सपेरे की हिंदी कहानी, hindi interesting stories

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hindi interesting stories, story in hindi, सपेरे की कहानी यह कहानी हमे यही बताती है की जीवन में अच्छे काम करने चाहिए, इससे हमारे जीवन पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है,

सपेरे की हिंदी कहानी, hindi interesting stories

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Hindi interesting stories, एक गांव में श्याम सिंह नाम का एक  ब्राह्मण रहता था श्याम सिंह के घर के बाहर एक सपेरा रहता था वह सारा दिन बीन बजाता सापो को नचाना चाहता और पैसे कमाता था और रात में श्याम सिंह के घर के बाहर ही सो जाता था श्याम सिंह  की पत्नी अंधी थी और उसके 10 साल का एक बेटा था. जिसका नाम सज्जन था सज्जन रोज सपेरे को देखा करता था कि कैसे उन्हें अपने वश में कर लेता है एक दिन सज्जन ने अपने पिता श्याम सिंह से कहा कि मैं भी बड़ा होकर सपेरा ही बनूंगा बस क्या था श्याम सिंह गुस्से से लाल पीला हो गया, उसने सपेरे से कहा तुम यहां से भाग जा मेरा बेटा तुझे देश के सपेरा ही बनी चाहता है उसे पढ़ाई लिखाई का तो कुछ काम नहीं उसकी मां अंधी है और बाप भी बूढ़ा होने वाला है उसे ही नहीं पता कि उसे अपनी खेती बाड़ी देखनी है, “Hindi interesting stories

पढ़ लिखकर बड़ा आदमी बनना है बल्कि उसे तो तुम्हें देख देखकर सपेरे बनने की इच्छा होती है श्याम सिंह ने सपेरों को बुरा-भला कहा और उसका सामान बाहर फेंक दिया और दरवाजा बंद कर लिया अगले दिन सुबह उसने देखा कि सपेरा अपनी पोटलिया बांध कर जा रहा है जब सपेरे चला गया उसने सारे आंगन में गंगाजल छिड़का और तुलसी का पौधा लगाया कुछ दिनों के बाद एक दिन सज्जन बीन बजा रहा था श्याम सिंह ने उसको देख लिया उसने उसको इतना मारा और सा नालायक पढ़ने लिखने से तो गया बीन बजाना सीखा है यह किसने दी थी सज्जन ने कहा जो सपेरे चाचा हमारे घर के बाहर रहता था उसी ने दी थी श्याम सिंह ने तोड़ कर फेंक दी और उसकी उंगली मरोड़ी कि उसकी उंगली ही टूट गई है जो जोर से चिल्लाने लगा श्याम सिंह पर कोई असर नहीं पड़ा उसकी अंधी पत्नी आई

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अपने बच्चे को छुड़ाने के लिए श्याम सिंह ने कहा और क्या दे गया है वह नालायक सज्जन ने कहा कि एक भभूत दे गया है लगाने से साप बस में हो जाता है और पता नहीं है श्याम सिंह ने उसके हाथ से भभूत की राख भी साथ दे और उसको बहुत मारा, उस दिन के बाद से सज्जन चुपचाप रह न लगाना किसी से बोलता है ना खेलने जाता अब और ना ही पढ़ने जाता बस घर में पड़ा रहता जब उसकी मां उसे खाने के लिए देती तो खा लेता ऐसे ही 15 दिन बीत गए, एक दिन की आवाज सुनाई दी श्याम सिंह ने सोचा आज ही नालायक फिर मेरे हाथों से पिटेगा उसमें अपनी पत्नी सेवा देखो आज फिर तुम्हारा लड़का बीन बजा रहा है आज तो मैं उसका सारा भूत उतार दूंगा उसमें जाकर देखा तो वहां पर बीन की आवाज़ आ रही थी

इतना देर में भी एक डंडा मार दिया उसकी चीज निकल पड़ी इसमें नहीं सज्जन पीछे से आया था बापू आप ने किसको मारा तो देखा सपेरे बैठा था उसी को डंडा लग गया सपेरा के सर से खून आने लगा  तू यहां कैसे आया और रात में यहां क्या कर रहा है  सपेरे ने कहा मेरा एक पीले रंग का सांप यहां छूट गया मैं उसी को पकड़ने आया हूं वह बहुत जहरीला है तुम्हारे घर में ना आ गया हो श्याम सिंह ने उसको बताया उसके सर पर पट्टी करें और उसे पानी पीने के लिए दिया फिर सुबह होते ही वह चला गया, उसके बाद से श्याम सिंह को डर लगने लगा अगर उसे कोई पतली चीज दिख जाती तो वह सोचता अरे यह तो सांप है रामलाल सोचने लगाकाट लिया तो क्या होगा श्याम सिंह अपने चबूतरे पर बैठकर सोच रहा था कि सज्जन आया बहुत धीरे धीरे आवाज में डरता हुआ

