होटल का भूत कहानी, real horror story in hindi

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Real horror story in hindi 2023

Real horror story in hindi 2023, मुझे ऐसा लगता है की उस होटल में जरूर कुछ है, हमे यहां पर आये हुए लगभग दो दिन हो गए है मगर कुछ बात ऐसी है जो हमारी समझ में नहीं आती है

होटल का भूत कहानी : Real horror story in hindi 2023

मुझे पता नहीं ऐसा क्यो लगता है, की कोई हमारे अलावा भी यहां पर है, मगर वह कौन है यह बात हम नहीं जानते है दूसरा दोस्त कहता है की तुम्हे पता नहीं क्या हो गया है तुम किसी की बात कर रहे है क्योकि मुझे नहीं लगता है की यहां पर कोई है, अब रात हो गयी है अब तुम्हे सो जाना चाहिए इस बारे में हम कल बात जरूर करेंगे,

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real horror story in hindi

वह दोनों सो जाते है हमारे दोनों ही कहानी के किरदार यहां पर किसी काम से आये है वह दोनों ही इस शहर में पहली बार आये है और कुछ दिन बाद यहां से चले जायँगे उनके रहने की जगह और कोई नहीं थी इसलिए वह एक होटल में रुक गए थे क्योकि और किसी जगह के बारे में वह नहीं जानते थे, मगर उसका दोस्त जिसका नाम रमन है, वह थोड़ा डरा हुआ महसूस कर रहा है पता नहीं उसे क्या नज़र आता है वह क्या सोचता है रमन थोड़ा अलग ही सोचता है उसे ऐसा लगता है की कोई यहां पर है

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मगर संजीव को ऐसा नहीं लगता है क्योकि वह रमन की बता पर विश्वास नहीं करता है क्योकि वह ऐसी बात को कह रहा है जिस पर यकीन करना मुश्किल हो रहा है वह भूत की बातो में यकीन नहीं करता है उसका तो यही कहना है की जो दिखायी नहीं देता है उस पर यकीन नहीं किया जा सकता है इसलिए वह उस बात को नहीं मानता है मगर रमन का कहना है की जो दिखायी नहीं देता है तो इसका मतलब यह नहीं है की वह इस दुनिया में नहीं है

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दोनों की बात अलग है और उनके विचार भी अलग है मगर रमन ने जब वह पहली बार इस होटल में आया था तो उसने कुछ महसूस किया था, जो उसने महसूस किया था वही संजीव को महसूस नहीं हुआ था यह बात अलग है की उसे क्यों महसूस नहीं हुआ था मगर कुछ भी हो उस होटल में कुछ तो ऐसा था जो सोचने पर मजूबर कर रहा था वह क्या था यह बता सोचने की थी, जब सुबह हुई तो रमन उठ गया था और वह घूम रहा था रमन ने फिर किसी को बाहर देखा था

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इस होटल के सामने एक जंगल पड़ता था उस जगह पर कुछ अजीब नज़र आता है जिसे रमन हमेशा देखा करता था कुछ ऐसी चीजे में रमन ने महसूस की थी की जिससे वह सोचने पर मजूबर था सबसे पहली बात उस होटल के कमरे में कुछ आवाज आती थी जब भी संजीव को उठाना चाहा तो उसने ध्यान नहीं दिया था बहुत बार रमन को यह भी लग रहा था की कोई कमरे की छत पर है मगर जब देखा तो कोई नहीं था रमन के साथ बहुत कुछ अलग भी हुआ था जिसे वह महसूस कर रहा था

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मगर अभी तो सुबह हो गयी थी वह दोनों ही बाहर चले गए थे जब वह शाम को होटल आये तो बहुत थक गए थे क्योकि वह बाहर से आये थे और सफर करके बहुत थक गए थे अब उन्होंने खाना खाया था और आराम करने चले गए थे उनके कमरे की खिड़की खुली हुई थी जबकि वह बंद करके गए थे उनका ज्यादा ध्यान नहीं गया था कुछ देर बाद ही वह दोनों सो गए थे रमन रात को बीच में उठा था शायद उसे प्यास लगी थी वह उठा और पानी पीने गया था

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मगर जैसे ही उसने फ्रिज को खोला था तो उसमे उसे कुछ नज़र आया था जैसे कोई उसके नादर है वह डर गया था और अपने बिस्तर पर चल गया था साथ ही उसने सब्जीव को भी उठाया था संजीव को बहुत नींद आ रही थी क्योकि वह बहुत ज्यादा थक गया था उसने बताया की कोई फ्रिज में है, मगर संजीव ने कहा की कोई नहीं है और तुम सो जाओ रात के समय में भी तुम्हे जागना है मगर रमन को आज नींद नहीं आने वाली थी वह तो उसी बता को सोच रहा था वह फिर से उठा और वही पर जाने लगा था      

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क्योकि उसे देखना था की वह कौन है मगर अब वह पर कोई नहीं था, रमन को लगता था की कोई तो इस कमरे में है जो हमे नज़र नहीं आता है क्योकि जब रमन पानी पी कर कमरे में जा रहा था तो उसे नज़र आ रहा था की छत पर कोई चल रहा है जिसकी परछाई नज़र आ रही थी उसकी परछाई बहुत बड़ी थी वह उन्हें देखकर बहुत डर भी रहा था मगर वह ऊपर नहीं देखना चाहता था वह संजीव के पास जाता है वह परछायी भी उसी और जाती है

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वह संजीव को जगाता है संजीव नींद में था वह कहता है की मुझे तुमसे जरुरी बात करनी है, संजीव कहता है की सुबह हो गयी है रमन कहता है की सुबह का तो पता नहीं है अगर तुम नहीं उठे तो बहुत देर हो सकती है संजीव जाग जाता है रमन उसके कान में कुछ कहता है उसके बाद सनीव नीचे देखता है और डर जाता है वह रमन की और देखता है और कहता है की अब क्या करे रमन कहता है की में तो तुमसे बहुत बार कहता था मगर तुम कभी भी मेरी बात नहीं मानते थे अब बताओ, संजीव कहता है की हमे ऊपर देखना चाहिए

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वह दोनों जैसे ही ऊपर देखते है उस जगह पर कोई नहीं होता है मगर अब दोनों समझ गए थे की या पर रुकना ठीक नहीं है उसी वक़्त वह वहा से चले जाते है रास्ते में रमन कहता है की में पीछे कई दिनों से ऐसा यही सोचा रहा था की वह क्या है जो नज़र नहीं आता है मगर अब जब नज़र आया तो हम दोनों निकल आये है, लेकिन कोई नहीं जानता है की वह क्या है,

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हमे जीवन में कभी कभी ऐसा लगता है. जो हम जानते है. वह पूरा है. मगर ऐसा नहीं है. हम जितना जानते है. वह अभी काफी नहीं है. जितना नहीं जानते है. वह बहुत कुछ है. इसलिए हमारी बाते कुछ हद तक सिमित है. मगर अभी भी हमे बहुत कुछ जानना है. होटल का भूत कहानी, real horror story in hindi, अगर आपको यह कहानी पसंद आयी है तो जरूर शेयर करे.    

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