर के पहाड़ की चोटी पर पहुंचना और झंडा फहराना जहां कि वह जाना चाहते थे, आराम करने के बाद उन्होंने फिर चलना शुरू किया लेकिन उनमें से एक लड़का जो गांव में रहता था उसकी तबीयत खराब हो गई और उसने कहा मैं ऊपर से पहाड़ी पर नहीं चल पाऊंगा उसके दोस्तों ने कहा कोई बात नहीं तुम यही आराम करो हम बाकी के ऊपर जाकर आते हैं

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उसने कहा ठीक है वह वही आराम करने लगा और और बाकी के लोग ऊपर पहाड़ी पर चढ़ने लगे पहाड़ी पर वह पहुंच गए और उन्होंने वहां जाकर अपनी अपनी वीडियो बनाई और झंडा लहराया but जब वह वापस आने लगे तो उन्हें रास्ता याद नहीं आया और वह जंगल में भटक गए, आप तो उनके पास खाने और पीने का समान भी खत्म हो चुका था Because वह रास्ता भूल गए थे और जंगल में उलटी सीधी तरफ चलने लगे थे जिससे उन्हें पता ही नहीं चल रहा था कि हमें कहां जाना है और कहां नहीं जाना वापस लौटते लौटते उन्हें बहुत रात हो गई

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रात में वह एक पेड़ के नीचे बैठ गए जैसे ही उनमें से एक रात में पानी पीने के लिए उठा तो ऐसी भयानक आवाज आने लगी कि दूसरा भी डर गया और जो उठकर पानी पीने के लिए गया था वह किसी ने पत्थर से मार दिया था जो लड़का कैमरा बना कैमरे में वीडियो बना रहा था वह अपना कैमरा बंद किए बिना ही कैमरा को ऐसे ही रख कर लेट गया और कैमरे में एक अजीब सी परछाई (bhoot ki kahani) आई, जिस में उस लड़के को मारा था उसका चेहरा तो साफ नहीं आया but उसे अजीब सी परछाई कमरे में आ गई बहुत देर बाद जब है पानी पीकर नहीं लौटा तो उसे देखने के लिए और दोस्तों बीच से ढूंढने के लिए चल दिए परंतु वह कहीं नहीं मिला धीरे-धीरे थी दूसरा भी मारा गया और तीसरा भी

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but किसी की यह समझ में नहीं आ रहा था कि कोई कोई कैसे और क्यों मार रहा है आप दो लड़के और एक लड़की बचे थे तीनों रास्ता ढूंढ रहे थे लेकिन अब उनके पास पीने के लिए पानी में नहीं था जंगल इतना घना था कि उसमें जंगली जानवर भी थे इधर उधर भटकने लगे चिल्लाने लगे but उन्हें रास्ता नहीं मिल रहा था, एक लड़का हो वो नीचे छोड़कर आए थे वह वापस घर जा चुका था Because उसे बहुत तेज बुखार हो रहा था और वह गांव में ही रहता था इसलिए उसे रास्ता पता था और वह नीचे अपने गांव चला गया अगले दिन फिर रात हो गई और वो तीनो के तीनो जंगल में इसी तरह भटकने लगे भटकते-भटकते वह एक पेड़ के नीचे लेटे थे कि

डर की रियल कहानी

पीपल का भूत

अचानक एक आवाज आई एक उठ गया तो दूसरे तो किसी ने उसके मुंह पर इतनी तेज पत्थर मारा कि उसके मुंह के चार टुकड़े हो गए दूसरा उठा तो उस पर भी इस तरह तीनो के तीनो मारे गए हे दोस्तों में से सिर्फ एक ही बचा था जो बीमार था और वही रुक गया था और वापस अपने गांव चला गया था, पांचों के पांचों बेमौत मारे गए उन्हें यह नहीं पता था कि उन्हें कौन मार रहा है परंतु जो लड़का वीडियो बना रहा था उसके कैमरे में सब कुछ कह था उसमें दिख रहा था कि कोई साया था जो उनको मार रहा था और जो अपना बदला ले रहा था Because उन्होंने उस पेड़ की जड़ों को खोजा था और उस पर लग पर लटकी मरे हुए इंसानों की के सिरों को इधर-उधर फेंका था

