Sab ki khatir | Hindi stories
sab ki khatir, hindi stories, उस व्यक्ति ने सब की खातिर बहुत कुछ किया पर उस व्यक्ति के लिए कोई कुछ नहीं कर पाए उसने कभी नहीं सोचा था की ऐसा कभी होगा पर कोई काम करता है तो उसके फल के बारे में सोच भी नहीं पाता है और सोचे भी क्यों जब काम सबकी भलाई के लिए हो,
सब की खातिर एक कहानी : sab ki khatir, hindi stories
ऐसा ही व्यक्ति है रामकुमार, हमेशा सबकी भलाई के काम करना, सबकी बाते मानना और दिल से भी बहुत अच्छा था रामकुमार, रामकुमार की आदत ऐसी थी की कोई भी अगर मांगने वाला भी आ जाये तो भी वह खाली हाथ नहीं जाता था, रामकुमार बड़ा भाई था और रामनरेश छोटा था रामकुमार ही पूरे घर की जिम्मेदारी निभाता था उनके पिता की तबियत अब ठीक नहीं रहती थी इसलिए रामकुमार ही घर के सारे काम को करता था रामनरेश सिर्फ हाथ बटाता था जबकि उसके पास कोई काम नहीं था
रामकुमार की पत्नी बहुत ही सज्जन थी जबकि रामनरेश की पत्नी में अभी भी घमंड ही था किस बात का ये पता नहीं है एक दिन रामकुमार की पत्नी से रामनरेश की पत्नी का झगड़ा हो गया और बहुत बाते होने पर झगड़े को बंद किया गया उस दिन से सभी लोगो में अशांति सी फैल गयी
अब सभी लोग ज्यादा देर तक बाते नहीं करते थे छोटा सा झगड़ा अब बढ़ गया था कुछ दिन बाद बोल-चल भी बंद हो गयी थी और कोई भी बात को सुनने पसंद नहीं कर रहा था झगड़ा कैसे खत्म हो इस बात का पता बिलकुल भी नहीं चल रहा था
रामकुमार ने सबकी खातिर बहुत कुछ किया था but रामनरेश की पत्नी यही कह रही थी की इन्होने ने कोन सा काम किया है जो साड़ी बाग़ डोर इनके हाथो में है कुछ मेरे पति को भी मिलना चाहिए रामनरेश भी अपनी पत्नी का साथ दे रहा था अब सब कुछ उसे सही लग रहा था
रामकुमार को कुछ भी समझ नहीं आ रहा था की क्या किया जाए और इस झगड़े को कैसे बंद किया जाए पूरी रात सोचते हुए रामनरेश ने काट दी और सुबहे होते ही अपनी पत्नी के साथ रामकुमार वह घर छोड़ कर चला गया शायद यही एक सही तरीका उसे नज़र आ रहा था
अब उस घर में रामनरेश का ही राज था जो चाहे वह कर सकता था अब कोई भी उसे रोकने वाला नहीं था और कुछ दिन बाद रामनरेश ने सब कुछ गवा दिया था धीर-धीर रामनरेश की हालत भी अब ठीक नहीं रहती थी शायद उसके कर्म ही आगे आ रहे थे उसने अपने बड़े भाई के साथ गलत किया था
जब सब कुछ हो जाता है तब अगर हमे अक्ल आ भी जाए तो उसका कोई फायदा नहीं था बहुत ढूढ़ने पर भी रामकुमार का कोई पता नहीं था कोई नहीं जनता है की रामकुमार कहा है किसी ने भी नहीं देखा की रामकुमार और उसकी पत्नी कहा गए रामकुमार तो अपना फर्ज निभा रहा था
sab ki khatir, hindi stories, रामकुमार जैसा आदमी कही नहीं मिलेगा जिसने सारी सुख सुविधा दी और सबका ख्याल रखा और उसी को घर से जाना पड़ा हम लोग भी इस बात का ध्यान नहीं रख पाते है की हमे क्या करना चाहिए और क्या नहीं, कभ-कभी जल्द बाजी में लिए गए फैसले अच्छे नहीं होते है जिनका परिणाम कुछ और ही निकलता है इसलिए दोस्तों सोच कर ही फैसला ले और सबका का ख्याल रखे.
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