Story in hindi | Hindi Stories
लकीर का फकीर हिंदी कहानी, (story in hindi), हमे कभी भी लकीर का फ़क़ीर नहीं बनना चाहिए, अपने अनुसार ही काम करना चाहिए, दुसरो की बाते पहले सुननी चाहिए, उस पर विचार करना चाहिए तभी मानना चाहिए.
लकीर का फकीर हिंदी कहानी : story in hindi
story in hindi, वह अपने घर से निकला था, की कुछ लोग एक जगह पर खड़े हुए नज़र आ रहे थे, वह भी जा कर वही पर खड़ा हो गया था, उसने देखा की कुछ लोग किसी बात पर चर्चा कर रहे थे मगर वह क्या बात थी उस बात को सुनने के लिए वह आगे बढ़ा तो भीड़ की वजह से आगे नहीं जा पा रहा था, बड़ी मुश्किल से वह उस जगह पहुंचा मगर बात कुछ भी पता नहीं थी, क्योकि तब तक बात खत्म हो गयी थी, वह कुछ भी समझ नहीं पा रहा था,
उसके बाद वह वहा से जाने लगा तो एक आदमी उसे मिला उसने सोचा की इसे से पूछ लेता हु, वह उससे पूछने के लिए चला था उसके बाद उसे पता चला की पूरी बात क्या थी, उस आदमी ने उसे बताया की हमारे जमींदार बहुत दुखी है क्योकि वह अपनी बेटी का विवाह करना चाहता है, मगर वह कहने लगा की जमींदार की बेटी से कौन शादी नहीं कर सकता है, क्योकि जमींदार तो बहुत अमीर है कोई मना ही नहीं कर सकता है, उस आदमी ने बताया की वही आदमी विवाह कर सकता है जो अपने विवेक से काम लेता है,
वह बोला की विवेक कौन है, में तो उसे नहीं जानता, क्या हमे उस विवेक से पूछ कर शादी करनी होगी, या वह विवेक हमारी कोई परीक्षा लेगा, कुछ तो बताओ, आदमी बोला की तुम क्या बात कर रहे हो, विवेक को नहीं जानते हो, विवेक मतलब अपने मन से काम करना, वह बोला की हम क्या दुसरो से पूछ कर काम करते है वह आदमी अब सोच ही रहा था की किस पागल से पाला पड़ गया है, यह तो कुछ भी समझ नहीं रहा है बस अपनी बात कहे जा रहा है, वह आदमी बोला की में चलता हु, मुझे और भी काम है, वह आदमी वहा से चला गया था,
सही मार्ग कौनसा है हिंदी कहानी
उसके बाद उसने सोचा की मुझे सही बात का पता लगाना चाहिए तभी में कुछ कर सकता हु, वह एक मंदिर के पुजारी के पास गया था, और पूरी बात को पूछना चाहा था, पुजारी कहने लगा की जमींदार उसके साथ ही शादी करेगा जो हर तरह से मजबूत होगा, उसने पूछा की मजबूत यानी के ताक़तवर, पुजारी ने कहा की ऐसा नहीं है, तुम्हे समझाने के लिए में तुम्हे एक काम देता हु, तुम्हे मेरे लिए कुछ फूल लाने होंगे यह तुम कैसे करते हो यह तुम जानो,
वह फूल लेने के लिए चला गया था, पुजारी ने देखा की वह फूल लेने गया है, उसने देखा की वह काम उसने किसी और को दे दिया था अब वह दूसरा आदमी फूल लेने चला गया था, पुजारी ने देखा और यह सब पता करने के लिए उसके पास गया था, वह आदमी बोला की आपने तो कहा था की फूल लेकर आओ, पुजारी ने कहा की मेने तो तुम्हे काम बताया था तुमने तो किसी और को काम पर लगा दिया है तुम तो बहुत तेज हो, शायद तुम्हारी शादी हो सकती है
वह आदमी बहुत खुश हुआ और जमींदार के पास गया और कहा की में आपकी बेटी के साथ शादी कारन चाहता हु, जमींदार ने पूछा की क्या तुम्हे पता है शादी करने के लिए तुम्हे कुछ बाते माननी होगी, तभी तुम शादी कर सकते हो, वह आदमी कहने लगा की मुझे पता है की आप जो कहे मुझे करना होगा, जमींदार ने कहा वह ठीक है मगर अपने विवेक से, विवेक शब्द उसने सुना था, मगर उसने ध्यान नहीं दिया था, उसने कहा की आप अपनी अभी बाते मुझे बताये में वह सब पूरी करूँगा,
उसके बाद जमींदार ने कहा की तुम्हारी परीक्षा कल शरू होगी, अगर तुम उसे पूरी नहीं कर पाए तो तुम्हे जाना होगा, वह आदमी कहने लगा की आप ज्यादा सोचे नहीं अपनी बात बताये, अगली सुबह ही उस आदमी की परीक्षा शरू हो गयी थी, जमींदार ने कहा की तुम्हे वह कुआ दिखाई दे रहा है, वह आदमी बोला की हां मुझे नज़र आ रहा है क्या उसमे मुझे कूदना है, जमींदार ने कहा की पूरी बात को सुन ले तभी आगे बढे, जब तुम वापिस आओ तो उसमे से एक बाल्टी पानी लाना होगा, वह आदमी सोचने लगा की यह भी कोई परीक्षा है,
जमींदार ने कहा की तुम्हे सबसे पहले मंदिर जाना होगा उसके बाद वहा पर एक दृश्य नज़र आएगा उस पर विचार करना होगा , जब तुम विचार कर लो उसके बाद वापिस आना होगा और कुए से पानी भरकर मेरे पास लाना होगा, मंदिर में जाकर तुम्हे वहा पर रखी तलवार की पूजा करनी होगी उसके बाद उस तलवार को भी लाना होगा, जब यह सब तुम कर लो तो तुम्हारी परीक्षा पूरी हो जायेगी, अब वह आदमी मंदिर की और जाता है, मंदिर में जाते ही वह तलवार को देखता है मगर उस मंदिर में पुजारी नहीं होता है,
वह पुजारी का इंतज़ार कर रहा था तभी उसकी नज़र जमींदार की लड़की पर जाती है उसके पैर में चोट लगी हुई थी उससे चला भी नहीं जा रहा था, वह मदद के लिए पुकार रही थी, मगर वहा पर कोई भी नहीं था, वह आदमी सोच रहा था, तभी पुजारी आता है और कहता है की मुझे देर हो गयी थी आप पूजा की तैयारी करे वह तलवार की पूजा करता है उसके बाद वह पूजा खत्म हो जाती है, वह तलवार को लेता है और जमींदार की लड़की को देखता है वह उस जगह पर नहीं थी
सही मार्ग कौनसा है हिंदी कहानी
वह तलवार की पूजा करके आता है कुए से पानी निकालता है उसके पास वह जमींदार के पास जाता है जमींदार कहता है की तुम परीक्षा को पूरी नहीं कर पाए हो क्योकि तुमने मेरे कहे पर ध्यान दिया था जबकि मेरी बेटी वही पर दर्द से परेशान थी तुमने उसकी मदद नहीं की थी, इसलिए तुमने अपने विवेक से काम नहीं लिया था, तुम परीक्षा को पूरी नहीं कर पाए हो, इसलिए हमे अपने जीवन में लकीर का फकीर नहीं बनना चाहिए. आपको यह लकीर का फकीर हिंदी कहानी, Story in hindi, Hindi Stories, कैसी लगी, हमे जरुरी बताये और अगर आपको लगता है की यह बात सही है तो आप इस कहानी को जरूर शेयर करे.
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