Real ghost stories in hindi | Bhoot ki kahani darawani
Real ghost stories in hindi, ये बात तब की है जब मैं अपने चाचा जी के यहाँ पर स्कूल की गर्मियों की छुट्टियों मैं रहने के लिए गया हुआ था. वैसे तो मैं हमेशा ही जाया करता था, लेकिन इस बार जो हुआ, वो कुछ अलग ही था. क्योकि इस बार मेरे चाचा ने मुझे एक बात बताई , जो की अभी तक भी उन्होंने नहीं बताई थी.वो थी भूत प्रेतों से सम्बंधित. जी हां मैंने कभी भी भूतो प्रेतों पर विश्वास नहीं किया था,
भूत की दो सच्ची हिंदी कहानी :- Real ghost stories in hindi
लेकिन उनकी इन बातो को सुनकर मैंने अब विश्वास करना शुरू कर दिया था. तो मैं आपका ज्यादा टाइम ना लेते हुए, सीधे अपने चाचा की बातो की और आता हु. एक दिन मैं चाचा जी से मिलने गया तो आनंद मामा भी वहीं बैठे थे. दोनों में इस विषय पर बात चल रही थी, कि लोगों पर जो भूत प्रेत चढ़ आते हैं. उन का क्या इलाज है. चाचा जी ने मेरे नाना द्वारा भूत उतारने के किस्से सुनाए. उन्होंने भी एक किस्सा छेड़ दिया.
भयानक भूत
यह किस्सा मुझे इस लिए भी स्मरण रहा क्यों कि यह उस औरत पर से भूत उतारने से संबद्ध था, जो उस मकान में रहती थी जिस के पास के मकान में मैं पैदा हुआ था. उस औरत को अचानक भूत चढ़ने लगा. पहले पहल ऐसा महिने, दो महिने में हुआ करता था. भूत सप्ताह में 3-4 बार आने लगे. घर वाले परेशान. एक दिन औरत पर भूत चढ़ा हुआ था कि औरत गली में निकल आई. आनंद मामा उधर से गुजर रहे थे. उन्होंने वैसे ही पूछ लिया यह क्या हो रहा है. उन की पूरे मोहल्ले पर ही नहीं पूरे इलाके में धाक थी.
उस महिला के पति ने आनंद मामा से कहा कि ‘इसे पिछले चार पांच महिने से भूत चढ़ता है. पहले तो 3-4 मिनट में उतर जाता था. पर अब तो 2-3 घंटा हो जाता है और सप्ताह में दो तीन बार चढ़ जाता है. आप के पास कोई इलाज उपाय हो तो बताएँ. आनंद मामा सोच में पड़ गए. थोड़ी देर बाद कहा कि इसे किसी तरह मकान के अंदर कमरे में ले चलो और एक धूपेड़े में कंडे जला कर रखें. पति कुछ लोगों की मदद से भूत चढ़ी पत्नी को जैसे तैसे अपने मकान के कमरे तक ले गया. कुछ ही देर में मामा आनंद जी वहाँ पहुँच गए.
एक हवैली
उन्होंने कमरे का निरीक्षण किया कमरे में हवा रोशनी आने के लिए दरवाजे के अलावा केवल एक खिड़की थी. उन्हों ने खिड़की को बंद करवा दिया. तब तक धूपे़ड़े में जल चुके कंडे आग में बदल चुके थे. आनंद जी ने उस आग में कुछ डाला तो तेज गंध आई. आनंद जी ने सब को कमरे से बाहर निकाला और धूपेड़ा कमरे में ले गए. औरत जोर से चिल्लाने लगी मुझे कौन भगाने आया. मैं न जाउँगा. मिनट भर बाद ही एक कागज की पुड़िया में से कोई दवा उन्हों ने धूपेड़े में डाली और फौरन कमरे से बाहर आ कर दरवाजे के किवाड़ लगा कर कुंडी लगा दी. अंदर से औरत के चिल्लाने की आवाजें आईँ.
