Pariwar ki kahani
Pariwar ki kahani, hindi story, परिवार की हिंदी कहानी, हम सब जगह कैसे पढ़ते और लिखते हैं, कि बड़े होने पर बच्चे अपने मां-बाप को छोड़ देते हैं, उन्हें वृद्धा आश्रम पहुंचा देते हैं, उन्हें दुख देते हैं, उनकी बुढ़ापे में सेवा नहीं करते, और यह सब गलत है, हमें अपने बूढ़े मां बाप की सेवा करनी चाहिए, पर आज भी कुछ माता पिता ऐसे भी है, जो अपने सुख के लिए अपने बच्चो को कभी भी अपने पैरों पर खड़ा ही नहीं होने देते,
परिवार की हिंदी कहानी : pariwar ki kahani
उन्हें यह डर रहता है कि कहीं उनके बच्चे उन्हें बुढ़ापे में ना छोड़ दे, इस पर एक कहानी है, एक शहर में एक सेठ रहता था, उसके दो लड़के थे, सेठ का व्यापार बहुत अच्छा था, धीरे-धीरे उसके लड़के बड़े होने लगे, उन लड़कों ने अपने पिता से कहा कि हमारी कोई नौकरी लगवा दो, पर सेठ के पास पेसो की कोई कमी नहीं थी, और जान पहचान बड़े-बड़े लोगों के पास कुछ का बैठना उठना था, पर सेठ को ऐसा लगता था, कि अगर वह किसी से नौकरी की बात करेगा, तो उसे शर्मिंदगी होगी, उसने अपने लड़के को बुलाया, और कहा देखो मैं तुम्हारी सिफारिश नहीं कर सकता, तुम दोनों अपने आप नौकरी ढूंढो,
लड़के कहां जाते उसके साथ के जितने भी बच्चे थे, उन्हें कहीं ना कहीं नौकरी कर ली थी, या कोई ना कोई व्यापार करने लगे थे, पर वह दोनों घर में ही थे, सेठानी को भी अपने ऊपर बड़ा घमंड था, सेठानी को अच्छे कपड़े पहनने हुए, अच्छा खाना खाना खा बस यही काम था, ऐसे कौन से मां बाप है, जो चाहेंगे कि हमारे बच्चे कामयाब ना हो, सेठानी को ऐसा लगता था, कि अगर बच्चों को कामयाब हो गए, तो वह उन्हें बिल्कुल भी नहीं पूछेंगे, दोनों सबसे छोटे लड़के को ही ज्यादा मानते, उसी की बात मानते हो, और उसी को प्यार करते थे,
बड़े को कुछ नहीं समझते थे, कुछ दिनों बाद बड़े बेटे की शादी हो गई थी, सेठानी की पड़ोसन थी, आधा सच आधा झूठ बोलकर बड़े बेटे की शादी करा दी थी, सेठानी वैसे तो कहती थी, कि हमें कुछ नहीं चाहिए, पर वह बात-बात पर अपनी बहू को सुनाते हैं, यह नहीं लाई और उस पर रोब-जमाती सेठानी बात बात पर कहते हैं, मेरी तो छोटी बहू आएगी, वही मेरा सब कुछ करेगी, सेठानी हमेशा अपने लोगों से कहते, हमारे कौन सी लड़की है, जिसकी शादी करनी है, जिसके लिए हम पैसा जोड़ने खाओ पियो.
छोटी-छोटी बातों पर दोनों बहुत ही कमियां निकालते थे, जरा जरा सी बात को बड़ा बना देते, सारा दिन सेठानी बैठी रहती थी, इन सब से बचने के लिए बड़ी बहू कि स्कूल में अध्यापक की नौकरी कर ले, क्योंकि वह अच्छी पढ़ी-लिखी थी, धीरे-धीरे बड़े लड़के से शादी को 8 साल हो चुके थे, छोटे लड़के के रिश्ते आ रहे थे पर वह कुछ नहीं करता था, इसीलिए उसकी बात नहीं बनती थी, लेकिन छोटे की हर जगह पूछ होती थी, जैसे उसके बिना घर का कोई भी काम नहीं हो सकता था, शहर का कोई भी आदमी बोलता, कि आपके बच्चे क्या कर रहे हैं, तो उसे झूठ नहीं कह देता, कि दोनों नौकरी करते हैं पर ऐसा कुछ नहीं था,
शाम को आकर बच्चे खाने के शौक पूरे ही करवाता, उसने कभी नहीं सोचा कि मैं अपने बच्चों से बात करोगी, उन्हें क्या करना है, कैसे करना है, भविष्य में क्या करना है, वह तो सिर्फ अपने में ही रहता था, क्योंकि सेठ को इस बात का बड़ा घमंड था, कि उसके पास तो पैसा ही पैसा है, उसे अपने बच्चों की क्या जरूरत है, और अगर होगी तो उसका छोटा बेटा है. अगर आज के बच्चे अपने मां-बाप को छोड़ देते हैं, बुढ़ापे में तो यह जरुरी नहीं कि हर बच्चे ऐसे हो हम माता-पिता और बच्चों को क्यों दुख दे जो सही है, और उन्हें इस लायक भी नहीं बनाए, कि वह अपने पैरों पर खड़ा होकर अपने परिवार को चला सके, हर मां बाप इसी डर से अपने बच्चों को कुछ नहीं बनाएगा, तो भला इन बच्चों का भविष्य क्या होगा.
