Real ghost stories in hindi | Bhoot ki kahani
असली भूत की कहानी :- real ghost stories in hindi, आज मैं आपको अपने साथ बीती उस खौफनाक रात के बारे मैं बताने जा रहा हु, जब मेरा सामना एक असली भूत (bhoot ki kahani) से हुआ था और जैसी ही मैं उस रात को याद करता हु तो, आज भी मेरी रूह काँप उठती है. ऐसी रात जो कभी भी भुलाये ना भूले. ये बात उस दिन की है
असली भूत की कहानी : real ghost stories in hindi
जब मैं अपने दोस्तों के साथ राजस्थान मैं घूमने के लिए जा रहा था.(real ghost stories in hindi) हम सब रात मैं निकले थे राजस्थान जाने के लिए, वो भी कार से. क्योकि हम लगभग आठ लोग थे और सभी एक दूसरे को बहुत ही अच्छे से जानते थे. हम सब एक ही कंपनी मैं काम करते थे. लेकिन जब वो घटना हमारे साथ घटी, तो तब से हम आज तक कभी भी एक दूसरे से नहीं मिले.
मेरा नाम सूरज ठाकुर है और मैं उत्तराखंड का रहने वाला हु. मेरे बाकि सब दोस्त भी यही के रहने वाले है. अब मैं बताता हु की हमारे साथ आखिर मैं हुआ क्या था. रात के लगभग 12.30 बजे थे जब हम कार से राजस्थान जा रहे थे तो रास्ते मैं हमे एक सुरंग से गुजरना था, तो ड्राइवर ने कहाँ की आप सब ध्यान से बैठना क्योकि मैं इस सुरंग से कुछ तेजी से कार को निकलूंगा, क्योकि ये बहुत ही खतरनाक सुरंग है और इसमें ज्यादातर हादसे ही होते रहते है. लोगो का ऐसा मानना है की यह पर किसी भूत के कारण ऐसा होता है. मैंने कहाँ ” यार डरा मत ऐसा कुछ भी नहीं होता है “.
हमने उसकी बातो पर ध्यान नहीं दिया और चल दिए सुरंग की और. सुरंग की लम्बाई लगभग 2 किलोमीटर थी. सुरंग मैं हलकी सी रौशनी थी लेकिन इतनी नहीं की दिन की तरह उजाला रहे. कार चल रही थी कुछ लगभग 1.5 मील ही चली थी की तभी कार के टायर फटने की आवाज बहुत ही तेज आयी और ड्राइवर द्वारा कार रोक दिया गया. हम सब कार से निचे उतरे तो देखा की टायर तो सरे ठीक थी तो फिर आवाज कहाँ से आयी. ड्राइवर ने कहाँ की साहब लगता है की ये उसी भूत का काम है जो की इस सुरंग मैं रहता है. हमने कहाँ चलो गाड़ी चलाओ , सुरंग मैं भूत है पागल बना रहा है हमारा.
हमारी कार फिर से चल दी अपनी मंजिल की और. कुछ दूर जाते ही फिर से आवाज आयी और इस बार सच मैं ही टायर फट गया था कार का. लेकिन वो किसी चीज़ से नहीं बल्कि पूरी तरह से ही ख़राब हो चूका था. कार मैं दूसरा टायर भी नहीं था जो की बदला जा सके. अब क्या अब तो या तो किसी का इंतज़ार करो या फिर पैदल ही निकला लो. हमने खुद जाने का निश्चिय किया और चल दिया पैदल. जब हम चल रहे थे तो हमे ऐसा लग रहा था की कोई तो है जो हमारे साथ साथ चल रहा है. किसी के साथ चलने का अहसास साफ़ साफ़ पता चल रहा था. लेकिन हम कुछ न सोचते हुए यहां से बाहर निकलना चाहते थे.
सब दोस्त मेरे आगे ही चल रहे थे लेकिन कुछ दूर चलने के बाद मुझे किसी ने आवाज लगाई वो भी मेरे नाम से “सूरजजज्जज” और मैं एक दम से पीछे मुड़ा तो देखा की कोई भी नहीं था. तो फिर ये आवाज किसने लगाई, मैंने अपने सभी दोस्तों से पूछा तो सभी ने ये कहाँ की हमने तुम्हे कोई भी आवाज नहीं लगाई थी. मैं फिर चल दिय बिना कुछ सोचे समझे. फिर कुछ देर बाद कोई बोला ” सूरजजज्जजज “. उसकी आवाज मैं बहुत ही दर्द था. मानो जैसे कोई दर्द से करहा रहा हो. अब मैं रुक गया और ये देखने लगा की कोण मुझे आवाज लगा रहा है. मेरे सरे दोस्त आगे बढ़ चुके थे, बस मैं ही अकेला था वहा पर.
