Story in hindi language
मिट्टी और सोने का घड़ा की हिंदी कहानी :- Story in hindi language
story in hindi language, दोस्तों ये कहानी दो घडो पर आधारित है , जिनसे से एक “मिट्टी” का है और एक “सोने” का. क्या होता है जब ये दोनों एक ही मझदार के नाविक होते है. तो अब हम इनकी कहानी की और बढ़ते है. एक घड़ा “मिट्टी” का बना था, दूसरा सोने का. दोनों नदी के किनारे रखे थे. इसी समय नदी में बाढ़ आ गई, बहाव में दोनों घड़े बहते चले.
बहुत समय “मिट्टी” के घड़े ने अपने को सोनेवाले से काफी फासले पर रखना चाहा. “सोने” वाले घड़े ने कहा, तुम डरो नहीं दोस्त, मैं तुम्हें धक्के न लगाऊँगा. मिट्टीवाले ने जवाब दिया, तुम जान बूझकर मुझे धक्के न लगाओगे, सही है; मगर बहाव की वजह से हम दोनों जरूर टकराएंगे. अगर ऐसा हुआ तो तुम्हारे बचाने पर भी मैं तुम्हारे धक्कों से न बच सकूँगा और मेरे टुकड़े टुकड़े हो जाएंगे.
इसलिए अच्छा है कि हम दोनों अलग अलग रहें. दोस्तों ये कहानी हमे यही सिखाती है की हमे कभी भी उस इंसान के साथ नहीं रहना चाहिए या फिर साथ नहीं चलना चाहिए, जो की आपको या आपके जीवन को नुकसान पंहुचा सकता हो.
सोने का पात्र हिंदी कहानी :- story in hindi language
story in hindi language, दादी अपने पोते से कहती है कि हमारे पास कुछ भी खाने को नहीं है मैं इतना काम करती हूं लेकिन हमें कुछ भी नहीं मिल रहा है हम बहुत ही गरीब है और शायद इसकी वजह से हमें इस समस्याओं को हमेशा ही अपने साथ रहकर ही दूर करना होगा जब पोता यह बात सुनता है तो वह कहता है कि मुझे लगता है कि मुझे भी काम करना शुरू कर देना चाहिए
यह बात सुनकर दादी कहती है कि तुम अभी बहुत छोटे हो तुम्हें काम नहीं करना चाहिए अगर तुम काम करोगे तो तुम्हारी तबीयत खराब हो जाएगी तुम बहुत छोटे हो अभी बड़े हो जाओगे तो तुम काम कर सकते हो वह पोता कहता है कि इस तरह से काम नहीं चलने वाला है हमें खाने को भी नहीं मिलता है एक वक्त ऐसा भी आता है जिसमें हमें कुछ भी नहीं मिलता है आज हमारे पास कुछ भी नहीं है और रात होने वाली है हम दोनों को भूख लगी है लेकिन हमारे पास कुछ भी खाने को नहीं है
यह कब तक चलेगा दादी कहती है कि मुझे भगवान पर भरोसा है और जल्दी ही हमारी यह समस्या भी दूर हो जाएगी इसलिए तुम इस बारे में अधिक नहीं सोचना चाहिए दोनों ही इस रात को खाली पेट ही सो जाते हैं क्योंकि उनके पास कुछ भी खाने को नहीं है सुबह होती है और दादी काम पर चली जाती है वह घर पर जाकर दूसरों के बर्तन को साफ करती है जिसकी वजह से उसे खाना मिल जाता है और वह खाना लेकर घर आ जाती है
वह लड़का खेलने चला जाता है तभी वह लड़का एक पेड़ के नीचे बैठ जाता है क्योंकि खेल कर बहुत थक चुका था पेड़ पर से कुछ फल गिरते हैं फल को उठा कर खा लेता है क्योंकि उसे भूख लग रही थी लड़का फल खा रहा होता है तो वह देखता है कि पेड़ पर कुछ रखा हुआ है वह उस पेड़ पर जाता है और देखता ही है तो कुछ सोने जैसा लग रहा है क्योंकि वह तो बहुत तेज चमक रहा है सोने का पात्र है उस “सोने” के पात्र को लेकर अपने घर आ जाता है अभी तक उसकी दादी नहीं आई थी
