Moral stories hindi
Moral stories hindi, ट्रैन आकर रुकी और संजीव जी ट्रैन के डिब्बे में चढ़े और ट्रैन कुछ ही पल में चल दी अपने कोच में जैसे ही पहुचे तो उसी कोच में मोहन जी दिखे,
हमारे रिश्ते एक मोरल हिंदी कहानी :- moral stories hindi
अरे, मोहन जी आप यहाँ,
हां, और तुम भी यहाँ,
मोहन जी आप यहाँ, कैसे
अरे मेरी छोड़िये आप बताये आप कैसे है,
संजीव जी ने कहा की में तो अक्सर ऐसी गाडी से जाता हु और तुम सुनाओ कैसे हो
में तो बस ठीक ही हु, और संजीव अब भाभी की तबियत कैसी है.
उसकी तबीयत अब कैसी होगी वो तो अब रही ही नहीं.,
मोहन जी ने कहा की अरे यार पता ही नहीं चला हमे तो, एक हमारी है जो आज भी यही चिपकी की है.
संजीव जी यार अब तो उम्र ही हो चली है, अब शरीर में इतना दम कहा है की वो सब बीमारी को झेल पाए,
और सुनाओ संजीव क्या केर रहे हो अब,
कुछ नहीं अब रिटायर हो गया हु और एक N .G .O खोला है बीएस उसी को चला रहा हु और साथ में कुछ मकान बनाये है किराये पर देने के लिए, जिससे कुछ खर्चा ही निकल जाए. मोहन ने कहा की यार वो दिन अब कहा है जब हम एक साथ स्कूल जाते थे और साथ में ही खेल करते थे,
संजीव, हां यार अब तो वो बच्पन्न की याद ही रह गयी अब कहा वो असलियत की ज़िन्दगी, और पता नहीं अब और कितने दिन बचे है इस ज़िन्दगी में, बस अकेले रहता हू बहु और बच्चे अलग रहते है और वो भी अपने काम में व्यस्त ही रहते है साल भर में ही मुलाकात होती है, और कभी शायद वो भी नहीं होती,
कभी कभी इंसान का जीवन ऐसे ही बीत जाता है और वो कुछ भी नहीं कर पाता, और कभी कभी कुछ कर भी ले तो कुछ भी नहीं होता, और साड़ी ज़िन्दगी हमेशा सोचता ही रहता है, मोहन, हां सुच है यार हम अपने बच्चे को हमेशा यही सोचते रहते है की एक दिन वो हमारे काम जरूर आयँगे, पर ऐसा कभी होता ही नहीं , हमे उनसे चाहिए कितना ही है बस थोड़ा साथ ही तो पर यार लगता है की ये तो एक सपना ही है और ऐसी सपने के साथ ही तो हमे जीना है.
दोनों की बाते सुनते ही ऐसा लगता है की जीवन की ये बड़ी कड़वी सचाई है, जिसे लगभग हर व्यक्ति के सामने आते ही ये अंदर से इंसान को थोड़ डालती है. संजीव, अब यार कर भी क्या सकते है हम जो ज़िन्दगी है बची है उसे जी ही तो सकते है और एक दिन चले जाएंगे, इस बात को सुन क्र मोहन जी की आँखों में तो आंसू ही आ गए, अरे यार में हू तो सही अकेला कहा है यार तू,
मेरे जीवन का निर्णय प्रेरणादायक हिन्दी कहानी
moral stories hindi, दोस्तों जीवन में बहुत ही ऐसे अवसर आते है की हम जीवन में बहुत बड़े फैसले ले लेते है और वो भी बिना सोचे, अगर आप भी जीवन में कभी भी गलत फैसले से बचना चाहते है तो उस फैसले से लेने से पहले हज़ार बार सोचे तभी कोई निर्णय ले.