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बोला बापू क्या मैं इस सांप को पकड़ लूं रामलाल बोला तू कैसे पकड़ेगा सज्जन बोला बापू मुझे भी बजानी आती है और मैं इसे पकड़ लूंगा वैसे भी आप हर दिन इसी का डर रहता है अगर यह सांप मैंने पकड़ लिया तो फिर डर भी नहीं रहेगा श्याम सिंह ने कहा ठीक ही कह रहा है पर इसके बाद तुम बिन को हाथ नहीं लगाओगे सज्जन ने कहा कभी नहीं लगाऊंगा सज्जन ने एक खाली बढ़ा लिया और एक हाथ में डंडा और बीन बजाने लगा बजाते बजाते एक सांप उसके घर में आ गया उसने कपड़ा बांध लिया वह अपने बापू से कहने लगा मैं इसे बाहर नहर में आप अब घर से न निकलना. कुछ दिनों के बाद जब श्याम सिंह एक दिन अपने खेत से घर गया तो उसे घास के ढेर में वह कपड़े से बंधा मटका मिला उसमे सोचना सज्जन नालायक है इसमें मटका नहर में नहीं फेंका उसने खोला तो वहां सांप नहीं था वह गुस्से से लाल हो गया कि सज्जन ने फिर उससे झूठ बोला

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श्याम सिंह चिल्लाता हुआ घर आया बोला कहां है नालायक उसकी मां ने कहा पता नहीं उसने देखा तो सज्जन मरा पड़ा था उसके गले में सांप लिपट रहा था और उसके गले में काटने का निशान था काम धंधे कर चक्कर गया उसकी पत्नी तो अंधी थी, जब उसने बताया तो दोनों रोने लगे धीरे धीरे ऐसे ही 8 साल बीत गए अब दोनों पति-पत्नी चुप रहते थे ना किसी से बोलते ना ही कुछ करते थे उनका एक ही बेटा था जो सांप के काटने से मर गया था एक दिन एक सपेरा बीन बजाता आया श्याम सिंह ने सपेरे की आवाज सुनी उसने दरवाजा खोला तो देखा सपेरे के साथ

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एक साथ 10 साल का लड़का है उसके गले के काटने का निशान है और उसकी एक उंगली टूटी हुई है श्याम सिंह ने सपेरे से का क्या यह तुम्हारा बच्चा है सपेरे ने कहा नहीं यह तो मुझे कहीं से मिला था छोटा सा था पर यह मुझसे भी अच्छी बीन बजाता है, अब श्याम सिंह को बीन से नफरत नहीं थी उसने कहा बेटा बजाओ उसने बहुत अच्छी बीन बजाई और सांप हो को नचाया श्याम सिंह ने कहा यह मेरा ही बेटा है जो वापस आ गया है श्याम सिंह ने उस लड़के से कहा बेटा अब घर कब आओगे और मुझसे कब तक नाराज रहोगे.

 

सांप और लड़के की कहानी : story in hindi

लड़के ने पहली बार उस सांप को देखा था उसे देखते ही बहुत ज्यादा डर गया था Because उसमें से पहले तो आपको कभी नहीं देखा था, यह लड़का सांप को देखते ही भागने की कोशिश करता है, Because वह समझ जाता है कि अगर इसने हमला कर दिया तो मेरे सामने समस्या पैदा हो सकती है,

 

इसलिए वह रुकने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं था और भागता हुआ वह अपने घर पहुंच गया उसके बाद उसने अपनी माता को बताया कि मेरे पीछे सांप पड़ा हुआ यह सुनकर उसकी माता बहुत ज्यादा डर जाती है, कुछ देर में उसके पिताजी आते हैं और कहते हैं कि तुम बहुत ही घबराए हुए लग रहे हो ऐसा क्या हुआ तो लड़का बताता है कि मैंने आज सांप को देखा कर मेरे पीछे पड़ गया था जिसकी वजह से मैं बहुत ज्यादा थक चुका हूं उसके पिताजी कहते हैं कि तुम्हें घबराने की जरूरत नहीं है मैं देखता हूं कि वह सांप कहां पर है,

 

कुछ देर बाद में सभी देखते हैं कि सांप उनके दरवाजे पर बैठा हुआ यह देखकर सभी घर पर डर जाते हैं Because वह सांप कैसे उसका पीछा कर रहा था सभी लड़के से पूछ रहे हैं कि तुम ऐसा क्या कर रहे थे जिससे कि वह तुम्हारे पीछे पड़ गया तभी लड़का कहने लगा कि मुझे नहीं पता मैं तो वहां से जा रहा था शायद मेरा पैर उससे लग गया जिसके बाद वह मेरे पीछे पड़ गया उसके पिताजी डर जाते हैं कि इसीलिए तुम्हारे पीछे आया है पिताजी भगाने की कोशिश करते हैं Because वह समझ जाते हैं कि अगर वह अंदर आ गया तो सभी पर हमला कर सकता है

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कुछ देर बाद वह वापस चला जाता है और उसके पिताजी समझाते हैं कि भले ही तुम ने अनजाने में ऐसा किया but फिर भी तुम्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि तुम्हें किसी भी जीव को परेशान नहीं करना चाहिए अगर तुम ऐसा करते हो तो वह बदला लेने के लिए हमेशा पीछे पड़ जाते हैं इसलिए उनसे दूर ही रहना चाहिए उस दिन के बाद उस लड़के ने कभी किसी जीव को परेशान नहीं किया था लड़का जानता था कि उसने उसे भी परेशान नहीं किया था यह अनजाने में हो गया था उसने इस बात का ध्यान नहीं दिया था जिसके कारण उसके पीछे पड़ गया था इसलिए जीवन में कभी भी किसी जीव को परेशान नहीं करना चाहिए 

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