जब दादी आती है तो वह दादी को दिखाता है कि मुझे सोने की कोई चीज मिली है दादी देखती है तो सोने का पात्र है तुम कहां से लेकर आए हो तभी वह लड़का बताता है कि मैंने पेड़ पर लटके हुए देखा था मुझे नहीं समझ में आ रहा था यह क्या है मुझे समझ आ गया कि यह “सोने” का पात्र है दाढ़ी ने पूरी बात सुननी थी लेकिन दादी समझ नहीं पा रही थी कि “सोने” का पात्र पेड़ पर क्या कर रहा है वह बिल्कुल भी इस बारे में नहीं जानती है
वह सोने के पात्र को देखती है और सोचती है कि इसका क्या किया जाए तभी लड़का कहता है कि हमें इसे बेच देना चाहिए और इसके बाद हमें बहुत सारा धन मिलेगा उससे हम अपनी सारी जरूरत को पूरा कर पाएंगे शायद हमारे लिए ही आया होगा दादी ने “सोने” के पात्र को देखा और उसके बाद उसके बारे में सोचा दादी अब समझ गई थी कि इसे बेचने से समस्या दूर होगी और वह अगले दिन बेचने चली जाती है जिसके बाद उसे बहुत सारा धन मिलता है
story in hindi language, लेकिन दादी यह सोचती थी कि यह पात्र किसका होगा शायद भगवान ने उनके लिए यह पात्र भेजा होगा जिससे कि उनकी परेशानी दूर हो पाए जीवन में ऐसी बहुत सारी घटनाएं होती हैं जिनका पता हमें नहीं लगता लेकिन घटित हो जाती है शायद हमें उसके बारे में जानकारी होती हैं हमें अपने जीवन में कभी भी निराश नहीं होना चाहिए क्योंकि अगर हम निराश हो जाते हैं तो कोई भी काम नहीं कर पाएंगे इसलिए हमेशा निराशा से दूर रहकर ही काम करना चाहिए तो आपको काम में सफलता जरूर मिलती है
कागज के जहाज की हिंदी कहानी :- Story in hindi language
आपने आपने बचपन मैं तो कागजो के जहाज बनाये ही होंगे दोस्तों. जी हां मैं आज उसी जहाज की प्यारी सी कहानी आप लोगो को सुनाने जा रहा ही. जिसे पढ़कर आपको अपना बचपन याद आ जायेगा. मेरा नाम कैलाश है और मैं 12 क्लास का स्टूडेंट हु, मैं अमरोहा मैं रहता हु. मेरी बहन मुझसे बड़ी है और उसने ही मुझे मेरा बचपन याद दिया. कल मुझे मेरी बहन ने मुझे कागज के जहाज बनाना सिखाया. मैंने कागज के जहाज बनाए और बगीचे में उड़ाए.
नीले और पीले. रंगीन कागज के जहाज बहुत सुंदर लगते हैं. कागज के जहाज में कोई बैठ नहीं सकता. वे सचमुच के नहीं हैं, वे खिलौना हैं. हम उनसे मनोरंजन कर सकते हैं. मेरी बहन कहती हैं सचमुच के जहाज से हम मनोरंजन नहीं कर सकते. उसका उपयोग करते हैं,
दादी के यहाँ भारत जाने के लिये. लेकिन जहाज में यात्रा करना मनोरंजक भी होता है. हम जहाज में कार्टून देखते हैं न, इसलिये. मेरी बहन कहती हैं मजे की चीजें मनोरंजक होती हैं और काम की चीजें उपयोगी. लेकिन मनोरंजन में भी कुछ न कुछ उपयोगी होता है. तो फिर कागज के जहाज से खेलने में क्या उपयोगी है? कागज के जहाज से जब हम खेलते हैं तब वह मनोरंजक होता है.
story in hindi language, लेकिन उसे बनाते समय हम कुछ सीखते हैं इसलिये वह उपयोगी भी है तो दोस्तों मैंने तो इस तरह से अपना बचपन जी लिया है, क्या आपका मन नहीं करता है की आप भी आपने बचपन को कुछ इस तरह से जिए. की आपको बहुत मजा आ जाए , तो देरी किस बात की है , आपको जो पसंद हो वो ही शुरू कर दीजिये. अभी से.
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