शेखचिल्ली की दुकान, shekh chilli ki kahani | shekh chilli ki story

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shekh chilli ki kahani | shekh chilli ki story

शेखचिल्ली की दुकान, shekh chilli ki kahani, एक दिन शेखचिल्ली यह सोच रहा था कि मुझे कौन सा काम करना चाहिए जिससे मेरा घर चल जाए तो शेखचिल्ली के दिमाग में आए क्यों ना मैं एक shop ही खोलो और उसने village में एक छोटी सी shop खोल ली,शेखचिल्ली (shekh chilli ki story) पूरे दिन दुकान पर ही रहता और शाम को अपने home चला जाता था लेकिन एक दिन शेखचिल्ली काफी देरी होने के कारण वहीं पर रुक गया और सोचने लगा कि थोड़ी देर बाद ही निकलूंगा और रात काफी हो चुकी थी

शेखचिल्ली की दुकान : shekh chilli ki kahani

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shekh chilli ki kahani

shekh chilli ki kahani, वह “शेखचिल्ली” अपनी दुकान बंद करके जा ही रहा था कि कुछ लोग सामने से आते हुए दिखाई दिए “शेखचिल्ली” ने पूछा कि आप लोग कौन हैं तो वह कहने लगे कि हम सौदागर हैं और यहां पर कुछ सौदा करने आए हैं “शेखचिल्ली” ने कहा कि अब तो बहुत रात हो गई है अब तुम कैसे सौदा कर सकते हो तुम्हें तो सौदा करने के लिए कल आना चाहिए वह आदमी कहने लगे कि हमारा सौदा तो रात में ही होता है हम थोड़ी देर में बहुत सारा मुनाफा कमा लेते हैं “शेखचिल्ली” की बिल्कुल भी समझ में नहीं आ रहा था कि इतनी जल्दी है कैसे मुनाफा कमा सकते हैं, 

शेखचिल्ली की कुश्ती

मैं तो पूरे दिन shop पर बैठा रहता हूं और मुझे कुछ भी नहीं मिलता है तब उसने कहा कि मुझे भी अपने काम में शामिल कर लो अगर शामिल कर लेते हो तो मेरा भी  home चल जाएगा सौदागर ने पहले सोचा कि ठीक है हम इसे रख लेते हैं और इसका भी काम बन जाएगा और एक आदमी का भला हो जाएगा सौदागर नागर ने कहा कि ठीक है चलो हमारे साथ हम तुम्हें भी काम सिखाते हैं कि सौदागर “शेखचिल्ली” को एक village के घर में ले गए और कहा कि हमें यहां से कुछ ना कुछ चुराना है जैसे हम चुराएंगे वह समान को हम बेचकर मुनाफा कमाएंगे “शेखचिल्ली” को बड़ा आसान लगा यह तो बहुत अच्छा काम है

महामूर्ख की कहानी

क्यों ना मैं भी कर लूं उसने कहा कि ठीक है अंदर चलते हैं और जो समान है उसे समेट के यहां से निकल जाते हैं जैसे ही शेखचिल्ली और सौदागर उस village के home में गए तो वहां पर एक आदमी सो रहा था बाकी सौदागर तो सामान समेटने में लग गए और “शेखचिल्ली” है सोचने लगा कि इस बर्तन में क्या रखा है जैसे उसने बर्तन खोला तो उसमें milk रखा हुआ था शेखचिल्ली को बहुत भूख भी लग रही थी रात होने की वजह से उसने कुछ खाया भी नहीं था उसने थोड़ा सा दूध अपने गिलास में किया गिलास में दूध जाते ही गर्म लगने लगा क्योंकि दूध बहुत ही गर्म था उधर वह आदमी सोया हुआ था बड़ी ध्यान से “शेखचिल्ली” देख रहा था कि कहीं जाग ना हो जाए “शेखचिल्ली” ने जैसे ही दूध पीने की कोशिश की और छीख आ गई और जैसे ही छीख आई तो वह आदमी उठ गया और जोर-जोर से चिल्लाने लगा के यहां पर चोर है चोर है