भूतिया अस्पताल

उन्होंने उस पेड़ में आत्माओं (ghost) को जगा दिया था जिन्होंने उन सबको धीरे-धीरे के एक-एक करके मार दिया 2 दिन बाद जब वह वापस लौट कर नहीं आए तो जो लड़का नीचे गया था वह जंगल के सिपाही जंगल में रहने वाले सिपाहियों को लेकर जंगल में है Because सिपाहियों को सारा रास्ता पता होता है, छानबीन करने के बाद उन की लाश मिली और वह कैमरा भी मिला जिसमें सब कुछ रिकॉर्ड हो रहा था कि कैसे कैसे किस-किस ने उन पांचों को मारा और उन बच्चो ने जंगल में कहां रहे कहां रुके और कैसे वह जंगल का रास्ता भूल गए

Bhangarh ka kila

भूतो का संसार

अगर हम किसी चीज को नहीं मानते तो हमें उस चीज को इतना भी नहीं बुरा भला कहना चाहिए कि वह चीज हमारे पीछे ही पड़ जाए यह एक बहुत बड़ा सच है कि भूत हैं और हमेशा ही रहेंगे अगर उन पांचों दोस्तों को यह बात समझ आ जाती तो शायद आज  जिंदा होते और अपने परिवार के साथ होते पर उनमें से किसी ने भी यह समझने की कोशिश नहीं की, इस पर आधारित फिल्म भी बनी है जिसको आप देख सकते है.हम जीवन में कुछ बातो को समझ नहीं पाते है यह भी हो सकता है की हम शायद समझना नहीं चाहते है कभी कभी अनजाने में ऐसा हो जाता है but कभी हम समझकर भी समझना नहीं चाहते है Because जो हमने पहले कभी नहीं देखा है शायद हम उस पर विश्वाश नहीं करते है यही कारण होता है की हम मुसीबत में पड़ जाते है,

खौफनाक जंगल की दास्तां

bhoot ki kahani, कुछ बातो पर हमे यकीन नहीं होता है क्योकि वह सभी घटना हमारे सामने जब तक नहीं होती है, तब तक हम यकीन नहीं करते है, जब वह घटना हमारे सामने होती है तो हम यकीन कर पाते है क्योकि हम बिना देखे किसी पर भी यकीन नहीं करते है भूत की सच्ची कहानी, bhoot ki kahani, Real ghost stories hindi, horror story in hindi, अगर आपको लगता है की यह बात सही है तो आप इस कहानी को शेयर कर सकते है 

 

कब्रिस्तान का भूत हिंदी कहानी 

bhoot ki kahani, मुझे यह सब अच्छा नहीं लगता है की तुम लोग रात के समय में भूत (bhoot) की बात करो, तुम सोचते क्यों नहीं हो, यह बात तुम्हे पता होनी चाहिए की भूत (bhoot) की बात नहीं करनी चाहिए, हमे इन बातो से कोई मतलब नहीं है but तुम अगर सोचते तो ऐसी बात नहीं करते, अच्छा यह बताओ की भूत (bhoot) की बाते करने से कोई भूत (bhoot) आ सकता है, यह सब मुझे पता नहीं है but मुझे इतना पता है की भूत की बात नहीं करनी चाहिए,

