krishna story in hindi | krishna leela in hindi
कृष्णा और एक आदमी की कहानी, krishna story in hindi
krishna story in hindi, आज मेरे सपने में कृष्णा आये थे, अब हमारी परेशानी दूर हो जाएगी, में उनकी पूजा बहुत समय से करता आ रहा हु आज उन्हें मेरी याद आ गयी है तभी पत्नी कहती है की तुम यह बात बहुत समय से कहते आ रहे हो, but हमारी परेशानी अभी तक भी दूर नहीं हुई है but आज उसे लग रहा था की सभी समस्या दूर हो गयी है, वह जब घर से बाहर जाता है तभी उसे एक बालक नज़र आता है वह कहता है की तुम मुझे बुला रहे हो, (krishna story in hindi)
krishna story in hindi, वह आदमी कहता है की मेने तुम्हे नहीं बुलाया है में तो कृष्णा का नाम ले रहा था उनकी भक्ति कर रहा रहा था तुम्हे तो मेने नहीं बुलाया है बालक कुछ नहीं कहता है वह आदमी फिर से कृष्णा का नाम लेता है बालक फिर से कहता है की तुम मुझे बुला रहे हो, मगर वह आदमी कहता है की मेने नहीं बुलाया है, तभी वह बालक कहता है की मुझे बहुत भूख लगी है वह आदमी कहता है की मेरे पास कुछ खाना है जब में घर से चला था तो मुझे पता था की मुझे भूख लग जाती है इसलिए साथ में लाया हु
वह आदमी उस बालक को खाना देता है, वह बालक खाना खाता है उसे बहुत अच्छा लगता है बालक उसे कुछ देता है वह आदमी कहता है की यह क्या है, वह बालक मोर का पंख देता है वह कहता है की इसे घर पर ले जाना वह आदमी सोचता है की शायद बालक ने उसे यह इसलिए दिया है Because मेने उसे खाना दिया था शाम को जब वह आदमी घर जाता है तो वह मोर का पंख घर लाता है यह देखकर पत्नी कहती है की यह क्या लाये हो,
krishna story in hindi, तभी वह मोर का पंख रौशनी करता है उस आदमी का घर सोने से भर जाता है अब उसे koi भी परेशानी नहीं होती है वह सब कुछ समझ जाता है की यह सब कैसे हुआ था वह बालक ही कृष्णा था जो मुझे दर्शन देने आये थे, भगवान सभी से मिलने आते है जो उन्हें बुलाते है,
कृष्णा की कहानी, krishna story in hindi
krishna story in hindi, एक गांव में एक गरीब परिवार रहता था, इस गरीब परिवार में एक पंडित जो हमेशा कृष्णा की पूजा करता था, वह हर रोज मंदिर में जाकर पूजा करता और भजन कीर्तन करता था, भगवान् की भक्ति में हमेशा डूबा रहता था, वह भगवान् कृष्णा को ही सब कुछ मानता था, वह भगवान् कृष्णा की मूर्ति को हर रोज सजाता था, उस पंडित घर बहुत ही मुश्किल से चल रहा था, krishna story in hindi
घर में खाने के लिए कुछ भी नहीं होता था, कभी-कभी पंडित को कुछ प्रसाद मिल जाता था, जिससे वह अपने घर पर लेकर सबको देता था, एक दिन पंडित की पत्नी ने पंडित से कहा की हमारा गुज़ारा बहुत मुश्किल से होता है, और तुम भगवान् की हर रोज पूजा करते हो, तब भी आपको कुछ नहीं मिलता है,
पंडित ने कहा की हमे किसी भी स्वार्थ से पूजा नहीं करनी चाहिए, आज हर इंसान अपने स्वार्थ से पूजा कर रहा है, हर आदमी हर रोज भगवान् से कुछ-न-कुछ मांगता है, लेकिन हर आदमी की इच्छा पूरी नहीं होती है, ऐसा इसलिए होता है Because उसने पूजा मन से नहीं की है, उसके पीछे भी उसका स्वार्थ छुपा है, अगर हर आदमी अपने मन से इच्छा ही निकाल दे तो भगवान् उसका साथ जरूर देते है,
पंडित अपनी पत्नी को भगवान् के बारे में बता रहा था, तभी एक छोटा बच्चा वह पर आकर बैठ गया था, वो दोनों की बात सुन रहा था, पंडित ने अपनी पत्नी से कहा की इस दुनिया में सुख और दुख दोनों ही है, वक़्त का पहिया चलता रहता है, कभी हमे सुख और कभी हमे दुःख मिलता है, हमे दोनों ही समय में विचलित नहीं होना चाहिए, हम जैसा कर्म करेंगे वैसा ही फल मिलेगा,
पत्नी ने कहा की हम तो बहुत समय से परेशानी में ही अपना जीवन चला रहे है, हमारा वक़्त तो अभी तक नहीं बदला है, तुम तो पंडित हो तुम हमेशा पूजा करते है, तुम्हे तो कोई भी सुख नहीं मिला है, पंडित ने कहा की हमारा अभी समय नहीं आया है, हमे अभी बहुत समय का इंतज़ार करना पड़ेगा,
पति पत्नी में बहुत देर तक बात होती रही और पंडित ने बहुत समझाया पर पत्नी ने नहीं समझा था, जब दोनों बात कर रहे थे तभी वो छोटा बच्चा उठा और उनके पास चला गया, पति-पत्नी ने देखा की यह छोटा बच्चा किसका है और यहां क्या कर रहा है, पंडित ने उस बच्चे से पूछा की तुम यहां कर रहे हो, बच्चे ने कहा की मेने आपकी बाते सुनी और मुझे लगता है तुम बहुत ही कष्ट से जी रहे हो, दोनों पति-पत्नी उसकी और देख रहे थे,
krishna story in hindi, दोनों यह सोच रहे थे की इतनी कम उम्र में भी यह बड़ो की तरह बाते कर रहा है, ये कौन हो सकता है, पंडित ने पूछा की तुम कहा रहते है, बच्चे ने जवाब दिया तुमने मुझे अभी तक नहीं पहचाना है में तो तुम्हारे पास हमेशा रहता हु, बच्चे ने कहा की अब से तुम्हारे सारे दुःख समाप्त हुए, यह कह कर वो बच्चा वहा से गायब हो गया, अब दोनों समझ चुके थे यह भगवान् कृष्णा ही थे, जो हमारी बाते सुन रहे थे, साथ ही हमारा कल्याण कर गए, दोस्तों यह तो कहानी है, पर आप इससे सीख सकते है की हमे कभी घबराना नहीं चाहिए, अपने कर्मो पर ध्यान दे फल हमे उसी के अनुसार मिलेगा,
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