Bhoot ki story
भूत की सच्ची घटना
bhoot ki story, ये मेरी भूत को देखने की एक सच्ची घटना है. मैं पेशे से एक किसान हु और मेरा नाम जगमोहन है. वैसे तो मैं भूतो पर बिलकुल भी विस्वास नहीं करता हु , लेकिन जब मैंने खुद ही भूत को देखा तो मैं उन पर विसवास करने लग गया. मैं अक्सर रात को अपने खेतो मैं पानी देने के लिए जाता हु. उस दिन भी मैं ही गया था रात को खेतो पर. मैंने अपने खेत पर ही एक कुटिया बना रखी है, जिसमे मैं कभी रात को लेट हो जाओ तो वही पर सो जाता हु.उस रात भी कुछ ऐसा ही हुआ , मुझे काफी रात हो गयी थी खेत मैं पानी देते हुए. तो मैंने रात को खेत पर ही सोने का फैसला लिया. मैं रात मैं लगभग 2.30 के आस पास सो गया था.
लेकिन जब मुझे अपनी कुटिया के बहार किसी के चलने की आवाज आयी तो मैं एक दम से उठ गया और कुटिया से बाहर आ गया. देखा तो कोई भी नज़र नहीं आया. मैं फिर से सो गया. कुछ देर बाद फिर मुझे आवाज आने लग गयी. तो मैंने कुटिया के गेट से बाहर झाँखा तो मुझे किसी के पैर नज़र आये, मैं उन्हें गौर से देखा तो मुझ वो किसी औरत के लग रहे थे. मैं ये सोचने लग गया की आखिर इतनी रात को कोई भला औरत खेत मैं क्यों घूमेंगी. मैंने जब अपनी कुटिया से बाहर निकलकर देखा तो उसका शरीर तो था लेकिन शरीर पर धड़ यानि की उसका चेहरा उसके शरीर पर नहीं था.
मैं उसे ऐसा देख कर बहुत ही ज्यादा डर गया, मेरी तो अब आवाज भी नहीं निकल रही थी. मानो ऐसा लग रहा था की मैं जिन्दा नहीं बल्कि मर चूका हु. मैं वहा से भाग जाना चाहता था पर कैसे. मेरी कुटिया के बाहर तो चुड़ैल घूम रही थी. मुझे उसकी पायल की आवाज छम्म छम्म छम्म छम्म छम्म साफ़ सुनाई दे रही थी. मेरी साँस ऊपर की ऊपर और निचे की निचे थी. कुछ देर मैं कुटिया के अंदर ही बैठा रहा. मुझे अब उसके चलने की आवाज नहीं सुनाई दे रही थी. ऐसा प्रतीत हो रहा था की वो सायद वहा से चली गयी है. लेकिन जब मैंने कुटिया के बाहर झाँखा कर देखा तो वो मेरे गेट के बाहर सामने वाले पेड़ पर लटक रही थी, वो भी उलटी.
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मैं उसे देखकर फिर दोबारा से अपनी कुटिया कर अंदर घुस गया और दरवाजा भी बंद कर लिया, ताकि वो अंदर ना आ जाए. उसका सर ना होने के बावजूद भी , वो गाना गुनगुना रही थी. मैं समझ नहीं पा रहा था की वो यहाँ पर क्यों है और चाहती क्या है आखिर मैं. ना तो वो यहाँ से जा ही रही थी और ना ही मेरी कुटिया के अंदर ही आ रही थी. बस या तो पेड़ पर लटक रही थी या फिर मेरी कुटिया की इर्द गिर्द ही घुम्म रही थी. और मुझे डर लग रहा था की कही वो मुझे जान से ना मर दे.
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bhoot ki story, क्योकि मैं ऐसे पहले कभी भी किसी चुड़ैल या भूत को नहीं देखा था. इतना सब कुछ होने के बाद आखिर मैं सुबह के 6 बज गए थे और अब वो चुड़ैल वहा से जा चुकी थी. तब मैं अपनी कुटिया से बाहर निकला और तुरंत ही भाग कर अपने घर चला गया. घर जाकर मैंने ये सब बात अपने घरवालों को बताई तो उन्हें मेरी बात पर बिलकुल भी विस्वास नहीं हुआ. और मेरा मजाक उड़ने लग गए. और कहने लगे भला चुड़ैल कही होती भी है क्या. ये थी मेरी भूत की सच्ची घटना.
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Bhut pret hote hai ya nahi iske baare me mujhe kuch pata toh nahi hai par logo ko is andhvishwashi se ghire dekha hoon ek baar ki baat hai mere dost ke bhai ko kabrishtan ke paas dekha gaya jab use ghar laya gaya to wo ajeeb bartao kar raha tha khana ajeeb tarah se kha raha tha aur bhi bahut tarah ki ajeeb ajeeb harkate kar raha tha usi doran main koi logo se suna isme (jin)jinnath bhut khabbis aadi log keh rahe the kya ye sach hota hai reply kare