Real life ghost experiences in hindi
Real life ghost experiences in hindi, bhooton ki duniya, ये बात उन दिनों की है जब मैंने अपना पुराना ऑफिस छोड़ कर अपने दूसरे न्यू ऑफिस मैं शिफ्ट हुआ था | मेरा प्रॉपर्टी डीलर का बिज़नेस था | मैंने जहा से अपना “ऑफिस” बदला था , वो बहुत ही छोटा था, मुझे वहा पर लोगो को हेंडल करने मैं बहुत ही ज्यादा दिक्कत आती थी | इसलिए मैंने उसे सेल करके अपने लिए ये बड़ा ऑफिस खरीद लिया था |
ऑफिस नंबर 383 के भूत की कहानी :- Real life ghost experiences in hindi
मेरा नाम सुरेश मित्तल है और मैं अपने परिवार के साथ पुणे मैं रहता हु | मैंने जिस प्रॉपर्टी डीलर से ये “ऑफिस” खरीदा था उसने इसके बारे मैं कुछ भी नहीं बताया था | की इसमें पहले क्या क्या हुआ है | इसलिए मैंने बिना ही कुछ सोचे समझे इस ऑफिस को खरीद लिया था |
अब मैं आपको वो बताने जा रहा हु, जो की मेरे साथ इस “ऑफिस” मैं रोज घटित हो रहा है | ये बात उन दिनों की है जब मैं रोज की तरह अपने घर से मॉर्निंग मैं लगभग 9.30 निकलता हु | मेरे घर और ऑफिस की दुरी लगभग पांच किलोमीटर है | इसलिए मैं रात को लेट भी हो जाओ तो ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है |
एक दिन की बात है , जब मैं घर से निकला तो मुझे अपने घर के बहार एक बच्ची खड़ी दिखाई दी, जो की बहुत रो रही थी | उसके आस पास कोई भी नहीं खड़ा था , लेकिन वो फिर भी र ऐसे देख रही थी मानो की वहा कोई खड़ा हो और वो उस बात कर रही हो | मैं वहा से निकल गया क्योकि मुझे “ऑफिस” के लिए लेट हो रहा था | जैसे ही मैं ऑफिस पर पंहुचा तो मुझे वही बच्ची खड़ी दिखी , जो की मेरे घर के बहार खड़ी थी | मैं सोच मैं पड़ गया, और ये सोचने लगा की क्या ये वही बच्ची है जो की मुझे आज मेरे घर के बहार खड़ी मिली थी | अगर ये वो ही है तो इतनी जल्दी यहाँ पर कैसे आ सकती है |
मैं जैसे ही अपनी गाड़ी से उतरा तो वो एक दम से गायब हो गयी | तब तो मैंने इसे अपने दिमाग का वहम समझकर भूल गया | लेकिन जब वो मुझे एक बार फिर से अपने “ऑफिस” के अंदर सोफे पर बैठी नज़र आयी तो मेरा दिमाग ख़राब हो गया और मैंने अपने “ऑफिस” मैं काम करने वाले से पूछा की क्या तुम इस बच्ची को जाते हो जो की सोफे पर बैठी है | तो उसने कहा की साहब किसको , मैंने कहा इस बच्ची को जो यहाँ पर है |
उसने कहा क्या साहब मेरे साथ आप मज़ाक क्यों कर रहे हो, यहाँ पर तो कोई भी नहीं है | “ऑफिस” मैं तो बस आप और मैं ही है | मैंने कहा बेवकूफ वो बैठी है सोफे पर “मैंने उठ कर कहा” यहाँ देख | उसने कहा साहब लगता है आपकी तबियत आज ठीक नहीं है , इसलिए सायद आपको भरम हो रहा है और आप इधर उधर की बाते सोच रहे है | फिर जैसे ही मैं दोबारा देखा तो वो बच्ची वहा से गायब हो चुकी थी | मैं उस दिन जल्दी ही अपने घर पर वापिस आ गया और आज की ये सारी बात अपनी पत्नी निर्मला को बताई | तो उसने भी यही कहा की आप काम के कारण बहुत ही ज्यादा थक जाते हो और इधर उधर की बाते सोचने लग जाते हो, और कुछ भी नहीं है |
उस रात मैं जल्द ही खाना खाकर सो गया तो मुझे सपने मैं वही बच्ची नज़र आयी जो की मुझे दिन मैं दिखी थी | मैं उठ गया और रात भर मैं चैन की नींद नहीं सो पाया था | मैं रात भर परेशान रहा था | अगले दिन मैं एक बाबा के पास गया और ये सारी बात उसे बताई और अपने साथ अपने ऑफिस पर ले गया, तो उस बाबा ने बताया की , आपका “ऑफिस” जिस जमीं पर है , वह पर पहले एक घर था | और उस घर मैं जो माँ और बेटी रहती थी, उसका किसी ने क़त्ल कर दिया था | ये आत्माये उन्ही दोनों की है | मैंने कहा की बाबा तो ये मुझे ही क्यों नज़र आ रही है | बाबा ने कहाँ क्योकि तुम्हारा “ऑफिस” इस जमीं पर है , इसलिए ये दोनों तुम्हे ही नज़र आ रही है |
बाबा ने कहा की तुम्हे घबराने की कोई जरूरत नहीं है , ये तुम्हे कोई नुकसान नहीं पहुचायेगी | इनकी अकाल मृत्यु हो जाने के कारण से ये दोनों भटक रही है, और इनकी आत्मा को शांति ना मिल पाने के कारण से इन्हे मुक्ति नहीं मिल पा रही है | तो मैंने बाबा से इन दोनों की शांति के लिए उपाय पूछा ,
real life ghost experiences in hindi, bhooton ki duniya, तो उन्होंने मुझे बताया की इनके लिए पूजा पाठ कराना होगा तभी इन्हे मुक्ति मिल पायेगी, और तब मैंने इन दोनों की आत्मा की शांति के लिए पाठ कराया , तब जाकर इनकी आत्माओ को मुक्ति मिली और मैं चेन की साँस ले पाया | तब से आज तक मुझे कभी भी कोई भी परेशानी नहीं हुई | बहुत से लोग इन सब बातो को नहीं मानते है पर यह बात बहुत जरुरी है की अगर हमारे न मानने से यह समस्या खत्म हो सकती तो कितना अच्छा होता पर ऐसा नहीं होता है इसलिए हमेसा सतर्क रहे और अपने जीवन को खुशियो से भरे.
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