haunted stories in hindi
उस रात की आकृति
haunted stories in hindi, जब पवन रात को उठा तो देखा की बिजली नहीं है बिजली न होने की वजह से पवन को कुछ ऐसी चीज चाहिए थी जिससे वह कुछ देख पाए पर उसके पास न तो कोई टार्च थी न ही कोई माचिस अब कुछ भी समझ नहीं आ रहा था
पवन के दाहिने हाथ की तरफ छत पर जाने का रास्ता था वह छत पर ही चला गया छत पर जाना के बाद उसे कुछ रौशनी मिली लकिन बहुत ज्यादा उजाला नहीं था फिर भी कुछ न कुछ दिखाई दे रहा था, छत से नीचे दिखने पर उसे कुछ अजीब सी आकृति दिखाई दी
यह आकृति किस की है उसे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था बहुत गोर करने पर भी नहीं दिख रहा था उसने जैसे ही एक छोटा पत्थर उसकी और फेखा पर उसे लगा ही नहीं अब तो ये मामला और पेचीदा था और समझ से बहार था,
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पर जब उस आकृति ने ऊपर देखा तो पवन ने सोचा की अब यहां से भागने में ही भलाई है पर जब पवन भागने लगा तो आकृति उसके सामने आ गयी और पवन बेहोश हो गया जब सुबह हुई तो सभी परिवार के सदस्य उसके पास खड़े थे और पूछ रहे थे की तुम रात को यहां क्या कर रहे थे
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पवन यही सोच रहा था की सपना था या हकीकत में कोई था वह कभी नहीं जान पाया और अगले दिन वह वापिस आ गया आप भी सोच रहे होंगे की क्या था लेकिन पूरा सच तो हमे भी नहीं पता आखिर वो चीज क्या थी कभी कभी लगता है कोई है लेकिन सत्य प्रमाण के कहना थोड़ा मुश्किल ही है,
एक भटकती आत्मा
ये बात उन दिनों की है जब मैं दिल्ली से राजस्थान जा रहा था अपने ऑफिस के काम से. मुझे मॉर्निंग मैं जल्दी पहुंचना था तो इसलिए मैं रात को दस बजे ही राजस्थान के लिए निकल पड़ा और वो भी अपनी ही गाड़ी से एकेला.
गुडगाँव पार करने के बाद मैंने जल्द से जल्द पहुंचने के लिए राजस्थान जाने वाला एक शार्ट कट रास्ता लेने की सोची और उस रस्ते पर चल दिया. लगभग 90 किलोमीटर चलने के बाद उस रस्ते पर लाइट नहीं जल रही थी और मुझे गाड़ी चलने मैं खासा परेशानी भी हो रही थी. मुझे कुछ साफ़ नज़र नहीं आ रहा था और रस्ता भी काफी खराब था.
कुछ पांच किलोमीटर चलने के बाद मुझे सामने रस्ते पर कोई नज़र आ रहा था. उसने मेरी गाड़ी की और रुकने का इशारा दिया और मैंने अपनी गाड़ी रोक दी. मैंने देखा की वो एक औरत थी और जिसने मुझसे खा की “क्या आप मुझे मेरे गांव मैं छोड़ सकते हो, जो की आगे नज़दीक ही है”.
मैंने पूछा की आपका गांव कितनी दूर है , तो उसने खा की कुछ ही दूर है. तो मैंने उसे लिफ्ट दे दी. हम कुछ ही दूर चले होंगे की उसने मुझसे कहा की आप खा जा रहे है. तो मैंने खा की मैं राजस्थान जा रहा हु अपने किसी काम से और मैं दिल्ली मैं रहता हु.
मैंने उसका नाम पूछा तो उसने अपना नाम मोनिका बताया. मैंने खा की आप इतनी रात को यह कर कर रही है. तो उसने बताया की मैं घर आने के लिए निकली थी और रस्ते मैं बस ख़राब हो जाने के कारण मैंने ये छोटा रास्ता पकड़ लिया लेकिन मुझे बिलकुल भी नहीं पता था की यह पर कोई भी वहां नहीं मिलता है. इसलिए मैंने जब आपको देखा तो लिफ्ट मांग ली आपसे.
हमे चलते हुए लगभग आधा घंटा हो चूका था लेकिन उसका गांव अभी भी नहीं आया था. मैंने पूछा की आपका गांव और कितनी दूर है तो उसने कहा की बस थोड़ी ही दूर है. मैं समझा की शायद नज़दीक ही होगा.
लेकिन जब और एक घंटा हो गया तो मैं अब सोचने लग गया की ना तो रास्ता ख़तम हो रहा है और न ही इसका गांव ही आ रहा है. आखिर बात क्या है. की तभी मेरी गाड़ी अचानक से रुक गयी. मैंने खा आप अंदर ही बैठे मैं गाड़ी को देखता हु की क्या हुआ है.
मैंने गाड़ी से उतर कर देखा और कुछ देर बाद जब मैं बोनट को निचे करता हु तो वो महिला गाड़ी मैं नहीं थी. तो मैंने उन्हें उनके नाम से आवाज़ लगानी शुरू कर दी लेकिन कोई भी नहीं बोल रहा था. मुझे लगा की शायद कुछ गड़बड़ है और मैं गाड़ी को स्टार्ट करने लग गया. गाड़ी स्टार्ट हो चुकी थी और जैसे ही मैं कुछ दूर चला तो अचानक से एक गांव नज़र आया.
haunted stories in hindi, वह पर खड़े एक आदमी से मैंने पूछा की क्या अपने कोई महिला देखि है क्या. उसने पूछा कोण महिला. मैंने तो नहीं देखि. उसने खा की क्या वो नील रंग की शाहडी मैं थी , तो मैंने खा की हां. तब उसने मुझे बताया की वो ज़िंदा नहीं बल्कि एक भटकती आत्मा थी. जो बहुत साल पहले मर गयी थी, अब वो वीराने मैं भटकती रहती है.
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