फिर वह जोरों से खाँसने लगी. फिर उस के खाँसने की आवाज भी बंद हो गई. आनंद जी ने तुंरत लोगों को दूर जाने को कहा और किवाड़ व खिड़की खोल दी. अंदर से बहुत सा धुँआ निकला. जो भी उस की चपेट में आया वही खाँसने लगा. आनंद जी ने उस औरत के पति को कहा कि उसे खुले में ले आएँ. कुछ देर में यह ठीक हो जाएगी. तभी औरत ने आँखें खोली और सामान्य हो गई. लोगों को देख घूंघट कर लिया. उस का भूत उतर चुका था. आनंद मामा ने जब किस्सा सुना चुके तो मैं ने पूछा आखिर आप ने किया क्या था.
डर की रियल कहानी
real ghost stories in hindi, कहने लगे मैं ने बस थोड़ा सा लाल मिर्चों का पाऊडर धूपेड़े में डाला था. जिस के धुँए से औरत बेहाल हो कर बेहोश हो गई. होश में आई तो उस का भूत उतर गया था. और उस औरत को कुछ हो जाता तो. मैं ने पूछा. मैं वहीं था. इलाज कर देता. फिर कभी उस औरत को भूत चढ़ा या नहीं. आनंद मामा ने बताया कि भूत तो फिर भी उस पर चढ़ता था. लेकिन तभी जब मैं गाँव में नहीं होता था. शायद भूत मुझ से डर गया था. अंत मैं आनंद मामा ने हंस कर जवाब दिया. तो दोस्तों आपको मेरे द्वारा बताई गयी , ये चाचा की सच्ची घटना कैसे लगी. मुझे जरूर बताये , ताकि मैं आपको इससे भी बेहतर किस्से आपको सुना और बता सकू.
होटल का भूत सच्ची हिंदी कहानी :- bhoot ki kahani darawani
ऐसा कहा जाता था. उस होटल के एक कमरे में भूत है. यह बात कितनी सच थी इसका पता लगाना चाहिए था. क्योकि कोई भी इस बात पर यकीन नहीं करता है. क्योकि उस होटल के कमरे में भूत कैसे आया था. यह एक किस्सा सभी को पता था. लेकिन इसकी सच्चाई जब पता चली थी. जब एक आदमी उस होटल के कमरे में रुकता है.
डायन की डरावनी कहानी
जिस होटल के कमरे में भूत था. उसके पास में एक कमरा था. उसमे वह आदमी रुक गया था. अभी रात हो रही थी. उसके पास के कमरे में कोई टीवी देख रहा था. लेकिन वह जानता था. पास के कमरे में कोई नहीं है. वह सोचता है. मुझे देखना चाहिए. वह आदमी जाकर देखता है. क्योकि उसे लगता है. यहां पर कोई नहीं है. वह बहुत डर जाता है. वह सोचता है. मुझे इस मकान में जाना चाहिए क्योकि यहां पर कोई है.
डरावनी रात एक कहानी
वह दरवाजे पर दस्तक देता है. क्योकि उसे लगता है. यहां पर कोई है. वह दरवाजा खुलता है लेकिन कोई भी नहीं था. वह कमरा बिलकुल खाली था. उस जगह पर कोई नहीं था. अब आवाज नहीं आती है. वह बहुत डर जाता है. वह सभी लोगो को कहता है. मगर कोई भी यकीन नहीं करता है. किसी को कोई भी टीवी की आवाज नहीं आती है. यह कैसे हो सकता है. यह इसलिए हो रहा था. क्योकि वह आदमी उस कमरे के नाजीद आ गया था. उस दिन के बाद वह उस होटल में नहीं रुकता है. ऐसी बहुत अधिक घटना है. जिनके बारे में पता नहीं होता है. अगर आपको लगता है. कोई भी ऐसी घटना हुई है. हमे जरूर बताये.
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