Bhut pret ki kahani | Bhoot ki katha
Bhut pret ki kahani, मेरे घर के रास्ते मैं एक कब्रिस्तान पड़ता है. जब भी हमे कही पर आना जाना पड़ता है तो कब्रिस्तान के सामने से ही पड़ता है. मेरे साथ कुछ हुआ था एक दिन जो की मैं आप लोगो को आज बताने जा रहा हूँ. मेरा नाम राजेश है और मैं अपने परिवार के साथ उत्तर प्रदेश बिजनौर मैं रहता हूँ.
कब्रिस्तान मैं दिखा वो इंसान भूत की कहानी :- Bhut pret ki kahani
मेरा एक बड़ा भाई भी है जो की लखनऊ यूनिवर्सिटी से बी.टेक कर रहा है और एक छोटी बहन है जो की कॉलेज मैं पढ़ती है. घर मैं केवल मैं ही ऐसा हूँ जो की रात को अपने दोस्तों के साथ मूवी देखता हूँ और घूमता रहता हूँ. मुझे घर मैं किसी की भी कोई भी रोक टोक नहीं है. मैं कही भी आ जा सकता हूँ.
डरावनी रात एक कहानी
आज मैं आपको उस दिन के बारे मैं बताने जा रहा हूँ जो की मेरी लाइफ का बहुत ही डरावना दिन था. मुझे बहुत ही अच्छे से याद है की मैं और मेरे तीन दोस्त रात को अपने कॉलेज फ्रेंड की बर्थडे पार्टी मैं गए हुए थे. पार्टी लगभग रात के 9 बजे शुरू हुई थी और लगभग 12 बजे ख़तम हुई थी.
मेरे बाकि दोस्तों का घर मेरे घर से काफी दूर था , इसलिए वो मुझे रस्ते मैं घर के नज़दीक ही छोड़ कर अपने अपने घरो पर चले गए थे. मैं अकेला ही घर पर आ रहा था. जैसा की मैंने आपको बताया की मेरे घर के रास्ते मैं ही एक कब्रिस्तान पड़ता है , तो जैसे ही मैं उस कब्रिस्तान के पास पंहुचा तो मैंने किसी को देखा जो की बहुत ही अजीब था.
एक हवैली
बहुत अजीब इसलिए था क्योकि पहली बात तो ये है की रात को कब्रिस्तान मैं कोई भी नहीं रुकता है , और दूसरी बात ये है की कब्रिस्तान का दरवाजा रात मैं बंद हो जाता है , लेकिन वो आज खुला हुआ था. ऐसा आज तक कभी भी नहीं हुआ है. पहले तो मैंने सोचा की किसी को बुलाऊ, और इस बारे मैं बताऊ.
लेकिन बाद मैं सोचा की क्यों ना मैं खुद ही जाकर देख लू की क्या बात है. क्योकि वैसे तो मैं डरता नहीं हूँ लेकिन कभी कभी डर लगना भी बहुत जरूरी हो जाता है. मैं धीरे धीरे उस कब्रिस्तान की और बढ़ने लग गया. ये देखने के लिए की आखिर कौन है वहा पर.
जब उस चुड़ैल ने देखा
मैंने गेट पर जाकर आवाज लगानी शुरू कर दी , पर कोई भी नहीं बोल रहा था. मुझे लगा शायद मेरी आवाज किसी को भी सुनाई नहीं दे रही होगी, तो मैं और अंदर चला गया और दखता हूँ की एक कब्र के पास कोई खड़ा था. मैंने उसे दोबारा से आवाज लगाना शुरू कर दिया लेकिन वो पीछे ही नहीं मुड़ रहा था, बस चुप चाप खड़ा था.
अब मैं उसके पास गया और उसके कंधे पर अपना हाथ लगाया तो उसने एक दम से पीछे मुड़ कर देखा . उसे देख मेरे तो होश ही उड़ चुके थे. वो कोई और नहीं बल्कि हमारे पड़ोस मैं ही रहने वाले अंकल थे, जिनका नाम जॉन फर्नांडिस था. वो मुझे देख रहे थे और मैं उन्हें.
वो सुनसान रास्ता
मुझे बिलकुल भी विस्वास नहीं हो रहा था की आखिर ये कैसे हो सकता है, वो कैसे किसी को या फिर मुझे नज़र आ सकते है. जी हां क्योकि उनकी मोत लगभग 15 साल पहले ही हो चुकी थी. लेकिन फिर भी वो मुझे साफ़ नज़र आ रहे थे. इससे पहले की मैं उनसे कुछ पता या फिर किसी और को बुलाता ,
bhut pret ki kahani, bhoot ki katha, वो अचानक से धुए की तरह वहा से गायब हो चुके थे. ऐसा देख कर मेरी तो रूह ही काँप गयी थी. बाद मैं घर वापिस आकर , मैंने सब घरवालों को ये बताया. उन्होंने कहा की , जब कोई ज्यादा किसी को पसंद करता है तो वो उसे मरने के बाद भी नज़र आते है. ये बात बिलकुल ही सच है दोस्तों , ऐसा होता है. जैसा मेरे साथ हुआ है. जीवन में कभी कभी ऐसी घटना भी हो जाती है. जिनके बारे में हमे पता नहीं होता है. मगर जब हमारे साथ ऐसा कुछ होता है. हमे यकीन होने लगते है. मगर जब तक कुछ नहीं होता है. कोई भी यकीन नहीं करता है.
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