राजा की मनमानी की मोरल हिंदी कहानी, any moral story in hindi

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Any moral story in hindi | Story of moral value in hindi

Any moral story in hindi, एक राज्य में एक ऐसा राजा राज्य करता था जो अपनी मनमानी करता था वैसे भी काम लोगों से जबरदस्ती करवाया करता था अगर कोई नहीं करता था तो उसे सजा मिलती थी. एक दिन राजा अपने नगर में घूम रहे थे तो उसने देखा कि लोग बहुत ही अच्छी तरह से काम कर रहे हैं

राजा की मनमानी की मोरल हिंदी कहानी :- Any moral story in hindi

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any moral story in hindi

फिर राजा ने एक ऐसा फरमान जारी किया कि अगर कोई व्यक्ति राज्य में हंसता हुआ नहीं पाया गया तो उसे सजा दी जाएगी, इस पर सभी लोग घबरा कर हंसने लगे क्योंकि राजा ने यह फरमान जारी करा दिया था कि अगर कोई व्यक्ति हंसता हुआ नहीं पाया गया तो उसे सजा मिलेगी सभी लोग हंसते में अपना काम कर रहे थे एक दिन राजा की पत्नी शिकार खेलने गई हो शिकार के दौरान वह घायल हो गई और सभी लोगों घायल के अवस्था में हंसते हुए हैं लेकर राजमहल आए हो और इस पर राजा को बहुत गुस्सा आया कि मेरी महारानी को चोट लगी है और सभी लोग हंस रहे हैं

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 मुझे हंसते हुए यह जानकारी दे रहे हैं फिर राजा ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति हंसता हुआ पाया गया तो उसे सजा मिलेगी और सभी व्यक्ति अब हंसना बंद कर चुके थे और राजा ने पर दुबारा फरमान जारी किया कि सभी लोग रोते हैं नजर आने चाहिए, अगर कोई रोता हुआ नहीं नजर आया तो उसे सजा दे दूंगा फिर एक दिन महारानी का जन्मदिन का उत्सव मनाया जा रहा था जब महारानी उत्सव मना रही थी तो सभी लोग रोते हुए उसे बधाई दे रहे थे

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any moral story in hindi, story of moral value in hindi, राजा को यह बात अच्छी नहीं लगी और उनकी समझ में आ गया कि हमें जबरदस्ती कभी भी मनमानी नहीं करनी चाहिए अगर हम अपनी मनमानी करते हैं तो लोग परेशान होते हैं और हम खुद भी परेशान होते हैं यह बात राजा को समझ में आ राजा ने सभी फरमान समाप्त कर दिए और नगर में फिर से खुशियां लौट आए.

 

प्रजा की ख़ुशी की मोरल हिंदी कहानी :- story of moral value in hindi

एक राजा था वह हमेशा ही अपने महल की सजावट पर बहुत अधिक ध्यान देते हैं

उस पर अधिक खर्च किया करता था उसे लगता था कि अगर मेरा महल बहुत अच्छा होगा

तो इससे हमारी प्रजा को बहुत खुशी होगी

लेकिन इसके बाद भी ही राजा ने जब यह ध्यान दिया कि प्रजा उसकी बिल्कुल भी खुश नहीं है

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वह राजा से बहुत नाराज है और राजा इस बात का पता लगाना चाहते थे कि वह मुझसे नाराज क्यों है लेकिन फिर भी

राजा इस बारे में पता नहीं लगा पा रहे थे वह बहुत दुखी हो जाते हैं और सोचते हैं कि

मैं प्रजा के लिए ही बहुत कुछ कर रहा हूं

लेकिन फिर भी प्रजा मेरे लिए खुशी प्रदान नहीं कर रही है

तभी साधु महाराज जी आते हैं

 

राजा उनसे बात करने की कोशिश करते हैं कि प्रजा मेरी खुश नहीं है

मैंने उनके लिए बहुत कुछ किया लेकिन फिर भी वह खुश नहीं है 

तभी साधु जी ने राजा से पूछा कि आप लोग क्या करते हैं जैसे कि प्रजा खुश हो जाए,

राजा कहता है कि मैं महल की सजावट पर बहुत अधिक ध्यान देता हूं

क्योंकि प्रजा महल में आती है और अपने विचार वहां पर प्रदान करती है

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लेकिन फिर भी खुश नहीं होती है और उसके बाद साधु महाराज जी कहते हैं कि मुझे नहीं लगता कि महल की सजावट के लिए प्रजा इस बारे में कोई खुशी प्रदान हो सकती है साधु महाराज जी राजा से यह कहते हैं कि अगर आप प्रजा को खुश देखना चाहते हैं तो उनके लिए काम कीजिए अगर वह किसी चीज से परेशान है तो उस समस्या को दूर करने के लिए आप धन की व्यवस्था कर सकते हैं

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लेकिन आप ऐसा कुछ नहीं कर रहे हैं यह धन आप सिर्फ अपने महल की सजावट के लिए कर रहे जो ठीक नहीं है राजा को अब समझ में आ गया था कि उन्हें प्रजा पर ध्यान देना होगा अगर वह ध्यान देते हैं तो वह प्रजा को खुश देख सकते हैं इसलिए जीवन में हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि अगर आप किसी की समस्या को दूर करते हैं तो इससे अच्छी खुशी आपको कहीं नहीं मिल सकती अगर आपको यह दोनों any moral story in hindi, story of moral value in hindi, पसंद नहीं तो आगे भी शेयर करें कमेंट करके हमें बताएं 

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