रिश्ते निभाते रहे एक सुंदर विचार :- moral stories hindi
एक समय था जब सभी लोग एक दूसरे से मिलने आया करते थे सभी लोग बातें किया करते थे और उन बातों से ऐसा लगता था कि अपनापन बहुत अधिक हो गया है but आज की दुनिया में सभी लोग व्यस्त हो गए हैं जिसकी वजह से कोई भी किसी के पास नहीं जा पा रहा है और “रिश्ते” भी धीरे-धीरे फीके पड़ते जा रहे हैं ऐसा लगता है कि अब “रिश्ते” सिर्फ नाम के रह गए हैं
उन्हें निभाने के लिए अब इंसान एक दूसरे से मिलने के लिए समय भी नहीं निकाल पाता समय निकालने से ही हम समय निकालेंगे नहीं तो एक दूसरे से कैसे मिल पाएंगे शायद यह जीवन में आगे आने वाली समस्याओं को और बढ़ा देगा और यह दूरियां जो कि हमें नजर आ रही हैं धीरे-धीरे बढ़ती जाएंगी इन्हें कम कैसे किया जा सकता है यह बात भी हमें ही सोचनी है पहले जमाने में परेशानी आने पर सभी लोग एक दूसरे की बातों पर ध्यान से सुनने लगते थे
but आज तो कोई भी ध्यान देने के लिए तैयार ही नहीं होता है अगर तुम किसी को भी अपनी तकलीफ बताते हो तो वह दूसरी ओर देखने लगता है शायद उसे आपकी किसी भी तकलीफ में कोई रुचि नहीं है आज इंसान चारों तरफ भाग रहा है वह कहीं भी ठहर नहीं पा रहा है क्योंकि उसका मन चारों तरफ से विचलित हो चुका है वह सब कुछ पाना चाहता है लेकिन सही मायने में वह जीवन को समझ नहीं पा रहा है
वह इस भागदौड़ की जिंदगी में अपने आप को इतना व्यस्त कर चुका है कि वह किसी से मिलने के लिए भी तैयार नहीं होता है क्योंकि उसके पास समय नहीं होगा वह अपने काम को अधिक समय दे रहा है जिसकी वजह से वह अपने रिश्तो को दूरियों में बदलते हुए देख रहा है आज एक घर में रहते हुए भी लोग एक दूसरे से बहुत ही कम बोलचाल करते हैं क्योंकि शायद उनके पास समय नहीं है
वह इस बात को भी नहीं समझ रहे हैं कि जब हम साथ में रहते हैं तो हमें बोल देना चाहिए अगर हम एक दूसरे से बात नहीं करेंगे तो एक दूसरे की तकलीफ को कैसे समझाएंगे जब तक हम तकलीफ हो को नहीं समझेंगे तो उनका हल कैसे निकाल पाएंगे पहले पड़ोसी भी समस्या पर आ जाया करता था लेकिन आज इतना व्यस्त हो गया है आदमी के पड़ोस में कौन रहता है शायद इस बात की भी जानकारी बहुत ही कम होती है क्योंकि उनके पास मिलने का समय नहीं है
बात करने का समय नहीं है और जब तक ऐसा चलता रहेगा एक दूसरे के प्रति जो प्रेम है वह भी नहीं हो पाएगा दूरियां बढ़ती जाएंगी और यह दूरियां कभी कम नहीं होगी जब तक हम शुरुआत नहीं करेंगे यह दूरियां बढ़ती ही रहेगी समय ऐसा भी आएगा कि आपको सब कुछ याद आएगा और आपको लगेगा कि जो आपने किया है वह गलत किया है लेकिन तब तक समय निकल चुका होगा जब समय निकल जाएगा तो आपके द्वारा किए गए किसी भी काम का फल आपको नहीं मिलने वाला है
इसलिए समय रहते ही अपने आप को समझ लेना बहुत जरूरी होता है एक दूसरे के प्रति जो भी प्रेम है उसे बढ़ाने में मदद करनी चाहिए एक दूसरों की बातें सुननी चाहिए उनके समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए और उन्हें दूर करने पर विचार करना चाहिए ना कि अपने आप में ही व्यस्त रहना चाहिए हमारे मेलजोल से ही हमारे रिश्तो में अच्छी तरह से मजबूती आएगी जब यह मजबूती आएगी तो आपके द्वारा किए गए सभी काम दूसरों के भलाई में होंगे
moral stories hindi, इसलिए जीवन को समझें यह जीवन आपके लिए है और दूसरों के प्रति हमेशा ही कार्य करते रहें उनकी भावनाओं को समझें यही जीवन है उसके उसके बाद कोई नहीं जानता है कि क्या होगा जब तक जीवन है तब तक एक दूसरे के साथ रहिए और बातें करते रहिए एक दूसरे की तकलीफ को सुनिए और उन्हें दूर करिए शायद यही जीवन की अच्छी शुरुआत हो सकती है
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