मैंने देखा की की मुझे सुरंग के एक कोने मैं खड़ा सा नज़र आ रहा था. लेकिन वो कौन था , ये साफ़ नज़र नहीं आ रहा था. तो मैं उसकी और उसे देखने के लिए चल दिया, जैसे ही मैं उसके पास पंहुचा तो मैं क्या देखता हु की , वो इंसान कोई और नहीं बल्कि वो भूत (bhoot ki kahani) था उसे देख कर मैं एक दम से डर गया. क्योकि मैं एक असली का भूत देख लिया था. उसने मेरी और अपने हाथ ही बढ़ाये थे की तभी मैं जोर से चिल्लाया और एक दम से बेहोश हो गया. जब मुझे होश आया तो मेरे सरे दोस्त मेरे आस पास ही खड़े थे. जब भी मैं उस दिन को याद करता हु तो मैं बहुत ही डर जाता हु.
भूत की बातो पर जल्दी से यकीन नहीं होता है क्योकि जब कोई देख नहीं पाता है तो यकीन करना बहुत मुश्किल होता है मगर जो देख लेता है वही इस बात पर यकीन कर सकता है, जैसा की मेरे साथ में हुआ था ये मेरी भूत देखने की एक सच्ची कहानी है. असली भूत की कहानी, real ghost stories in hindi, अगर आपको यह कहानी (bhoot ki kahani) पसंद आयी है तो शेयर जरूर करे
उस परछाई से डर की हिंदी कहानी :- real ghost stories in hindi
वह दोनों दोस्त रास्ता भटक चुके थे हैं उन्हें इस बारे में कोई ज्ञान नहीं था कि यह रास्ता उनके लिए कितना सही हो सकता है रात का समय हो रहा था और उन्हें अपने गांव में जल्दी पहुंचना था लेकिन यह इतना आसान नहीं था जितना उन्हें लग रहा था वह दोनों दोस्त बातें करते हुए जा रहे थे उन्हें लग रहा था कि हम जल्दी ही “गांव” की सीमा तक पहुंच जाएंगे लेकिन यह “जंगल का रास्ता” उन्हें आगे बढ़ने नहीं दे रहा था
वह इस जंगल में अचानक ही आकर फस गए थे वह सोच रहे थे कि यह गांव के लिए छोटा रास्ता साबित हो सकता है लेकिन उनकी यह सोच उनके लिए मुसीबत बन गई थी क्योंकि वह रास्ता नहीं खोज पा रहे थे रात के समय में “जंगल में रास्ता” दिखाई देना आसान नहीं था उनके पास रोशनी के लिए भी कुछ ऐसा नहीं था जिससे कि वह रास्ते को समझ पाए लेकिन वह इतना समझ चुके थे कि उन्होंने यहां पर आकर बहुत बड़ी गलती की है शायद इस गलती को वह सुधारना चाहते थे
इसलिए वह कहते हैं कि हमें आज रात को यहीं पर रुकना होगा और सुबह के समय यहां से चले जाना होगा क्योंकि अगर हम रात के समय में चलते हैं तो हमें रास्ते का ज्ञान नहीं होगा और हम आगे नहीं बढ़ पाएंगे दोनों ने मिलकर यही फैसला किया और सोचने लगे कि रात को हमें यही पर रुकना होगा लेकिन एक अच्छी जगह की तलाश करना उनके लिए और भी समस्या बढ़ गई थी उन्होंने सोचा कि अगर इस जंगल में कोई जानवर हुआ तो हम पर हमला कर सकता है
इसलिए उन्होंने एक पेड़ पर बैठ कर रहा निगरानी करने का फैसला किया वह दोनों दोस्त एक पेड़ पर चढ़कर बैठ जाते हैं और वहीं से देखते हैं कि शायद उन्हें मुसीबत का सामना ना करना पड़े लेकिन कुछ देर बाद ही उन्हें एक आवाज आती है यह आवाज किसकी हो सकती है वह इस बात को समझ नहीं पा रहे थे तभी उनकी नजर एक ऐसी “परछाई” पड़ जाती है जिसे देखकर वह डर जाते हैं और सोचते हैं कि यह कौन है और वह “परछाई” पेड़ के पास आकर रुक जाती है शायद उसे ऐसा लगता है कि यहां पर कोई था
वह उसे खोजने की कोशिश करती है लेकिन वह दोनों इतने डर चुके थे कि अब वह सांस लेने में भी बड़ी सावधानी बरत रहे थे क्योंकि वह समझ गए थे कि यह कोई आदमी नहीं है बल्कि कोई “परछाई” है जो हम पर हमला कर सकती है इसलिए हमें यही पर छुपकर रहना होगा जब तक कि यह यहां से चली ना जाए आज वह उस चीज को देख चुके थे जिसके बारे में लोगों से उन्होंने सुना था उन्हें पता चल गया था कि यह भूत से कम नहीं है अगर इसने हमें देख लिया तो हम शायद यहां से बच नहीं पाएंगे इसलिए वह दोनों छुपकर वहीं पर बैठे रहे
