पेड़ और झाड़ी की कहानी, New moral stories in hindi | Moral story in hindi

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new moral stories in hindi | Moral story in hindi

पेड़ और झाड़ी की मोरल कहानी, new moral stories in hindi, (moral story in hindi), एक जंगल था उसमें एक बहुत बड़ा पेड़ था और उसी के पास कांटे वाले झाड़ियां थी पेड़ हमेशा अपने ऊपर घमंड करता था कि देखो मैं कितना बड़ा हूं मैं, मेरे पास लोग आते हैं मेरे फल खाते हैं और मेरी नीचे बैठकर छाया लेते हैं.

पेड़ और झाड़ी की मोरल कहानी : new moral stories in hindi

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New moral stories in hindi, तुम्हारे पास तो कोई आता भी नहीं है ना ही तुम्हारे से कोई लेता है (moral story in hindi) झाड़ी ने कहा कोई बात नहीं कुछ लोग पेड़ के पास आये पेड़  बहुत खुश हो रहा था कि देखो यह मेरे पास बैठेंगे यह मेरे फल खाएंगे पर वो लोग तो tree की जड़ को  कारी से काटने लग गए. पेड़ ने कहा तुम मेरे ही फल खाते थे और मेरे ही छांव में घंटों बैठ बैठते थे और फिर तुम आज मुझे क्यों काट रहे हो उन आदमियों ने कहा कि हमें लकड़ी की जरूरत है इसीलिए हम तुम्हें काट रहे हैं यह सुनकर झाड़ी हंस पड़ी और बोली देखो तुम्हें अपने आप पर कितना घमंड था

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पर तुम थोड़ी ही देर में कट जाओगे मुझे देखो कोई मेरे पास नहीं आता but मैं हमेशा यहीं रहती हूं ना तो कोई मुझसे कुछ लेता है और ना ही देता है अपने आप को जितना बड़ा समझते थे आज तुम उतनी ही छोटे हो जाओगे और इस जंगल से चले जाओगे, यह सुनकर पेड़ को अपनी गलती का एहसास हुआ और वह झाड़ी से माफी मांगने लगा कोई छोटा बड़ा नहीं होता सब अपने अपने गुणों से छोटे बड़े होते हैं. हम सभी सामान होते है but कुछ लोग ऐसा नहीं मानते है वह अपने आपको बड़ा और दुसरो को छोटा मानते है जबकि ऐसा सोचना गलता होता है

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हम सभी में अनेक गुण होते है मगर हम पहचान नहीं पाते है इसलिए गुणों को पहचाने और सही दिशा चुने, तभी हम जीवन में आगे बढ़ सकते है, यह कहानी हमे यही बताती है की जीवन में सभी समान होते है और हमे उनसे अच्छे गुण मिल सकते है इसलिए ऐसा नहीं सोचना चाहिए की हम बहुत बड़े है जबकि हम सभी समान है पेड़ और झाड़ी की मोरल कहानी, new moral stories in hindi, moral story in hindi, अगर आपको यह कहानी पसंद आयी है तो आप शेयर कर सकते है  

 

एक नयी परंपरा की मोरल कहानी, new moral stories in hindi

new moral stories in hindi, एक आश्रम में साधू जी उनके शिष्य रहते थे, वह सभी शिष्य वही पर काम करते थे उसके बाद शिक्षा ग्रहण करते थे, एक दिन मौसम खराब हो गया था, साधु जी ने देखा की एक खरगोश का बच्चा बारिश से बचने के लिए आश्रम की और आ गया था, साधु जी ने उसे उठाया वह भूखा था उसे भोजन दिया उसके बाद वह खरगोश वही पर रहने लगा था, वह धीरे धीरे वही पर बड़ा हो रहा था (New moral stories in hindi)

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मगर एक समस्या साधु जी के सामने आ रही थी की जब भी वह तपस्या कर रहे थे तो उनके पास वह खरगोश का बच्चा आ जाता था जिससे वह ध्यान नहीं लगा पा रहे थे वह परेशान हो जाते है तभी साधु जी ने एक शिष्य को बुलाया उससे कहा की जब भी में ध्यान लगाऊ, तब यह खरगोश का बच्चा पिजरे में होना चाहिए क्योकि इससे ध्यान लगाने में परेशानी होती है उसके बाद वही होता रहा था जब भी साधु जी ध्यान लगाते तो वह खरगोश को पिंजरे में बंद कर देते,

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एक दिन साधु मर गए थे, उसके बाद उनका प्रिय शिष्य साधू जी की गद्दी को संभालता है वह भी यही करता है जब भी ध्यान लगया जाता है तब वह खरगोश को पिंजरे में बंद कर देता ऐसा हमेशा यही चलने लगा था उसके बाद एक दिन खरगोश भी मर गया था, अब समस्या यह आ गयी थी की जब भी साधु जी ध्यान में बैठ जाया करते थे तो खरगोश को बंद किया जाता था, मगर अब खरगोश नहीं है इसलिए कही से खरगोश को लाया जाए तभी ध्यान में बैठा जा सकता है,

