motivational kahani
सन्डे का दिन
motivational kahani, उस दिन सन्डे का दिन था घर पर कुछ काम नहीं था लेकिन कुछ देर बाद जब आवाज लगी की कुछ समान बाजार से लाना है तो हम भी यही सोचने लगे की आज सन्डे भी सन्डे की तरह नहीं रहता है जैसा की पहले हुआ करता था अगर सन्डे है तो घर पर ही आराम रहता था
लेकिन आज कल के काम तो समाप्त ही नहीं होते है वो कहते है न हर दिन एक सा बस वो ही हाल है चलो अब जब जाना ही है तो चलते है समान लेने के लिए आजकल तो बाजार ही एक जगह है आप समान एक ही जगह से खरीद सकते है वो आप जानते ही है आज हर जगह मॉल ही मॉल है आप यहां से सब कुछ ले सकते है
पहले की तरह नहीं है की आप एक लिस्ट बनाकर ले जाते थे और दुकानदार से कहते की यह सब समान निकाल दो लेकिन वो दिन ज्यादा बेहतर थे समान भी आ जाता था और दो बाते भी हो जाती थी किसी अनजान से, अब दुनिया मेला ही तो है यहां सब आते है मिलते है और एक दूसरे से बाते करते है
देखा जाए तो इस दुनिया में कोई भी लड़ाई का काम नहीं है लेकिन फिर भी न जाए क्यों लड़ाई इंसान कर लेता है पर इस बात का क्या फायदा अगर आप सोचे की आप किसी से लड़ते है तो आपका और दूसरे का दोनों का ही दिमाग खराभ होता है पर मिलता क्या है कुछ नहीं वो पूरा दिन ही खराभ हो जाता है इसलिए ये काम तो बिलकुल भी नहीं करना चाहिए
जब हम समान ले रहे थे तभी हमारी नज़र दो आदमी पर पड़ी वह किसी बात पर लड़ रहे थे अब बात क्या थी ये मालूम करने के लिए उनकी और बढे वहा पर कुछ और भी लोग खड़े हुए थे बात यह थी की कोई समान वहा पर नहीं मिल रहा था क्योकि उस समान को आखरी बार उन दोनों आदमी ने देखा था
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वो दोनों आदमी यही कह रहे थे की समान इसके पास है और दूसरा कह रहा था की समान उसके पास है वहा पर कुछ लोग और भी आ गए और कहने लगे की जिसके पास भी है दे दो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है की किसके पास है समान को दो और इस लड़ाई को खत्म करो
पर दोनों इसी बात पर अड़े रहे की इसके पास है और दूसरा कहता इसके पास है झगड़ा जयादा न बड़े इसलिए सभी लोगो ने कहा की तलाशी लेनी चाहिए जिसके पास होगा पता चल जाएगा पर तलाशी लेने से दोनों ने मना कर दिया अब इस बात को हल करना ज्यादा मुश्किल था
पर जब लोगो ने समझाया की ऐसे तो कुछ भी नहीं होगा जब तक तुम दोनों सहयोग नहीं करोगे तो पता कैसे चलेगा की समान किसके पास है और वो कहते है न की जब कुछ किया ही नहीं है तो डरना किस बात का, खेर ज्यादा समझाने पर उनको बात समझ में आ गयी दोनों की तलाशी ली गयी और ये क्या,
motivational kahani, समान किसी के पास नहीं था क्योकि वो सच कह रहे थे की उन्होंने नहीं लिया तब जब समान को ढूढ़ा गया तो समान उसी रेक के नीचे पड़ा हुआ था अब दोनों ही अपने-आप पर शर्मिंदा होने लगे क्योकि कुछ किया नहीं और सभी लोगो के हसी के पात्र बने जीवन में हमे हमेशा अपना गुस्सा काबू रखना चाहिए क्योकि इससे कुछ बनता नहीं बल्कि बिगड़ जाता है अगर आपको यह कहानी पसंद आयी है तो आगे भी शेयर करे और हमे भी बताये अगर आपको और भी बहुत सी कहानी यहां पर चाहिए तो हमे लिखकर बताये जिससे हम और अच्छी कहानी यहां पर लेकर आये.
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