दादी ने सुनाई भूतो की कहानी, bhoot ki katha

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Bhoot ki katha | Bhoot pret ki sachi kahani

bhoot ki katha, bhoot pret ki sachi kahani, कुछ ऐसी भी कहानिया होती है जो रियल भी होती है और काल्पनिक भी. उनमे से कुछ कहानिया वो होती है जो की हमे हमारी दादी माँ सुनाती है. आप इन्हे सच्ची भी मान सकते है और काल्पनिक भी. Because इनमे से कुछ वो होती है जो की या तो उन्होंने खुद महसूस की है या फिर अपने किसी से सुनी हई होती है.

दादी ने सुनाई भूतो की कहानी :- bhoot ki katha

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bhoot ki kath

तो आज मैं आपको वो कहानी बताने जा रहा हु जो की मैंने अपनी दादी माँ से सुनी थी, जिसे वो एक सच्ची घटना बताती थी और खुद उनके साथ वो घटित हई थी. मेरा नाम अखिलेश है और मैं भिवाड़ा मैं रहता हु. जब मेरी दादी माँ ने मुझे ये कहानी सुनाई तो मेरी उम्र उस टाइम लगभग 10 साल के करीब रही होगी, but आज मैं 29 साल का हु और आपको भी उस कहानी के बारे मैं बताने जा रहा हु.

तालाब का भूत एक सच्ची घटना

वो घटना कुछ ऐसे थी की जब मेरी दादी माँ शाम के टाइम गर्मियों मैं अपने घेर मैं गयी हुई थी जानवरो को देखने के लिए, तो उन्हें साथ की दिवार पर एक साया सा खड़ा हुआ दिखाई दिया. जैसे ही वो उसकी और मुड़ी देखने के लिए तो वो एक दम से गायब ही हो गया. दादी ने सोचा की सायद मेरा वहम होगा, और वो ये ही सोच कर वापिस घर पर चली गयी.

एक पुराना किला

अगली रात फिर वैसा ही हुआ जब वो जानवरो को देखने घेर मैं आयी तो, उन्हें इस बार वो साया दिवार पर नहीं बल्कि घेर मैं पड़ी खाट पर बैठा हुआ दिखाई दिया. उन्होंने उसे आवाज लगाई “कौन है वहा” , पर कोई भी नहीं बोला. दादी ने सोचा कोई मजाक कर रहा है सायद उनके साथ. वो उसके पास जैसे ही गयी , तभी अचानक से वो परछाई एक दम से बड़ी होने लग गयी.

कब्रिस्तान मैं वो इंसान

दादी इससे पहले ये सोच पाती की तभी उसने दादी पर हमला कर दिया और दादी बेहोस हो गयी. जब उन्हें अगले दिन होश आया तो उन्होंने ये पूरी घटना सब लोगो को बताई. पर किसी ने भी उनकी बातो पर विस्वास नहीं किया. पर उन्हें अब पूरा विस्वास हो चला था की ये कोई न कोई प्रेत आत्मा ही थी. जो की घेर मैं रोज़ घूम रही थी.

एक हवैली

इस बार रात को दादी माँ की बिलकुल भी हिम्मत नहीं पड़ रही थी की घेर मैं जायें और जानवरो को देख के आये. but उन्हें जाना तो था ही. बस अबकी बार वो बहुत ही डरते हुए घेर मैं, but आज कोई भी नहीं मिला उन्हें घेर मैं. घर की और चलने लग गयी , की तभी उन्हें पड़ोस मैं रहने वाले लल्लन के चीखने की आवाज आयी , सभी लोग लल्लन की और दौड़े और उससे पूछा की तुम क्यों चींखे.

अनहोनी एक कहानी

bhoot ki katha, bhoot pret ki sachi kahani, तो लल्लन ने बताया की उसे उसके घेर मैं एक प्रेत आत्मा दिखी थी, जो की बहुत ही भयं नज़र आ रही थी. उसके बहुत ही बड़े बड़े दन्त और लम्बे नाख़ून भी थे. जो की वो उसकी और बढ़ा रहा था . ताकि वो उसे मार कर खा सके. लल्लन की बाते सुनकर तब सभी गांव वालो को दादी की बात पर विस्वास हुआ की , आखिर मैं उन्होंने जो बताया था , वो भी सब सच ही था . इसलिए कहते है की भूत भी होते है.

