moral stories in hindi
महेश का धैर्य
moral stories in hindi, महेश बहुत ही अच्छा लड़का था, वह अपने गांव में सभी काम करता था, जो भी कोई आदमी महेश को काम बताता था, वह उसका तुरंत वह काम कर देता था, एक दिन महेश अपने गांव से शहर की और जा रहा था, उसे एक आदमी रस्ते में मिला और उसने महेश से उसी गांव में एक घर का पता पूछा था,
महेश अपने गांव को बहुत अच्छे से जानता था, इसलिए उसे किसी भी आदमी का पता मालूम था, उसने उस आदमी को बता दिया और आगे बढ़ गया था, कुछ दूरी पर जाने के बाद दूसरा आदमी मिला और उसने महेश से दूसरे आदमी का पता पूछा महेश ने वह भी पता बता दिया और आगे बढ़ गया था, महेश अभी कुछ सोच ही रहा था तभी तीसरा आदमी भी मिल गया उसने भी पता पूछा महेश ने वह भी बता दिया था,
महेश अपने मन में सोच रहा था, की आज क्या हो रहा है, पता नहीं इतने सारे आदमी यहां पर आकर मुझे से पता पूछ रहे है, महेश सोचता हुआ आगे बढ़ रहा था, तभी दो आदमी फिर से आये और उस गांव का रास्ता पूछने लगे महेश ने रास्ता तो बता दिया लेकिन फिर सोच में पड़ गया था,
महेश आगे बढ़ा और कुछ दूरी पर कुछ और आदमी खड़े थे, महेश उनके पास गया और पूछा की आप यहां पर क्या कर रहे है, वह सभी बोले की हमे महेश का इंतज़ार है, जब वो हमे दिखेंगे तो हम उससे पता पूछ लेंगे, महेश ने कहा की में ही महेश हु, सभी ने गांव जाने के लिए रास्ता पूछा और आगे बढ़ गए,
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महेश अब परेशान हो गया था, क्योकि वह नहीं समझ पा रहा था, की यह सब क्या हो रहा है, अब महेश एक पेड़ के नीचे बैठ गया, क्योकि वह थक चुका था, अब उसे भूख भी लग रही थी, वह अपने पास रखा हुआ खाना खाया, और खाना खा कर कुछ देर आराम करने लगा, वह उन लोगो के बारे में सोच रहा था, जो उसे ढूढ़ कर पता पूछ रहे थे,
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महेश ने अपने मन में भगवान् के बारे में सोचा, भगवान् आप सबकी मदद करते है पर आपको किसी ने शायद ही देखा होगा, में जनता हू आप जब भी कोई मुसीबत में पड़ता है आपकी उसकी सहायता करने आ जाते है, लेकिन कोई आपको देख नहीं सकता है, में आपको देखना चाहता हू, आपसे बात करना चाहता हू,
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महेश ऐसा सोचता हुआ सो गया और उसे सपना आया, सपने मे भगवान् ने दर्शन दिए, और कहा की में तुम्हारे आस-पास ही में तुम्हे देख सकता हू और तुम मुझे देख चुके हो, महेश ने पूछा की भगवान् मेने आपको नहीं देखा है, तब भगवन ने कहा की में ही तुमसे हर बार रास्ता पूछ रहा था, में तुम्हारे धर्ये की परीक्षा ले रहा था, उस परीक्षा में तुम पास हो गए हो, तभी मैश की आँखे खुल गयी.
दोस्तों हमे भी महेश की तरह ही बनना चाहिए लेकिन हममे से कुछ लोग शायद एक बार रास्ता बताने के बाद या फिर दूसरी बार में ही हमे गुस्सा आ जाता और हम सोच नहीं पाते है की हम क्या कर रहे है, हम धर्य खो देते है, दुनिया में सबसे बाई ताक़त धर्य है हमारे पास यह जरूर होना चाहिए आपको यह कहानी कैसी लगी हमे बताये.
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