डरावनी जगह की कहानी

होटल का भूत कहानी

अब हमे घर की और चलना चाहिए क्योकि रात भी हो चुकी है अब कुछ नहीं करना है वह तीनो दोस्त बात करते हुए घर की और जा रहे थे वह सीधे रस्ते से जा सकते थे मगर अपने दोस्त को डराने के लिए वह कहते है की हमे उस रास्ते से जाना चाहिए यह बात सुनकर वह डर जाता है क्या तुम्हे पता भी है उस रास्ते से कोई भी नहीं जाता है दिन में ही कोई नहीं जाता है but अभी तो रात हो गयी है अब तो उस कोई भी सोच नहीं सकता है, bhoot ki kahani

भूत पीछे पड़ गया कहानी

Because वह कब्रिस्तान का रास्ता है दोनों ने कहा कि हम तो वही से जायँगे और तुम्हे जाना है तो तुम दूसरे रास्ते से जा सकते हो, यह तुम्हे सोचना है हमे जल्दी बताओ वह तीसरा दोस्त कहने लगा की हम साथ में आये थे तो साथ में ही घर जायेंगे वह तीनो कब्रिस्तान के रास्ते से होते हुए अपने घर जा रहे थे वैसे यह रास्ता उनके लिए छोटा भी था Because इससे वह जल्दी पहुंच जाते है रात के समय में तीनो बात करते हुए जा रहे थे जब तक उन्हें वह आवाज नहीं आती है यह किसकी आवाज है

पेड़ के पास कोई है भूत की कहानी

तीसरा दोस्त कहता है की हमे चलते रहना चाहिए यह पर रूककर देखने से कुछ भी नहीं होगा but जब उन्होंने आवाज सुनी थी तो वह दोनों रुक गए थे तभी वह आवाज कहा से आयी है यह जानना चाहते थे कुछ देर बाद ही उन्हें पता चल जाता है की कोई कब्र के पास बैठा है जबकि कुछ समय पहले तो कोई भी नहीं था यह देखकर तीसरा कहता है की हमे चलना चाहिए इससे पहले वह भूत हमारे पास आ जाए

भयानक पेड़ की कहानी

bhoot ki kahani, यह सुनकर दोनों हसने लगते है Because वह जानते है की यह भूत से डरता है और वैसा ही हुआ था वह बैठा हुआ आदमी अचानक ही उनके सामने आ जाता है तीसरा डर जाता है और भागने लगता है but वह दोनों वही बेहोश हो जाते है, सुबह हो गयी थी वह होश में आते है और भाग जाते है इससे उन्हें पता चल गया था किसी का मजाक उड़ाना अच्छा नहीं लगता है कब्रिस्तान का भूत हिंदी कहानी, bhoot ki kahani, horror story in hindi, अगर आपको लगता है की यह बात सही है तो आप इस कहानी को शेयर कर सकते है 

 

रास्ते के भूत की कहानी 

bhoot ki kahani, मुझे आज भी याद है उस दिन जो हमने देखा था

उसके बाद इस बारे में हमने कभी भी बता नहीं की थी, हम दोनों को यही लगता था, की

भूत नहीं होते है, Because हम उन पर विश्वाश नहीं करते है, but जब हमने उसे देखा तो

आज तक उसे भूल नहीं पाये है, यह बात उस समय की है जब मेरे दोस्त ने पूछा था की

मुझे उसके साथ गांव में जाना है अगर में जाने के लिए तैयार हु, तो वह भी चला जाएगा,

उसका गांव मेने कभी भी नहीं देखा था, इसलिए जाने की तेरी शुरू कर दी थी,

एक बंद घर की नयी कहानी

bhoot ki kahani, हम गांव में पहुंचे थे जब शाम हो गयी थी,

यह देरी की वजह उस बस से हुई थी जोकि बीच में ही खराब हो गयी थी हमे नहीं पता था की

यह सब हो जायेगा बस ठीक नहीं हुई थी

मगर उसने सभी को दूसरी बस में शिफ्ट कर दिया था but देर तो हो ही गयी थी,

अब क्या कर सकते है, जब शाम हो गयी तो गांव भी काफी दूर था दिन में कोई सवारी मिल जाती थी,