जब वह भूत को महसूस कर रहा था एक कहानी

भूत की कहानी पर लोगों को विश्वास नहीं होता है इसका मुख्य कारण यह है कि

जब तक वह लोग भूत को नहीं देख लेते हैं उस बात पर यकीन नहीं करते हैं

लेकिन भूत को देखना आसान नहीं होता है यह सभी लोग नहीं कर सकते हैं

कुछ लोगों को बहुत दिखाई देते हैं उन लोगों की कोई बात नहीं मानता है

वो सुनसान रास्ता

लेकिन वह जानते हैं उन्होंने भूत को देखा है इसलिए वह सभी को समझाने की कोशिश करते हैं कि उसे भूत नजर आया था मगर कोई भी उसकी बात पर यकीन नहीं करता है इसका भी मुख्य कारण यही है कि जब तक उन्होंने नहीं देखा है तब तक वह विश्वास नहीं कर सकते हैं यह उस दिन की बात है जब वह उस भूत को देख सकता था उसी दिन पहली बार समझ गया था कि भूत दुनिया में होते हैं

 

वह भी किसी बात पर यकीन नहीं करता था क्योंकि उसने कभी भी भूत को नहीं देखा था वह अपने घर वापस आ रहा था रात का समय हो रहा था वह अकेला ही चल रहा था उस रास्ते पर कोई नहीं था वह अपने गांव में पहली बार आया था जब छोटा था तब उसके पिताजी उसे अपने साथ शहर ले गए थे उसके बाद वह कभी गांव नहीं आया था जब वह बड़ा हुआ उसके बाद वह अपने गांव में आया था

एक दानव कुत्ते की कहानी

उसे भी भूतों की बातों पर यकीन नहीं था इसलिए वह अकेला ही रात के समय गांव में आ रहा था तभी उसने देखा कि शायद कोई उसके पीछे चल रहा है जबकि उसके पीछे कोई नहीं था वह सोच रहा था कि मेरा वहम भी हो सकता है क्योंकि यहां पर कोई नहीं है और मेरे पीछे कोई चल नहीं सकता है वह आगे बढ़ रहा था मगर कुछ ऐसी आवाज उसे डरा रही थी उसे लग रहा था कि शायद यहां पर कोई छुपा हुआ है

 

जो मुझे डराने की कोशिश कर रहा है लेकिन सोचता है कि कोई मुझे डराने की कोशिश क्यों करेगा, वह रुक जाता है और चारों तरफ देखता है क्योंकि जब तक उसे कोई नजर नहीं आएगा तब तक वह इस बात का पता नहीं लगा सकता है कि कौन उसे डरा रहा था लेकिन उसे कोई भी नजर नहीं आता है फिर आगे बढ़ने लगता है और अचानक ही गिर जाता है उसे महसूस होता है किसी ने उसे गिराने के लिए धक्का दिया था जिसकी वजह से वह अचानक गिर गया

डरावनी रात एक कहानी

लड़का अपने पीछे देखता है मगर पीछे कोई नहीं होता अब वह डर चुका था क्योंकि मैं समझ चुका था कि किसी ने मुझे धक्का दिया है जिसकी वजह से गिरा हूं लेकिन यहां पर कोई नहीं है इसका मतलब यह है कि यहां पर कोई भूत है जो मुझे डरा रहा है मुझे यहां से जल्दी ही घर पहुंचना चाहिए क्योंकि मुझे नहीं लगता है कि अगर मैं यहां पर रुक सकता हूं उसके बाद मैं सुरक्षित हो सकता हूं

 

वह लड़का जल्दी-जल्दी अपने घर जाता है और वह घर पहुंच जाता है उसे कोई नुकसान नहीं हुआ था वह घर पर जाकर अपनी बात को कहता है लेकिन सभी को लगता है कि शायद सच नहीं है क्योंकि भूत नहीं होते हैं लेकिन उनका लड़का ऐसी बात कर रहा है क्योंकि वह पहली बार उस गांव में आया है तो शायद उसकी बात पर यकीन किया जा सकता है

दहशत की एक रात कहानी

bhoot ki katha, bhoot pret ki sachi kahani, लेकिन जो चीज दिखाई नहीं देती उस पर यकीन नहीं हो सकता लेकिन वह लड़का महसूस कर चुका था कि किसी ने उसे गिराया था जिसकी वजह से वह बहुत डर चुका था और अब उसे यकीन हो गया है कि यहां पर भूत होते हैं इसलिए अगर भूतों को महसूस किया जाए या उन्हें देखा जाए तो उन पर यकीन किया जा सकता है. 

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