शेखचिल्ली का मजाक

village वाले भी आ गए और पूछने लगे कि चोर कहां है फिर गांव वालों ने जब home की तलाशी ली तो वहां पर सभी आदमी छुपे हुए मिले और “शेखचिल्ली” ने बताया कि यही चोर है यही चोर है मुझे लेकर आए थे वह शेखचिल्ली तो बच गया बाकी thief पकड़े गए और उनकी बहुत ज्यादा पिटाई हुई “शेखचिल्ली” ने अपने कान पकड़ लिया कि मैं ऐसा बिल्कुल भी काम नहीं करूंगा जिसमें पिटाई होती है और वह अपने घर चला गया. “शेखचिल्ली” की आदत ही अजीब है वह किसी भी काम को करने के लिए तैयार हो जाता है मगर वह इस बता को नहीं जानता है की उस काम में उसे परेशानी का सामना भी करना पड़ सकता है जैसा की इस कहानी में हुआ था, शेखचिल्ली की दुकान, shekh chilli ki kahani, अगर आपको यह कहानी पसंद आयी है तो शेयर जरूर करे 

 

शेखचिल्ली के घर आया मेहमान की कहानी :- shekh chilli ki kahani

“शेखचिल्ली” ने सोचा की आज वह कहि भी बाहर नहीं जाएगा क्योकि आज उसका मन बाहर जाने का नहीं कर रहा था, कुछ देर बाद उसके दरवाजे पर दस्तक होती है, वह अभी आराम करने जा ही रहा था की पता नहीं कौन आ गया है, वह दरवाजा खोलता है, देखता है की कोई आदमी आया है, वह कहता है की और भाई “शेखचिल्ली” कैसे हो, बहुत दिन से नज़र नहीं आये हो, “शेखचिल्ली” कहता है की में कल ही तो उस तरफ गया था, मगर तुम नज़र नहीं आये थे,

शेखचिल्ली की कुश्ती

वह आदमी कहता है की में किसी कमा से बाहर गया था, इसलिए नज़र नहीं आया था, “शेखचिल्ली” को लग रहा था की यह तो मेरा समय खराब करने आया है अब क्या होगा, पता है यह कब जायेगा मुझे आराम करना था, वह आदमी “शेखचिल्ली” से कहता है आज तो में सोच ही रहा था की तुमसे बात करके ही जाऊँगा, क्योकि बहुत दिन हो गए है, बात भी नहीं होती है, “शेखचिल्ली” कहता है की वह तो ठीक है, अब तुम आ ही गए हो, तो कुछ देर बैठ जाते है, बहुत देर तक बाते हो रही थी,

 

उसके बाद वह आदमी “शेखचिल्ली” से कहता है, की कुछ चाय का इंतज़ाम किया जाए, यह सुनकर “शेखचिल्ली” उस आदमी की और देखता है यह तो मेरे खर्चे को बढ़ाने के लिए आ गया है, “शेखचिल्ली” कहता है की कुछ देर बाद चाय पीते है, वह फिर से बात करने लग जाते है, जब बहुत देर बात करते हो गई तो वह आदमी कहता है की अभी तक वह चाय नहीं आयी है, “शेखचिल्ली” फिर से उस आदमी की और देखने लगता है, वह कहता है की कुछ देर बाद चाय आ जायेगी, कुछ और सनाओ, तुम्हारे पास तो बहुत बाते है,

शेखचिल्ली की तबीयत

वह आदमी फिर से बात करने लगता है दोनों बातो में फिर से खो जाते है, जब बहुत देर हो गयी तो वह आदमी कहने को होता है की चाय नहीं आयी है, उससे पहले “शेखचिल्ली” कहता है की मुझे पता है तुम क्या कहना चाहते हो अभी चाय नहीं आयी है, वह आदमी कहता है की है मे यही पूछने वाला था, “शेखचिल्ली” कहता है की अभी तुम रुको में चाय लेकर आता है, आज “शेखचिल्ली” को उस पर बहुत गुस्सा आ रहा था, सोच रहा था, आज इसे चाय देनी ही पड़ेगी, वह चाय बनाने लगता है वह आदमी कहता है की खाली चाय भी अच्छी नहीं लगती है,