जोकि गांव में छोड़ सकती थी, but शाम होते ही कोई नज़र नहीं आता था,

अब कोई रास्ता नज़र नहीं आ रहा था हमे पैदल ही जाना होगा, यह बात हमे पता चल गयी थी,

जब देखीं एक आत्मा

bhoot ki kahani, कुछ समय पैदल चलने पर एक परछाई नज़र आती है, यह परछाई किसकी थी, कुछ समझ नहीं आता है, Because हम दोनों की परछाई के साथ चाँद की रौशनी नज़र आती है, उसमे हम तीन नज़र आते है जबकि हम दो ही थे, जब रुक जाते है तो वह परछाई आगे तक जाती है रुक जाती हैं, हमे बहुत डर लग रहा था एक तो वह नज़र नहीं आ रहा था, दूसरा कोई भी नज़र नहीं आ रहा था, रास्ते पर कोई नहीं था, क्या सोचा जाये कुछ भी तो पता नहीं चल रहा था,

अनहोनी एक कहानी

bhoot ki kahani, horror story in hindi, हमे जल्दी ही यहां से दूर जाना है, नहीं तो मुश्किल हो सकती है, हमने चलने की जल्दी की थी, but वह परछाई अब नज़र आ रही थी जोकि रूप ले रही थी, यह देखकर अब बहुत डर लग रहा था हमने भागने की कोशिश की थी, जिससे हम इस मुसीबत से दूर हो जाये, हम गांव में आ गए थे, but वह भूत पीछे ही रह गया था उस दिन के बाद बहुत डर भी लगता है, इस रस्ते पर अब कभी भी नहीं आना है, वह बात तो बहुत पुरानी है, but सोच कर ही डर लगता है, Because यह सब कुछ हमारे साथ हुआ था,

 

जंगल वाला भूत हिंदी कहानी

bhoot ki kahani, horror story in hindi, यह बात भुलाये नहीं भूलती है

मुझे नहीं पता था की मेरे दोस्त के साथ ऐसा भी कुछ हुआ था

वह उस जंगल से पहली बार अपने गांव में आ रहा था उसे नहीं पता था की

उसके साथ क्या हो सकता है

यह रात का समय था कोई आवाज भी नहीं आ रही थी, वह अपने गांव वापिस आ रहा था

वह समय से निकलता था but आज उसे अचानक निकलने में देर हो गयी थी,

उसने सोचा था की बात नहीं है अब जब चल ही दिया हु तो अब क्या सोचना था,

Room no-15 true story of ghost

वह जंगल से जा रहा था वह जानता था यह रास्ता बहुत छोटा है

इससे में जल्दी ही गांव में पहुंच सकता हु, but एक पेड़ बहुत तेजी से हिलता हुआ नज़र आया था

यह क्यों हिल रहा था शायद कोई जानवर पेड़ पर बैठा है उसने ध्यान नहीं दिया था

वह आगे बढ़ता हु जा रहा था but उसका ध्यान नहीं था की वह जिस जगह पर चल रहा था

उसके साथ पेड़ भी हिलता हुआ नज़र आ रहा था, ऐसा लग रहा था

उसके साथ कोई पेड़ को बदलता हुआ साथ में चल रहा था

एक घर की डरावनी कहानी

वह कौन था वह देखने के लिए रुकता है Because उसे लग रहा था कोई है

जो उसके पीछे है वह देखना चाहता है की कोई जानवर है, but उसे वह नज़र नहीं आ रहा था,

वह कोई जानवर नहीं था, जब उसने देखा की यह तो

कोई इंसान जैसा नज़र आ रहा है यह जंगल है,

यहां पर इस वक़्त रात के समय कौन हो सकता है उसे नहीं पता था

उसने पूछा भी था की तुम कौन है but कोई जवाब नहीं मिला था वह अब आगे बढ़ गया था

Because उसे कुछ ठीक नहीं लग रहा था मगर फिर से वही हुआ था वह भी साथ में था

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वह अब डर गया था अब उसे जल्दी ही यह से जाना होगा Because वह कौन है

