Small story in hindi | Stories in hindi
Small story in hindi, stories in hindi, एक दिन बहुत तेज बारिश हो रही थी सेठ जी ने जब देखा तो बारिश के कारण उनकी छत टपक रही थी पानी इतना निकल रहा था कि सभी कमरों में धीरे-धीरे जा रहा था बारिश भी बहुत तेज हो रही थी जिस कारण पानी बिल्कुल भी बंद नहीं हो रहा था इससे परेशान होकर सेठ जी ने अपना छाता उठाया और रामू के घर की तरफ चलने लगे.
जब बरसात हुई हिंदी कहानी : small story in hindi
रामू एक ऐसा व्यक्ति था गांव में जो कि सभी के मकानों की छत ठीक किया करता था सेठ रामू के घर गए और कहने लगे चलो हमारे साथ बारिश बहुत तेज हो रही है और हमारी छत भी टपक रही है और उसे ठीक कर दो रामू ने इस पर कहां की बारिश बहुत हो रही है सेठ जी ऐसे ही मैं छत को कैसे ठीक कर पाएंगे पर सेठ जी बोले कि कुछ तो इंतजाम करना ही पड़ेगा नहीं तो हमारी छत से पानी टपकता ही रहेगा.
चलो तुम मेरे साथ वहां पर देख लो कि कुछ इंतजाम हो सकता है तो कर दो रामू अपने मन ही मन सोचने लगा कि सेठजी को आज काम पढ़ा तो सेठ जी हमारे पास आ गए नहीं तो सेठ जी तो बिलकुल भी हमें नहीं पूछते because सेठ की ऐसी प्रवृत्ति है कि वह कंजूस मिजाज के हैं वह किसी की भी मदद नहीं करते हैं
रामू अपने मन में सोच रहा था इतनी तेज बारिश हो रही है और सेठ जी आ गए हैं कि हमारे छत करनी है फिर सेठ जी ने कहा क्या सोच रहे हो रामू चलो रामू ने कहा सेठ जी रुक जाओ थोड़ा अगर बारिश कम हो जाती है तो काम भी जल्दी हो जाएगा और फिर पानी भी बरसना बंद हो गया तो हम जल्दी से काम कर पाएंगे नहीं तो बारिश के होते हुए तो हम कुछ भी नहीं कर पाएंगे
सेठ जी कहां मानने वाले थे वह रामू के साथ वहीं बैठ गए हो और बारिश के रुकने का इंतजार करने लगे बारिश कुछ लगभग आधे घंटे के बाद हल्की होने लगी है और रामू सेठ जी के साथ उनके घर चला गया फिर रामू और सेठ जी घर पहुंच गए और हम उन्हें अपने आप ही उस छत को ठीक करना शुरू कर दिया रामू छत को ठीक कर रहा था और सेठ जी देख रहे थे और बता रहे थे यहां से भी अच्छा करना और वहां से भी अच्छा करना रामू यही सोच रहा था कि अब यह हम से काम ले लेंगे और अब देखना जैसे ही मजदूरी का टाइम आएगा सेठ जी कुछ ना कुछ बहाना जरूर बनाने लगे हैं
रामू को छत ठीक करने में लगभग आधा दिन तो लगी गया था फिर छत ठीक हो गई अब रामू ने कहा कि सेठ जी मेरी मजदूरी सेठ जी ने कहा है कि चलो मैं तुम्हें खाना खिला देता हूं तुमने खाना भी कही दिनों से नहीं खाया होगा रामू कहने लगा कि जी अगर मुझे मजदूरी मिल जाती तो मैं थोड़ा बाजार से कुछ सामान ले आता जिसकी मुझे बहुत जरूरत है फिर सेठ जी ने कहा कि अभी तो मेरे पास नहीं है तुम ऐसा करो कल आना और फिर आकर अपनी मजदूरी ले जाना अगले दिन रामू और सेठ जी के पास गया और देखा कि सेठ जी तो घर पर नहीं थे आप ऐसे करते-करते सेठ जी ने एक हफ्ता लगा दिया
इसपर रामू ने कहा कि मालकिन जब सेठ जी आ जाए तो बता देना मुझे मजदूरी लेनी है अपनी, सेठ जी वैसे बुरे आदमी नहीं है but वह अपनी कंजूसी से बड़े परेशान है कंजूसी उनके अंदर ऐसे ही भरी हुई है कि वह हर चीज में कंजूसी करते हैं अपने खाने में अपने पीने में और बाहर कहीं भी जाना होता है तो ज्यादातर रास्ता भी पैदल ही करते हैं
Small story in hindi, stories in hindi, फिर अगले दिन रामू सेठ जी के घर गया और सेठ जी ने रामू को बड़ी मुश्किल से उसकी मजबूरी थी और फिर रामू ने सोचा कि देखो मैंने सेठ जी का काम बरसात में भी कर दिया और देखिए सेठ जी ने मेरे को बिल्कुल एक हफ्ते तक घुमाते रहे और एक हफ्ते बाद मेरी मजदूरी दी है. दोस्तों इस कहानी से सीख मिलती है कि पता नहीं किस व्यक्ति को कितनी जरूरत हो इसलिए जरूरत के हिसाब से हमें उसकी मदद करनी चाहिए.
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