Moral stories in hindi
सच्ची मोरल कहानी
एक दिन टीनू अपने परिवार के साथ मंदिर जा रहा था, टीनू ने देखा की मंदिर के बहार कुछ मांगने वाले खड़े है टीनू उन्हें देखता हुआ मंदिर के अंदर जा रहा था, टीनू के साथ उसकी पत्नी उमा और उनकी बच्ची थी, तीनो मंदिर के नादर गए और पूजा की, थोड़ी देर तक टीनू मंदिर के अंदर ही घूम रहा था, टीनू ज्यादा मंदिर नहीं जाता था, लेकिन पत्नी की ज़िद्द करने की वजह से मंदिर आ गया था,
टीनू कुछ देर मंदिर कि सीढ़ियों पर बैठ गया था, आज टीनू मंदिर में बैठ कर शांति प्राप्त कर रहा था, उसे मंदिर में आकर बहुत शांति मिल रही थी, क्योकि वह मंदिर कम ही जाता था, जब चलने का समय आया तो वह सभी मंदिर की सीढ़ियों से नीचे आ रहे थे, तभी टीनू का पैर एक भिखारी ने पकड़ लिया था, वह भिखारी टीनू से कहने लगा की कुछ हमे भी दे दो,
टीनू ने उन्हें सुनाना शुरू कर दिया था, टीनू ने कहा की तुम यहां पर बैठ कर हर रोज सभी के पैर पकड़ते होंगे, कुछ काम भी कर लिया करो, यहां पर बैठ कर तुम चाहते हो की तुम्हे यही पर सब कुछ मिल जाए, और तुम्हे कुछ करना न पड़े, टीनू अब चुप हो नहीं रहे थे, टीनू उनसे यही कह रहे थे, अगर कुछ काम कर लोगे तो कितना अच्छा होगा, मुझे तो तुम ठीक लग रहे हो, भीख तो उन्हें मांगनी चाहिए जो कुछ नहीं कर पाते है,
टीनू की पत्नी उमा ने कहा की अब यहां से चलो और इन्हे भी कुछ दे दो, हमे यह नहीं भूलना चाहिए की जो कोई भी मांगता है, उसे तुम्हे कुछ-न-कुछ दे देना चाहिए, टीनू को उमा की बात कुछ अच्छी नहीं लग रही थी, इसलिए वह कुछ दिए बगैर ही वहा से चलने लगा था, उस भिखारी ने टीनू का पैर नहीं छोड़ा था, टीनू कह रहा था की मेरा पैर छोड़ दो और मुझे जाने दो,
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पर वह भिखारी टीनू का पैर नहीं छोड़ रहा था, अब टीनू को बहुत गुस्सा आने लगा था, वह अपना पैर छुड़ा कर वहा से चला गया था, टीनू की पत्नी उमा ने कहा की अगर कुछ दे देते तो कुछ होता नहीं, बल्कि हमे तो उन सबकी मदद करनी चाहिए, टीनू ने कहा की इसलिए में मंदिर नहीं जाता हू, क्योकि वहा पर सभी लोग ऐसे ही बैठे रहते है, आज टीनू को रात भर नींद नहीं आ रही थी, वह बहुत बार सोने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन आज नींद आँखों में नहीं थी,
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टीनू का मन बुरा नहीं था, लेकिन वह यही समझता था की उन्हें भीख मांगनी चाहिए जो कुछ नहीं कर पाते है, लेकिन आज टीनू ने उन्हें बिना देखे ही कुछ कह दिया था, रात में ही टीनू ने अपना स्कूटर निकला और मंदिर की और जाने लगे थे, वह भिकारी वही पर सो रहा था, उसके दोनों पैर ठीक नहीं थे, आज टीनू को अपने ऊपर गुस्सा आ रहा था, उसने पता नहीं उससे क्या-क्या कहा था, इसके बदले उस भिखारी ने उन्हें कुछ भी नहीं बताया था,
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उस भिखारी को टीनू ने उठाया और कुछ पैसे दिए, भिखारी उन्हें ही देख रहा था, आज सुबह तो वो उस पर चिल्ला रहे थे, और अब रात को यहां पर आये, कुछ देर बाद टीनू वहा से चले गए, घर आकर टीनू ने पूरी बात अपनी पत्नी को बताई थी, पत्नी ने कहा की मुझे पता है तुम दिल के अच्छा पर बोलते बहुत हो, आज रात टीनू को नींद बहुत अच्छी आयी थी, यह नींद सुख की नींद थी, जिसमे कोई परेशानी नहीं थी,
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