story in hindi
दादी माँ की बातें स्टोरी इन हिंदी
story in hindi, वो बातें आज भी याद आती है जब दादी माँ खाने के लिए बनाती थी तब खाना बनता था और उसकी खुसबू चारो और फैल जाती थी सभी लोग जब एक साथ बैठकर खाना खाते थे और बातें करते थे तब खाना भी हो जाता था और खाने में मिठास भी आ जाती थी
दादी माँ सभी को अपने प्यार में बांधे रखती थी तभी तो पहले के परिवार सयुक्त परिवार कहलाते थे सभी लोग जब मिलजुलकर बातें करते और साथ रहते थे तो परिवार में प्यार होता था दादी माँ की जब भी याद आती है तो वो सब बातें याद आ जाती है जिन्हे सिर्फ याद करने के आलावा कुछ और नहीं किया जा सकता.
उस समय की बात ही कुछ और थी लोगो के पास समय था पर आज लोगो के पास समय नहीं है आजकल लोग ऐसे मिलते है जैसे रोज मिलते है किसी के पास अब उतना समय नहीं है जितना समय पहले हुआ करता था अब लोग सिर्फ अपने जीवन में ही फंसे रहते है और खुशिया अब कही भी ढूढ़ने पर नहीं मिलती है
पहले लोग ज्यादा खुश रहते थे सभी लोग आपस में मिलते थे उस समय ज्यादा पैसा नहीं था पर लोगो में आपस में प्यार था आज पैसा तो है पर प्यार नहीं है अब तो ये पता ही नहीं होता की हम कोन से दिन हसे थे शायद आपको भी याद नहीं होगा पर उस समय में लोग हर दिन हसते थे
आज हम तरक्की तो कर रहे है पर हम अपने कल्चर और अपनी संस्कृति को धीरे-धीरे कम कर रहे है अब ये हो सकता है की यह हमारी सोच हो या जीवन में बदलवा के कारण हो रहा है वजह चाहे कुछ भी हो पर हमे एक साथ रहना चाहिए और खुशिया आपस में बॉटनी चाहिए
अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए थोड़ा सा बदलाव जरूर करना होगा नहीं तो हमारे जीवन में खुशिया धीरे-धीरे कम होती चली जाएंगी दोस्तों अपनी खुशिया को बनाये रखे और आपस में बातें करते रहिये तभी दूरिया खत्म होती चली जाएंगी अगर आपको यह छोटी सी बात अच्छी लगी है तो आगे भी शेयर करे और हमे भी बताये
वो बीस साल का लड़का
वो बीस साल का लड़का कहानी, क्लर्क की पोस्ट पर आया वो बीस साल का लड़का, जब पहली बार उसने अपने कदम ऑफिस में रखे तो सबकी आँखे उसे ही देखने लगी की, उसकी उम्र को देख कर नहीं लगता था की वो बीस का अभी हुआ है इस लगता था की अभी तो पंद्रह का ही है शरीर एकदम पतला सा था उसका, उसके साथ काम करने वालो की अभी उम्र भी लगभग चालीश से पचास के बीच होगी, सभी उस लड़के की फुर्ती देखते थे काम भी वो बहुत तेजी से करता था क्योकि उसकी उम्र अभी कम थी,
क्लर्क की पोस्ट पर उस लड़के काम था टाइपिंग करके सभी दस्तवेज तैयार करना, टाइप तो मानो ऐसे करता था की उसकी उंगली हम देख भी नहीं पाते थे, काम में बहुत ही फुर्तीला था वो, सभी लोग उससे खुश थे,
इस लगता था उसे देख कर मानो बचपन लोट आया है, धीरे धीरे उम्र बढ़ने लगी, मैडम छाया को वो लड़का बहुत पसंद था क्योकि उसी की उम्र का लड़का मैडम छाया का भी था वो अपने बेटे से कम नहीं समझती उसे, बहुत से काम वो लड़का आराम से कर लेता था,
लड़के की उम्र बढ़ी और उसकी शादी हो गयी पर ऑफिस में उसे सभी अभी भी बीस का ही मानते थे, उम्र बढ़कर अब पैतीस की हो गयी थी, दो लड़के भी थे और दोनों ही अच्छे स्कूल में जाते थे, उधर मैडम छाया भी साठ की होने ही वाली थी अब रिटारयमेंट के दिन नज़दीक आ रहे थे मैडम छाया के एक लड़की और बेटा था, बेटा अभी कामयाब नहीं था थोड़ा मैडम छाया सोच रही थी की एक दो साल का एक्सटेशन मिल जाता लड़की की शादी हो जाती और लड़का कुछ बन जाता है,
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मैडम छाया के रिटारयमेंट अभी न इसके लिए उस लड़के ने बहुत चक्कर ऑफिस के काटे पर जो रूल में नहीं है वो हो ही नहीं सकता है, आखिर कार मैडम छाया को रिटारयमेंट दे दी गयी,
जब मैडम जाने लगी तो उस लड़के ने कहा की अब यहाँ पर कैसे काम होगा आप थी तो सब सभल जाता था पर अब कैसे होगा मैडम छाया ने कहा की अब तुम छोटे नहीं रहे अब बड़े हो और सब काम तुम्हे आता है जब तुम आये थे तो हमने कभी भी तुम्हे बड़ा होने नहीं नहीं दिया तुम हमारे लिए आज भी छोटे ही हो, हमने अपने पुरे जीवन में तुमसे मेहनती बच्चा आजतक नहीं देखा, तुम सब काम अपने आप कार सकते हो, और कुछ सालो बाद तुम भी रिटारयमेंट हो जाओगे पर हमे हमेशा यही याद रहेगा, की अब इस ऑफिस में कोई भी बीस साल का लड़का नहीं आएगा,
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जब तुम रिटायर हो तो अपने आपको बीस का ही समझना, कोई तो होगा जो बीस साल में रिटार्यड होगा, हम तो कब बूढ़े हो गया पता नहीं चला पर तुम्हे देख कार हम जी रहे थे इतनी काम उम्र में तुम्हारे साठ काम करके हमने अपने जीवन बचपन की तरह जिया,
story in hindi, हम यही चाहते थे की जब हम यहाँ से जाए तो तुम हमेशा हमारे दिल में रहोगे, इसलिए हम अपनी यादे यहाँ पर छोड़ जा रहे है, मन लगा कार काम करना और अपने ध्यान रखना, ये बात कह कार मैडम छाया चली गयी, और यादो के पल आज भी यहाँ पर है
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