बूढ़े पिता की एक कहानी : Pariwar ki kahani, hindi story
Pariwar ki kahani, hindi story, वह बूढ़ा आदमी कुछ भी नहीं कर पा रहा था क्योंकि वह बहुत बूढ़ा हो चुका था और उसके सामने बहुत सारी समस्याएं आ रही थी जिसकी वजह से कोई भी काम नहीं कर पा रहा था but उसका लड़का इस बात को नहीं समझ रहा था यह समझना चाहिए था कि उसके पिताजी आप बहुत बूढ़े हो गए हैं और वह अब काम नहीं कर सकते हैं
इसलिए उन्हें आराम की जरूरत है but वह इस बात को नहीं समझता है, वह लड़का इस बात को भी नहीं जानता है कि एक समय बहुत बूढ़ा हो जाएगा तो वह भी काम नहीं कर पाएगा तो उसे कैसा महसूस होगा शायद इस बात को नहीं जानता है इसी वजह से अपने बूढ़े पिता जी से काम ले रहा था उसके पिताजी काम कर रहे थे तभी अचानक ही उनकी तबीयत खराब हो गई जिसकी वजह से वह बीमार हो गए
कुछ भी नहीं कर पा रहे थे कि उनसे काम तो नहीं हो रहा है इसी वजह से मुझे आराम कर लेना चाहिए वह आराम कर रहे थे जब शाम को लड़का आया तो उसने देखा कि उसके पिताजी आराम कर रहे हैं वह गुस्सा करने लगा क्योंकि जो काम दिया गया था वह पूरा नहीं हुआ है तभी उसे पता चला कि उसके पिताजी की तबीयत खराब हो गई है जिसकी वजह से काम नहीं कर पा रहे हैं तुम्हें काम करने की आवश्यकता थी but तुमने तो अपनी तबीयत खराब कर ली
जिसकी वजह से यह काम कौन करेगा मुझे समझ में नहीं आ रहा है पिताजी जी कहते हैं कि अगर मेरी तबीयत खराब ना होती तो मैं यह काम कर लेता है इसलिए मैंने सोचा कि मैं आराम कर लूं जिसकी वजह से मैं कुछ समय बाद इस काम को पूरा कर लूंगा लड़का कहता है कि तुम्हारी तबीयत खराब हो चुकी है अब तुम कुछ नहीं कर सकते हो मुझे अभी समस्या आ रही है कि अब आपको अब आराम करना होगा हु इस काम को करने के लिए मुझे बाहर से कोई आदमी बुलाना होगा उसे धन देना होगा जिससे कि हमारे पास पहले से ही बहुत कम धन हैं और वह भी चला जाएगा
यह सुनकर उसके पिताजी को बहुत दुःख होता है मेरी तबीयत खराब हो रही है तभी उनके पड़ोसी आते हैं और कहते हैं कि तुम्हारे पिताजी की तबीयत खराब हो गई है मैंने देखा था मैं उनसे मिलने आ गया हूं लड़का वहां से चला जाता है वह कहता है कि वह आराम कर रहे हैं तभी पिताजी कहते हैं कि यह बात मुझे समझ में नहीं आती है कि उसे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है वह मुझसे काम लेना चाहता है जबकि उसे यह बताएं कि मेरी तबीयत बहुत ज्यादा खराब हो गई है मैं काम नहीं कर पा रहा हूं तो उसका पड़ोसी कहता है कि कभी जीवन में हमें वह भी करना होता है जिसके बारे में हमें पता नहीं होता
Pariwar ki kahani | hindi story
शायद हमारे जीवन में यही परेशानी है जिसकी वजह से हम लोग परेशानियों को दूर नहीं कर सकते हैं यह कोई नहीं सोचता है कि हमारा एक वक्त होता है जिस वक्त के बाद हम काम नहीं कर पाते हैं हमारे सामने समस्या आती हम बीमार हो जाते हैं लेbut इस बात को नहीं समझता है और शायद इस बात को समझना भी नहीं चाहता है इसी वजह से वह कुछ नहीं कहता है किसी के भी सामने कुछ भी हो सकता है इसलिए समस्याओं को समझना चाहिए और हमें वह काम नहीं करने चाहिए जिससे कि अपनों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा इसलिए जीवन को समझना बहुत जरूरी होता है कि 1 दिन जो आप कर रहे हैं आपके साथ भी वह जरूर होगा अगर आपको यह Pariwar ki kahani, hindi story, पसंद आई है तो आगे भी शेयर करें कमेंट करके हमें भी बताएं
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