bhoot pret ki kahaniya hindi
अमावस की काली रात
bhoot pret ki kahaniya hindi, ये बात अमावस की रात की है | जब मैं लगभग 12 का साल का था | दोस्तों मैं आपको एक ऐसी ही घटना के बारे मैं बताने जा रहा हु जो की खुद मेरे ही साथ घटी थी इस उम्र मैं | मैं अपने परिवार के साथ कानपूर जिला उत्तर प्रदेश का रहने वाला हु | मेरे परिवार मैं कुल पांच लोग ही रहते है |
सब एक दूसरे से बहुत ही ज्यादा प्रेम करते है | कभी भी रात मैं किसी को भी एकेला नहीं जाने देते है | लेकिन एक बार एक रात ऐसी घटना हो ही गयी की , मैं एक बार रात मैं एकेला ही घर से बाहर चला गया और वो भी अमावस की रात को | मुझे बिलकुल भी अंदाज़ा नहीं था की आज अमावस है, क्योकि मेरी उम्र कुछ ज्यादा नहीं थी उस टाइम |
लेकिन आज मैं 23 साल का हु , और जब भी उस घटना को याद करता हु तो मेरी रूह तक काँप जाती है | अब मैं आपको उस रात के बारे मैं बताने जा रहा हु | हम सब रात को घर मैं सो रहे थे , की अचानक से मुझे घर के बाहर किसी के चलने के आवाज आ रही थी | मेरी नींद खुल गयी और मैंने घर का मैन गेट खोल कर बाहर चला गया |
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तभी मुझे कुछ दूर एक पेड़ के निचे एक साया सा नज़र आया और मै उसकी और चल दिया , ये देखने के लिए की वो कौन है जो इतनी रात को घर के बाहर खड़ा है | कौन हो सकता है ये इंसान, तो मैंने उन्हें आवाज लगाई और वो मेरी और मुड़े बिना ही आगे की तरफ चल दिया |
मै भी उसके पीछे पीछे चल पड़ा, ये देखने के लिए की वो आखिर कहा पर जा रहा था इतनी रात को | कुछ दूर चलते ही वो अचानक से गायब हो गया | मैंने सोचा की ये क्या हुआ | वो कहा गया, की तभी मेरे पीछे से कोई बोला की ” चले जाओ यहाँ से ” “चले जाओ यहाँ से ” | मुझे लगा कोई मेरे साथ मज़ाक कर रहा है | लेकिन वो मज़ाक नहीं था , बल्कि हकीकत थी |
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मैन पीछे मुड़कर देखा तो कोई भी नहीं था | लेकिन आवाज अब भी साफ़ साफ़ सुनाई दे रही थी, ” चले जाओ, चले जाओ “, नहीं तो मरे जाओगे | अब तो मैन बहुत ही डर गया था | मैन अपने घर जाना चाहता था, पर मुझे रास्ता नहीं दिख रहा था |चारो और धुआँ धुआँ था, मैन जैसे जैसे रस्ते पर चल रहा था , मुझे लग रहा था की मेरे पीछे कोई तेज़ तेज़ भाग रहा है | मानो वो मुझे पकड़ना चाहता था | की तभी कुछ दूर चलने पर किसी ने मेरे कंधे पर हाथ रखा, मैंने अचानक से पीछे मुड़कर देखा तो मेरे पिताजी थे | उन्हें देख कर मेरी सांसो मै साँस आयी |
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bhoot pret ki kahaniya hindi, हम दोनों घर वापिस चले गए | तब मेरी माँ ने बताया की बेटा कभी भी अमावस की रात को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए | क्योकि इस दिन भूत प्रेत अधिकतर बाहर घूमते है, इसलिए कभी भी घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए |
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