Friendship status in hindi | Friendship quotes in hindi
Friendship status in hindi, एक दोस्त जिसने अपने दोस्त के लिए बहुत कुछ किया, सच्ची दोस्ती निभाने के बाद भी उसकी कोई कदर नहीं हो पायी थी, क्या हम सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए ही बने है हमारे अंदर यह भी नहीं है की कौन अच्छा है और कौन बुरा है, दोस्ती बहुत ही अनमोल होती होती है, आपका दोस्त कोई भी हो सकता है,
दोस्ती अनमोल होती है :- Friendship status in hindi
लेकिन दोस्ती को निभाना हर कोई नहीं जानता है, दोस्ती तो हर कोई कर कर लेता है, पर उसको अच्छे तरिके के साथ नहीं निभा पाता है, चलिए जानते है की सच्ची दोस्ती क्या होती है अगर आपको पता है तो आप यहां पर सच्ची दोस्ती के कुछ मायने भी देख सकते है, हम ये तो नहीं कह रहे की आप दोती की खातिर सब कुछ कर पाए, लेकिन जब जरूरत पड़ती है तो हमे साथ देना चाहिए,
क्या कोई अमीर और गरीब दोस्त हो सकते है, यह आपके अंदर है अगर आप किसी को अमीर और गरीबी से नापते है तो आप दोस्त नहीं हो सकते है, क्योकि दोस्त सिर्फ दोस्त होता है वह अमीर है या फिर गरीब इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है, अगर आपकी सोच अच्छी है तो आप सभी के अच्छे दोस्त है सब कुछ हमारी सोच पर है,
एक दिन की बात है दो दोस्त अपने कॉलेज जा रहे थे, वो अच्छे दोस्त थे, पर जब जरूरत होती है तो हम अपनी दोस्ती को नाप सकते है, जब तक जरूरत पैदा नहीं होती है तब तक कुछ नहीं हो सकता है, जब वह दोनों कॉलेज आये तो उन्हें पता चला की कुछ दिन बाद एग्जाम होने वाले है दोनों ही अपनी तैयारी में लग गए थे,
जिस दिन एग्जाम होने वाला था, दोनों ही कॉलेज जाने के लिए तैयार थे, but वो साथ नहीं जा रहे थे, बल्कि उस दिन वो अलग-अलग जा रहे थे, तभी उनमे से एक दोस्त अपने कॉलेज के लिए चल पड़ा था, उसने देखा की एक आदमी सड़क पर बेहोश हो गया था, वह उसके पास गया और उसने उस आदमी को उठाना चाहा, जिससे वह होश में आ जाये,
तभी उसने अपने दोस्त को आते हुए देखा जब उसका दोस्त वहा पर आया तो उसने कहा की इस आदमी को होश में लाओ और घर छोड़ देना में अपने एग्जाम के लिए जा रहा हु, यह कहकर वो चला गया था, क्या उसी का एग्जाम था आज, नहीं वो अपनी ज़िम्मेदारी से भाग रहा था, जबकि आज दोनों का एग्जाम था, उसके दोस्त ने उसे होश में लाया और उसके लिए एक रिक्शा करवाई जिससे वह घर पहुंच सके
Friendship status in hindi, आज वह अपने दोस्त को पहचान चुका था, वह अपने एग्जाम में देरी से पहुंचा था, उसके बाद वह उस दोस्त से कभी नहीं बोला था, शायद वो आखरी दिन था, उसके बाद उससे कोई मुलाक़ात नहीं की थी, क्योकि वो चाहते तो मिलकर काम कर सकते है लेकिन जब मन में अपने लिए ही हो तो कोई क्या कर सकता है, हमे दोस्ती को समझना चाहिए, हमे हमेशा अच्छा करना चाहिए, क्योकि शायद हमारी दोस्ती आगे तक बढ़ सकती है,
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