मुझे नहीं पता था मगर वह अचानक ही सामने आ गया था अब उसे बहुत डर लग रहा था

Because वह तो उसके सामने आ गया है, यह कैसे हो सकता था वह उड़ रहा होगा

तभी मेरे सामने आ गया था वह उसे देखकर बेहोश हो गया था जब होश आया तो

सुबह हो गयी थी, आँखे खुलती है वह अब भागने की कोशिश करता है

वह अपने गांव में ही रुका था उसने सभी को बताया था, but कोई नहीं जानता था की

वह कौन था क्योकि किसी ने भी उसे देखा नहीं था,

भूत का रहस्य

bhoot ki kahani, horror story in hindi, उस दिन के बाद वह कभी भी उस जंगल से घर नहीं आया था Because वह भी नहीं जान पाया था की वह कौन था वह भूत हो सकता है, जोकि उसके सामने आया होगा, वह अब इस बात को समझ गया था की भूत होते है वह कभी भी नज़र आ सकते है, अगर आपको भी लगता है की भूत होते है तो हमे जरूर लिखे.

 

पुरानी भूत की हिंदी कहानी :- horror story in hindi

मुझे आज भी याद है. यह बहुत समय पहले की बात है. में अपने गांव जा रहा था. कोई साधन न मिलने की वजह से मुझे पैदल ही जाना था. रस्ते में कोई नहीं था. यह रास्ता सुनसान था. एक भी आदमी नज़र नहीं आ रहा था. मुझे डर भी लग रहा था. कुछ समय बाद मुझे एक आवाज सुनाई देती है. वह आवाज मेरा पीछा करती है.

 

लेकिन अगर सच में कहे तो कोई भी मेरे पीछे नहीं था. डर बहुत लग रहा था. क्योकि वह आवाज मेरे पीछे से आयी थी. अब गांव की दुरी बहुत कम रह गयी थी. मुझे लगता था. अगर यहां पर कोई भूत है मुझ पर वह हमला कर सकता है इसलिए में तेजी से चलने लगता था. वह आवाज भी बहुत तेज हो जाती है. उसके बाद वह मेरा नाम पुकारता है. वह मेरा नाम कैसे जानता है. अब बिलकुल समझ आ गया था. वह कोई भूत हो सकता है. इसलिए में बहुत अधिक डर गया था.

वो सुनसान रास्ता

bhoot ki kahani, horror story in hindi, उसके बाद में बहुत तेजी से भागता हु क्योकि अब मुझे यहां पर बहुत डर लग रहा था, में बहुत तेज भागता जा रहा था. उसके बाद जब घर आया तो में रुक गया था. आज मुझे सच में बहुत अधिक डर लग रहा था. क्योकि ऐसा मेरे साथ में कभी नहीं हुआ था. उसके बाद समझ गया था. यहां पर भूत होते है क्योकि जब मेरा साथ में यह हुआ था तभी मुझे यकीन हो गया था. वैसे में इन बातो पर यकीन नहीं करता हु. यह बात भूत की घटना बहुत समय पहले की है. लेकिन यद् आने पर बहुत डर लगता है.

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10 thoughts on “Bhoot ki kahani”

  1. jinnat ki dosti ek yesi kahani he jo sachhe dost ya pariwar na nibha paye yesi jinnat ki dosti

  2. Darawni Story says:

    Kahani bahut achi hai.

  3. Is picture ka naam ky hI

  4. Yudh veer singh says:

    Aapki kahani bahut achhi kahani hai in kahanio se hame prendha milti hai ki kabhi n kabhi hame bhi yesi paresanio ka samna karna padta hai duniahub.in ke liye dil se dhanyabad

  5. Deepak Tiwari says:

    It is really story . and film is 6-5=2 bcoz out of 6 1 person who left . and other who kill all other

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