Story of true friend
सच्चे दोस्त की कहानी
सोनभद्र नामक एक नगरी थी. उस नगरी मैं सोनभद्री नाम के राजा का राज हुआ करता था. उसके गन्धक नाम का दीवान था. एक दिन दीवान ने कहा, एक मन्दिर बनवाकर देवी को बिठाकर पूजा की जाए तो बड़ा पुण्य मिलेगा. राजा ने ऐसा ही किया. एक दिन देवी ने प्रसन्न होकर उससे वर माँगने को कहा. राजा के कोई सन्तान नहीं थी. उसने देवी से पुत्र माँगा. देवी बोली, अच्छी बात है, तेरे बड़ा प्रतापी पुत्र प्राप्त होगा. कुछ दिन बाद राजा के एक लड़का हुआ.
सारे नगर में बड़ी खुशी मनायी गयी. एक दिन एक धोबी अपने मित्र के साथ उस नगर में आया. उसकी निगाह देवी के मन्दिर में पड़ी. उसने देवी को प्रणाम करने का इरादा किया. उसी समय उसे एक धोबी की लड़की दिखाई दी, जो बड़ी सुन्दर थी. उसने मन्दिर में जाकर देवी से प्रार्थना की, हे देवी. इस लड़की से मेरी शादी हो जाए तो मैं अपना सिर तुझपर चढ़ा दूँगा. इसके बाद वह हर घड़ी बेचैन रहने लगा. उसके मित्र ने उसके पिता से सारा हाल कहा.
अपने बेटे की यह हालत देखकर वह लड़की के पिता के पास गया और उसके अनुरोध करने पर दोनों का विवाह हो गया. विवाह के कुछ दिन बाद लड़की के पिता यहाँ उत्सव हुआ. इसमें शामिल होने के लिए न्यौता आया. मित्र को साथ लेकर दोनों चले. रास्ते में उसी देवी का मन्दिर पड़ा तो लड़के को अपना वादा याद आ गया. उसने मित्र और स्त्री को थोड़ी देर रुकने को कहा और स्वयं जाकर देवी को प्रणाम कर के इतने ज़ोर से तलवार मारी कि उसका सिर धड़ से अलग हो गया.
देर हो जाने पर जब उसका मित्र मन्दिर के अन्दर गया तो देखता क्या है कि उसके मित्र का सिर धड़ से अलग पड़ा है. उसने सोचा कि यह दुनिया बड़ी बुरी है. कोई यह तो समझेगा नहीं कि इसने अपने आप शीश चढ़ाया है. सब यही कहेंगे कि मैंने इसकी गर्दन काट दी. इससे कहीं मर जाना अच्छा है. यह सोच उसने तलवार लेकर अपनी गर्दन काट दी.
उधर बाहर खड़ी खड़ी स्त्री हैरान हो गयी तो वह मन्दिर के भीतर गयी. देखकर चकित रह गयी. सोचने लगी कि दुनिया कहेगी, यह बुरी औरत होगी, इसलिए दोनों को मार आयी इस बदनामी से मर जाना अच्छा है. यह सोच उसने तलवार उठाई और जैसे ही गर्दन पर मारनी चाही कि देवी ने प्रकट होकर उसका हाथ पकड़ लिया और कहा, मैं तुझपर प्रसन्न हूँ. जो चाहो, सो माँगो. स्त्री बोली, हे देवी.
इन दोनों को ज़िंदा कर दो. देवी ने कहा, अच्छा, तुम दोनों के सिर मिलाकर रख दो. घबराहट में स्त्री ने सिर जोड़े तो गलती से एक का सिर दूसरे के धड़ पर लग गया. देवी ने दोनों को ज़िंदा कर दिया. बेताल बोला, हे राजन्. बताओ कि यह स्त्री किसकी हो. राजा ने कहा, नदियों में गंगा उत्तम है, पर्वतों में सुमेरु, वृक्षों में कल्पवृक्ष और अंगों में सिर. इसलिए शरीर पर पति का सिर लगा हो, वही पति होना चाहिए. ये कहानी बहुत ही दुर्लभ है, इसे बहुत ही कुछ लोग ही जानते है.
Read More-चश्में की हिंदी कहानी
Read More-दोस्त की सच्ची कहानी
Read More-साधू और गिलहरी की कहानी
Read More-दानवीर सुखदेव सिंह की कहानियां
Read More-गुलाब के फूल की कहानी
Read More-व्यापारी के अहंकार की कहानी
Read More-सच्चे मन की प्रार्थना की कहानी
Read More-राजा और मंत्री की कहानी
Read More-एक छोटी सी मदद की कहानी
Read More-मूर्खो से बचे एक कहानी
Read More-व्यापारी के अहंकार की कहानी
Read More-सच्चे मन की प्रार्थना की कहानी
Read More-इंसान और क्रोध की कहानी
Read More-जादुई बक्सा हिंदी कथा
Read More-पशु की भाषा हिंदी कहानी
Read More-जीवन की सीख एक कहानी
Read More-वो सोता और खाता था हिंदी कहानी
Read More-मंगू और दूसरी पत्नी की कहानी
Read More-छोटा सा गांव हिंदी कहानी
Read More-एक बोतल दूध की कहानी
Read More-जादुई लड़के की हिंदी कहानी
Read More-दोस्त की सच्ची कहानी
Read More-जादुई कटोरा की कहानी
Read More-एक चोर की हिंदी कहानी
Read More-छज्जू की प्रतियोगिता
Read More-बाबा का शाप हिंदी कहानी
Read More-सब की खातिर एक कहानी
Read More-मेरा बेटा हिंदी कहानी
Read More-दूल्हा बिकता है एक कहानी
Read More-जादूगर की हिंदी कहानी
Read More-छोटी सी मुलाकात कहानी
Read More-पंडित के सपने की कहानी
Read More-छोटी सी बात हिंदी कहानी
Read More-राजा और चोर की कहानी