Shiv Ji story in hindi | Hindi kahani
Shiv Ji story in hindi, ये बात बहुत ही पुरानी है, एक गांव में जिसका नाम महिपालपुर था एक अंधी बुढ़िया रहती थी. वह शिव जी की परम भक्त थी. आंखों से भले ही दिखाई नहीं देता था, परंतु वह सुबह शाम शिव जी की बंदगी में मग्न रहती. शिव जी बुढ़िया की भक्ति से बड़े प्रसन्न हुए. उन्होंने सोचा यह बुढ़िया नित्य हमारा स्मरण करती है, परंतु बदले में कभी कुछ नहीं मांगती.
ठग गए शिव जी की कहानी : Shiv Ji story in hindi
Shiv Ji story in hindi, भक्ति का फल तो उसे मिलना ही चाहिए. ऐसा सोचकर शिव जी एक दिन बुढ़िया के सम्मुख प्रकट हुए तथा बोले, माई, तुम हमारी सच्ची भक्त हो. जिस श्रद्धा व विश्वास से हमारा स्मरण करती हो, हम उससे प्रसन्न हैं. अत: तुम जो वरदान चाहो, हमसे मांग सकती हो. बुढ़िया बोली, प्रभो. मैं तो आपकी भक्ति प्रेम भाव से करती हूं.
मांगने का तो मैंने कभी सोचा ही नहीं. अत: मुझे कुछ नहीं चाहिए. शिव जी पुन: बोले, हम वरदान देने केलिए आए हैं. बुढ़िया बोली, मुझे मांगना तो नहीं आता. अगर आप कहें, तो मैं कल मांग लूंगी. तब तक मैं अपने बेटे व बहू से भी सलाह कर लूंगी. शिव जी कल आने का वादा करके वापस लौट गए. बुढ़िया का एक पुत्र व बहू थे. बुढ़िया ने सारी बात उन्हें बताकर सलाह मांगी.
बेटा बोला, मां, तुम शिव जी से ढेर सारा पैसा मांग लो. हमारी ग़रीबी दूर हो जाएगी. सब सुख चैन से रहेंगे. बुढ़िया की बहू बोली, नहीं आप एक सुंदर पोते का वरदान मांगें. वंश को आगे बढ़ाने वाला भी, तो चाहिए. बुढ़िया बेटे और बहू की बातें सुनकर असमंजस में पड़ गई. उसने सोचा, यह दोनों तो अपने,अपने मतलब की बातें कर रहे हैं.
बुढ़िया ने पड़ोसियों से सलाह लेने का मन बनाया. पड़ोसन भी नेक दिल थी. उसने बुढ़िया को समझाया कि तुम्हारी सारी ज़िंदगी दुखों में कटी है. अब जो थोड़ा जीवन बचा है, वह तो सुख से व्यतीत हो जाए. धन अथवा पोते का तुम क्या करोंगी. अगर तुम्हारी आंखें ही नहीं हैं, तो यह संसारिक वस्तुएं तुम्हारे लिए व्यर्थ हैं. अत: तुम अपने लिए दोनों आंखें मांग लो. बुढ़िया घर लौट आई.
बुढ़िया और भी सोच में पड़ गई. उसने सोचा, कुछ ऐसा मांग लूं, जिससे मेरा, बहू व बेटे, सबका भला हो. but ऐसा क्या हो सकता है. बुढ़िया कभी कुछ मांगने का मन बनाती, तो कभी कुछ. परंतु कुछ भी निर्धारित न कर सकी. दूसरे दिन शिव जी पुन: प्रकट हुए तथा बोले, आप जो भी मांगेंगे, वह हमारी कृपा से हो जाएगा. यह हमारा वचन है.