वह “परछाई” उस पेड़ के चारों ओर घूमकर वापस चली गई सुबह तक उनकी आंखें खुली रही उन्हें लग रहा था कि अगर हम सो गए तो किसी भी समस्या का सामना करना पड़ सकता है सुबह होने के बाद वह पेड़ से उतरकर वहां से भागने में ही भलाई सोचते हैं उसके बाद वह गांव में पहुंच जाते हैं और इस घटना के बारे में बताते हैं लेकिन गांव वालों को इस बारे में कोई यकीन नहीं होता क्योंकि उन्होंने आज तक इस बारे में कुछ भी नहीं सुना था उन्हें लग रहा था कि शायद उन्हें धोखा हुआ है जिसकी वजह से उसे वह “भूत” समझ रहे हैं
real ghost stories in hindi, जबकि वह कोई और भी हो सकता है गांव वालों ने उसकी बात पर यकीन नहीं किया था लेकिन वे इस बात को समझ गए थे कि वह बहुत ही “डरावनी” बात है कोई गांव का व्यक्ति उनकी बातों पर विश्वास नहीं कर रहा था लेकिन वह इस बारे में बात नहीं करना चाहते थे क्योंकि उन्होंने जो देखा तो उन्होंने बता दिया किसी को विश्वास हो या ना हो लेकिन वह अपनी बातों का ही चुके हैं
रात के सफर में भूत का समाना :- Real ghost stories in hindi
real ghost stories in hindi, रात के समय में यह बस खराब हो गयी है, अभी तो हमने अधिक दुरी भी तय नहीं की थी, वह बस खराब हो गयी थी, अब आगे नहीं बढ़ सकती थी, इसलिए हम दोनों वही पर उतर गए थे, रात का समय हो रहा था यह अच्छी बात नहीं थी, but जब ध्यान से देखा तो हमे एक जंगल होता हुआ रास्ता नज़र आया था उस रस्ते को पर करके हम अपने गांव में पहुंच सकते थे, बस को अभी कुछ ही दुरी तय करनी थी, उसके बाद हम पहुंच सकते थे, but क्या जंगल के रास्ते से जाना ठीक होगा,
यह विचार भी अच्छा था Because रात के समय में हमे मुसीबत हो सकती थी, इसलिए हम दोनों उस रस्ते से नहीं जा सकते थे, मैन रोड से ही आगे बढ़ने लगते है, Because यह रास्ता ठीक है, हमे कोई आगे सवारी भी मिल सकती है मन में यही विचार था आगे बढ़ते हुए जा रहे थे but मेरे दोस्त के मन में अनेक सवाल चल रहे थे यहां पर अगर कोई भूत आ गया तो क्या होगा उसकी बात सुनकर कुछ ठीक नहीं लग रहा था Because हम दो ही थे इस बारे में बात नहीं करनी चाहिए हमे आगे बढ़ना है
कुछ दुरी तय करने के बाद एक बहुत पुरानी कार नज़र आती है, वह कार अब नहीं चलती है, but अब हमे लगता था की हमे सवारी मिल गयी है, हमने उसे रोकना चाहा था कुछ दुरी पर जाकर वह कार रुक जाती है, हमे लगता है की अब हम जल्दी ही पहुंच सकते है, उस कार में कौन बैठा था हमे उसका चेहरा नज़र नहीं आता है, but उससे पूछा जाता है की हमे कुछ दुरी पर उतरना है अगर आप हमारी मदद कर सकते है, तो बहुत अच्छा होगा,
वह कुछ नहीं बोला था, but उसने दरवाजा खोल दिया था हम पीछे की सीट पर बैठ जाते है कार चलने लगती है, हम दोनों के मन में बहुत से सवाल थे, यह बात नहीं कर रहा है, कुछ समझ नहीं आ रहा है, हमने उससे बहुत से सवाल भी किये थे, but कुछ समय बाद ही कार रुक जाती है, अब वह कार में नहीं था ऐसा लग रहा था की कार में कोई भी नहीं है, यह कैसे हो सकता है, यहां पर तो कोई भी नहीं है, हम दोनों कार से बाहर आ गए थे, वह कहा चला गया है,
real ghost stories in hindi | bhoot ki kahani
यह देखकर तो बहुत डर लग रहा था Because वह गायब था कुछ समय बाद ही वह कार भी गायब थी उस जगह पर रुकना ठीक नहीं था, उस दिन पता चल गया था की भूत कही पर भी आ सकता है, यह बात हमे आज भी याद है, इसलिए रात का सफर करना हमे पसंद नहीं है,
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