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new moral stories in hindi, moral story in hindi, कुछ समय बाद एक घरगोश मिल गया था उसके बाद साधु शिष्य ने ध्यान लगाना शुरू कर दिया था एक दिन उस आश्रम में एक आदमी आता है वह सब कुछ देखता है वह पूछता है की यह सब क्यों किया जाता है वह कहते है की हमारे गुरु जी ऐसा करते थे तभी से यह परंपरा चल पड़ी थी, यह कहानी हमे कहती है की पहले कारन को समझो तभी फैसला करो अगर आपको यह कहानी पसंद आयी है तो शेयर करे      

 

पेड़ और झाडी की दूसरी कहानी : new moral stories in hindi

New moral stories in hindi, tree का घमंड अभी टुटा हुआ नहीं था वह झाडी से फिर कहता है की तुम्हारे काम आने का कोई भी सवाल नहीं है मुझे देखो में सभी के काम आता हु तुम्हे कोई नहीं पूछता है जबकि मुझे हर जगह पर लगाया जाता है एक दिन में तुम्हे यह साबित कर दूंगा की तुम किसी काम की नहीं हो झाड़ी को लग रहा था की पता नहीं क्यों यह पेड़ हमेशा यही बात करता है यही काम का है बाकि कोई भी काम का नहीं है झाड़ी ने कहा की में भी काम की हु, (New moral stories in hindi)

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यह बात सुनकर पेड़ कहता है की तुम किसी काम की नहीं हो तुम्हारा कोई भी प्रयोग नहीं करता है जबकि में सभी के काम आता हु सभी को फल देता हु तुम क्या कर सकती मुझे तो नहीं लगता है की कोई भी काम आ सकती हो झाड़ी कहती है की ऐसी कोई भी बात नहीं है जो लोग झोपडी बनाते है में उनके काम आती हु because रात को जब सभी सो जाते है तो वह अपने बाहर झाडी का प्रयोग करते है वह मुझे ही उस जगह पर लगाते है जिससे कोई जानवर अंदर न आ जाये

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New moral stories in hindi, moral story in hindi, पेड़ को भी अब पता चल गया था की झाडी के भी प्रयोग है उसके बाद पेड़ झाड़ी से कुछ नहीं कहता है because वह समझ गया था की वह भी किसी के काम आती है जीवन में हर कोई काम आ सकता है but  यह जरुरी नहीं है की जो वह काम करे वह भी ऐसा ही करे but सभी के काम अलग होते है इसलिए कभी भी किसी को छोटा नहीं समझना चाहिए अगर आपको यह कहानी पसंद आयी है तो शेयर जरूर करे.

 

Moral story in hindi for small tree

New moral stories in hindi, वह पेड़ उदास बैठा हुआ था उसे यही लग रहा था की हम जंगल में अकेले रहते है उस वक़्त की बात है जब में बहुत छोटा था एक पौधे की तरह मुझे सब देखते थे मुझे बहुत अच्छा लगता था यह life तो सिर्फ उदास की तरह लगता है उसके बाद सभी पेड़ कहते है की तुम ऐसा क्यों सोचते हो, तुम्हे ऐसा नहीं सोचना चाहिए, because हम सभी तुम्हारे साथ में है वह पेड़ फिर चुप हो जाता है वह कहता है की मुझे पता है की तुम साथ में हो, (New moral stories in hindi)

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but वह क्या बात है, जो तुम कह रहे हो, वह बात समझ नहीं आ रही है, तुम किस बारे में बात कर रहे थे जब तुम एक पौधे थे, वह tree कहता है की मुझे आज भी वह समय याद है, उस समय को में नहीं भूलता हु में भी एक पौधे जैसा था, मुझे एक बच्चा अपने घर लाया था, उसने मुझे हर रोज पानी और धुप दिया था सभी बच्चे मेरे ही पास में खेलते थे, उन्हें देखकर बहुत अच्छा लगता था उस बच्चे से मुझे सब कुछ सिखने को मिल रहा था, वह बहुत अच्छा था एक दिन वह उस जगह को छोड़कर जा रहे थे वह मुझे साथ नहीं ले जाना चाहते थे

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because उन्हें लग रहा था, की अगर वह साथ में ले जाते है तो में सूख सकता हु, यही कारण था की वह मुझे नहीं ले जाना चाहते थे, वह बच्चा अपने पिताजी के साथ यहां पर आया था उसने मुझे यहां पर लगा दिया था और एक हरा धागा भी बाँध दिया था जोकि आज भी मेरी टहनी पर बंधा हुआ है उसे देखकर बहुत अच्छा लगता है but में क्या करू आज मुझे अच्छा नहीं लग रहा है यहां पर में अकेला महसूस करता हु यह सुनकर सभी पेड़ चुप हो जाते है

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New moral stories in hindi, moral story in hindi, because वह सभी पेड़ समझते है की जब किसी से कोई अलग होता है तो कितना दुःख होता है यह दुःख आज उसे हो रहा है भले ही यह समय बदल गया है but उस लड़के की याद आज भी आती है उसकी याद में फिर से सोचने लगता हु, हमे अपने साथ में रहते लोगो की देखभाल करनी चाहिए शायद आपके इस काम से हर आदमी नजदीक आ जाये अगर आपको यह मोरल कहानी पसंद आयी है तो शेयर जरूर करे

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3 thoughts on “पेड़ और झाड़ी की कहानी, New moral stories in hindi | Moral story in hindi”

  1. Very Nice Story, Thanks For Sharing With Us !!

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