शिव जी के पावन वचन सुनकर बुढ़िया बोली, यदि आप मुझसे प्रसन्न हैं, तो कृप्या मुझे मन इच्छित वरदान दीजिए. मैं अपने पोते को सोने के गिलास में दूध पीते देखना चाहती हूं. बुढ़िया की बातें सुनकर शिव जी उसकी सादगी व सरलता पर मुस्कुरा दिए. बोले, तुमने तो मुझे ठग ही लिया है. मैंने तुम्हें एक वरदान मांगने के लिए बोला था, परंतु तुमने तो एक वरदान में ही सब कुछ मांग लिया. तुमने अपने लिए लंबी उम्र तथा दोनों आंखे मांग ली हैं.
Shiv Ji story in hindi | Hindi kahani
बेटे के लिए धन व बहू के लिए पोता भी मांग लिया. पोता होगा, ढेर सारा पैसा होगा, तभी तो वह सोने के गिलास में दूध पीएगा. पोते को देखने के लिए तुम जिंदा रहोगी, तभी तो देख पाओगी. अब देखने के लिए दो आंखें भी देनी ही पड़ेंगी. फिर भी वह बोले, जो तुमने मांगा, वे सब सत्य होगा. यूं कहकर शिव जी अंर्तध्यान हो गए. कुछ समय पाकर शिव जी की कृपा से बुढ़िया के घर पोता हुआ. बेटे का कारोबार चल निकला तथा बुढ़िया की आंखों की रौशनी वापस लौट आई. बुढ़िया अपने परिवार सहित सुख पूर्वक जीवन व्यतीत करने लगी. तो दोस्तों इस प्रकार से एक बुढ़िया ने शिव जो को आखिर मैं ठग ही लिया.
शिव जी और एक बालक की कहानी : shiva story in hindi
shiva story in hindi, शिव जी ने देखा की एक बालक मंदिर में उनकी पूजा कर रहा है वह देख रहे थे की बालक अभी बहुत छोटा है और वह मेरा ध्यान लगा रहा है उसे क्या परेशानी है, वह तो शिव जी जानते थे मगर उनका मन उस बालक से बात करने का हो रहा था इसलिए शिव जी अपना वेश बदलकर उसके पास जाते है वह बालक उनका ध्यान कर रहा था तभी शिव जी ने उसे आवाज लगाई थी, वह बालक देखता है की एक साधु जी पीछे खड़े है,
वह साधु जी कहते है की तुम मुझे बुला रहे हो बालक कहता है की में तो शिव जी को बुला रहा था मगर वह अभी तक नहीं आये है, यह सुनकर साधु जी कहते है की तुम्हे क्या परेशानी है वह बालक कहता है की मेरी माता की तबियत बहुत खराब है वह ठीक नहीं हो रही है में शिव जी से यही कह रहा था की उनकी तबियत को ठीक कर दो मगर वह तो मेरे सामे नहीं आ रहे है मेने तो सूना है की पूजा करने से सब कुछ हो सकता है वह मेरी माता को ठीक कर सकते है,
उस बालक की बाते सुनकर शिव जी प्रसन्न होते है क्योकि उन्हें पता है की वह बालक सच कह रहा है शिव जी कहते है की तुम्हे घर जाना चाहिए तुम्हारी माता ठीक हो गयी है यह सुनकर बालक खुश हो जाता है वह कहता है की शिव जी ने मेरी माता को ठीक कर दिया है वह बालक घर चला जाता है जब वह घर जाता है तो माता ठीक हो गयी थी, यह देखकर वह खुश हो जाता है वह अपनी माता से कहता है की में हर रोज मंदिर में जाकर पूजा करता था इसलिए शिव जी ने मेरी बात मान ली है,
Shiv Ji story in hindi | Hindi kahani
यह सुनकर माता कहती है की भगवान सभी बच्चो की बाते आराम से सुनते है उनकी मनोकामना पूरी करते है इसलिए मेरी तबियत ठीक हो गयी हैं, वह लड़का कहता है की अब से में हर रोज शिव जी की पूजा करता रहूँगा यह सुनकर माता खुश हो जाती है, शिव जी भी उनकी बाते सुनते है वह भी प्रसन्न हो जाते है उसके बाद उस जगह से चले जाते है यह शिव जी की कहानी हमे यही बताती है की सच्चे मन से की गयी पूजा सफल हो जाती है,
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