short stories in hindi
short stories in hindi, अपना काम स्वयं करे एक लघु कहानी, यह short कहानी एक ब्राह्मण की है एक गांव में एक ब्राह्मण रहता था पर यह ब्राह्मण बहुत ही आलसी था वह कोई भी काम नहीं करता था वैसे उसके पास खाने की कोई कमी नहीं थी उसके पास इतनी जमीन थी कि (Short stories in hindi) वह उसमे कुछ भी हो ऊगा सकता था सकता था
अपना काम स्वयं करे एक लघु कहानी, short stories in hindi
short stories in hindi, उसकी पत्नी इस बात को लेकर बड़ी चिंतित थी कि ब्राह्मण जी कुछ भी नहीं करते हैं गांव के सभी लोग अपने-अपने काम पर सुबह होते ही चले जाते थे पर ब्राह्मण अपना नहा-धोकर सिर्फ आराम ही करता था वैसे ब्राह्मण बहुत ही अच्छा आदमी था अपने आलस पन की वजह से वह कोई भी काम नहीं करता था सोचता था कि उसका कोई काम कर जाए, (short stories in hindi)
short stories in hindi, एक दिन ब्राह्मण के घर पर एक साधु महाराज जी आये , ब्राह्मणों ने साधु महाराज को देखा वह बड़ी प्रसन्नता से उसकी आवभगत की साधु महाराज जी भक्ति को देखकर बहुत ही प्रसन्नता हो गए और कहा कि मांगो जो मांगना है मैं तुम्हें निश्चित रुप से दे दूंगा, ब्राहमण को याद आया कि अगर उसे कोई ऐसा व्यक्ति मिल जाए जो उसका सारा काम कर दे तो उसे बड़ी खुशी होगी साधु महाराज जी ने कहा कि ठीक है मैं तुम्हें एक आदमी दूंगा जब तुम्हारे सारे काम कर सकता है पर एक बात का ध्यान रखना कि वह आदमी खाली नहीं बैठ सकता
short stories in hindi, इसलिए तुम्हारे पास इतना सारा काम होना चाहिए कि तुम एक काम के बाद दूसरा काम जरूर दे दो ब्राह्मण साधु जी की बात मान गए और कहा कि मुझे एक ऐसा आदमी दे दो जो मेरा सारा काम कर जाए महाराज जी ने अपनी शक्तियों से एक ऐसा राक्षस दे दिया जो कि सारे काम कर सकता था, ब्राह्मण उसे देखकर डर गया और सोचने लगा कि यह तो राक्षस है आदमी नहीं है कि यह तुम्हारे सारे काम कर सकता है पर इसे खाली नहीं बैठना पसंद है तुम्हें एक काम के बाद दूसरा काम से जरूर देना है यह तुम्हारे सारे काम कर सकता है हो सके साधु महाराज जी ने उस राक्षस को वहां पर छोड़ कर वहां से चले गए,
ब्राह्मण ने सोचा और कहा कि क्या काम लेना है उसके बाद राक्षस प्रकट हुआ कहा कि बताओ क्या काम करना है ब्राह्मण ने कहा कि जाओ खेतों में पानी दे फिर राक्षस वहां से गायब हो गया और खेतों में पानी देने के लिए चला गया ब्राह्मण फिर आराम करने लगा थोड़ी देर बाद ही राक्षस वापस फिर प्रकट हो गया और ब्राह्मण जैसे कहने लगा कि मुझे और काम दो वह काम पूरा कर आया हूं, ब्राह्मण सोचने लगे कि ओर क्या काम दिया जा सकता है फिर ब्राह्मण ने कहा कि जो काम काम बचा है हम कल करेंगे अब तुम आराम कर लो जाकर but आज उसने कहा कि मुझे काम चाहिए अगर तुमने मुझे कोई और काम नहीं दिया तो मैं तुम्हें खा जाऊंगा ब्राह्मण उस राक्षस की बात सुनकर तुम घबरा गया और सोचने लगा और फिर याद आया कि
खेतो को जोतना है तो कहा कि जाकर खेत जोत आओ राक्षस उस काम को सुनकर वहां से चला गया और ब्राह्मण ने अपनी पत्नी से कहा कि इस बहाने यह पूरी रात बीत जाएगी और खेत जोत पर और इसे काम भी मिल जाएगा तो उसकी पत्नी थोड़ा सा मुस्कुराई और अच्छा लगा कि चलो काम तो हो रहा है, फिर रात हो गई और ब्राह्मण भोजन करने के लिए अपनी जगह पर बैठ गए और जैसे ही भोजन करने लगे राक्षस तुरंत वहां पर आ गया अब ब्राह्मण और घबरा गया कि जो काम दिया था वह पूरा हो गया है आप ब्राह्मण को जरा डर लगने लगा की रात को में क्या काम दूं अभी उसकी पत्नी को एक विचार आया और उसने कहा कि क्या मैं राक्षस को काम दे सकती हूं
ब्राह्मण बोला कि हां चलो तुम्हीं से काम बता दो जिससे यह अपने काम में लग जाए ब्राह्मण की पत्नी ने कहा कि जाओ हमारे कुत्ते मोती कि तुम जाकर पूछ सीधी कर दो और राक्षस से इस काम को सुनकर वहां से चला गया ब्राह्मण यह सोचने लगा की इस काम को करके चलदी आ जायेगा, हम क्या करेंगे तभी उसकी पत्नी ने कहा कि देखो अगर तुम् आलस नहीं करते तो हमारे सारे काम हो जाते तुमने राक्षस को बुला लिया है और परेशानी बढ़ने लगी है अब्राह्मण को सारी बात समझ में आ गई थी कि
अगर मैं आज काम करता तो ऐसा कभी नहीं होता फिर ब्राह्मण ने कहा कि राक्षस से कैसे छुटकारा पाया जाए तो उसकी पत्नी ने कहा कि हमने उसे वह काम दिया है कि वह पूरी जिंदगी भी उसे सही नहीं रख सकता Because कोई भी आदमी कुत्ते की पूंछ को सीधी नहीं कर सकता है, अगर तुम अपना काम अपने आप करते तो ऐसा नहीं होता और उसे लगा कि हां अपना काम स्वयं ही करना चाहिए हमें अपना काम किसी और से नहीं करना चाहिए बल्कि खुद ही करना चाहिए राक्षस कुत्ते की पूंछ को सही करने लगा हुआ था
short stories in hindi, ब्राह्मण अपने काम पर जाने को तैयार था तो राक्षस से कहा कि जल्दी से काम को खत्म करो फिर मैं तुम्हें जरूर दूसरा काम दूंगा पर राक्षस उस काम को खत्म ही नहीं कर पाया और अब्राह्मण अपने काम पर हो जाने लगा और ब्राह्मण को अब कभी आलस भी नहीं आया, इस कहानी (short stories in hindi) से यह शिक्षा मिलती है कि अगर हम अपना काम स्वयं करेंगे तो ज्यादा अच्छा होता अपने काम को हम बेहतर ढंग से कर सकते हैं हमें अपना काम दूसरों से नहीं करवाना चाहिए.
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