 

अगर चाय के साथ कुछ बिस्कुट भी हो तो बहुत अच्छा होगा, “शेखचिल्ली” ने सोचा की आज उसे ऐसी चाय देनी है, जिसके बाद वह चाय के बारे में नाम भी नहीं लेगा, इसलिए “शेखचिल्ली” उसे कुछ अजीब सी चाय बनाकर लाता है, वह आदमी कहता है की आप चाय नहीं पीने वाले है, “शेखचिल्ली” कहता है की मेरा आज मन नहीं कर रहा है, तुम चाय पियो और कुछ बाते बताओ, चाय की पहली घूँट ने शायद उस आदमी के होश ही उड़ा दिए थे “शेखचिल्ली” पूछता है की चाय कैसी बनी है,

शेख चिल्ली और एक आदमी की कहानी

वह आदमी कहता है की यह कैसी चाय है, मेने अजा तक ऐसी चाय नहीं पी है, “शेखचिल्ली” कहता है की यह बहुत स्पेशल है, में यही चाय पीता हु, वह आदमी अब कुछ भी बताने के मूड में नहीं था, आज उसे पता चल गया था, चाय ऐसी भी बन सकती है, उस चाय को खत्म करने में लगभग एक घंटे का समय तो लग ही गया था वह बिस्कुट वैसे ही रखे थे जैसे अभी तक खाये नहीं थे, उसके बाद वह आदमी कहता है की मुझे लगता है की मेरी तबियत कुछ ठीक नहीं है, मुझे घर चले जाना चाहिए,

 

यह सुनकर “शेखचिल्ली” कहता है की जल्दी घर पहुंच जाना कही ऐसा न हो बहुत देर हो जाये, वह आदमी चला जाता है, आज “शेखचिल्ली” ने उस आदमी को सबक सीखा दिया था, क्योकि वह उसे हमेशा ही परेशान करता था, अगर आपको यह कहानी पसंद आयी है तो शेयर जरूर करे

 

शेखचिल्ली की सजा दूसरी कहानी : shekh chilli ki kahani

shekh chilli ki kahani, “शेखचिल्ली” अभी घर पर सोया हुआ था उसे यही लग रहा था की अभी रात हो रही है इसलिए वह उठने के लिए तैयार नहीं था मगर कुछ लोग अभी वही पर आये हुए थे वह उसे आवाज लगा रहे थे क्योकि अभी भी “शेखचिल्ली” उठा नहीं था वह उनकी आवाज सुनता है और उठ जाता है वह कहता है की आपको नींद नहीं आती है तो मुझे जगाने से कोई फायदा नहीं है अभी रात हो रही है मुझे सोना चाहिए,

शेख चिल्ली बना डॉक्टर

सभी कहते है की अब तुम्हे सजा मिलेगी यह बात सुनने के बाद “शेखचिल्ली” डर जाता है क्योकि उसने तो कुछ भी नहीं किया है यह बात अच्छी नहीं है “शेखचिल्ली” कहता है की यह कोई बात नहीं मेने कुछ नहीं किया है वह सभी कहते है की रात में हमारे साथ तुमने क्या किया था तुम सभी जगह पर आवाज करते हुए जा रहे थे हमारी नींद तुमने उड़ा दी थी और अब यहां पर मजे से सो रहे हो हम तुम्हे रात भर ढूढ़ रहे थे अब तुम मिले हो यह सुनकर शेखचिल्ली वहा से भागता हुआ जाता है

पेटू पंडित हास्य कहानी

shekh chilli ki kahani, shekh chilli ki story, अब उसकी नींद भी खुल गयी थी क्योकि वह सभी उसे पिटाना चाहते थे शायद यही सजा थी शेखचिल्ली को जो मिल गयी थी “शेखचिल्ली” उस दिन कही भी नहीं रुका था क्योकि वह जानता था की अगर वह रुक गया तो अच्छा नहीं होगा अगर आपको यह कहानी पसंद आयी है तो शेयर जरूर करे

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