Bhoot story in hindi
एक भूतिया हवेली की कहानी भाग-2, (bhoot story) यह कहानी का भाग दो है पहला भाग आप पढ़ चुके है अगर आपने अभी तक नहीं पढ़ा है तो आप इसे पढ़ सकते है यह कहानी भी आपको पसंद आएगी,
एक भूतिया हवेली की कहानी भाग-2 : bhoot story hindi
bhoot story in hindi, यह एक भूतिया हवेली की कहानी का भाग दूसरा है, अगर आपने अभी तक इसका पहला भाग नहीं पढ़ा है तो आप यहां पर उसे पढ़ सकते है, (Read More-एक भूतिया हवेली की कहानी-1) हम यहां पर इसके पहले भाग के बारे में आपको कुछ बताना चाहते है जिससे आपको यह कहानी समझ में आ सकती है,
पहले भाग में भूतिया हवेली जोकि अब बहुत ही पुरानी हो चुकी थी उसी में सभी परिवार वाले रहते थे, मगर किसी अजीब सी घटना से उनके मन में भर्म पैदा कर दिया था, इसी भर्म से वह डर के यहां से दूर रहने चले गए थे उन्होंने ने अपनी पुरानी हवेली को छोड़ दिया था उनका डर भी वाजिफ था इसलिए वह सभी अपनी नयी हवेली में चले गए थे, जब उन्हें गए काफी समय बीत गया था तो उनके दोनों लड़के जोकि बहार ही पड़ते थे आज वापिस आये थे,
वह लड़के अपनी पुरानी हवेली में क्या हुआ था यह नहीं जानते थे, जब वह छोटे थे तभी उन्हें बहार पढ़ने के लिए भेज दिया था आज बहुत साल बाद यहां पर आये थे, जब वह अपने घर पहुंचे तो उन्होंने देखा की वह सभी अपनी नयी हवेली में आ गए थे अब हम आगे पढ़ते है, जब वह दोनों आये तो पूछा की आपने यहां पर अपनी नयी हवेली बना ली है आप लोग वहा से क्यों आ गए थे, फिर उनके पिताजी बोले की अब वहा पर मन नहीं लगता था इसलिए यहां पर आ गए है
यह बात अभी यही पर ही पूरी हो गयी थी अगली सुबह ही दोनों भाई उठे और उन्होंने ने अपनी पुरानी हवेली में जाने की इच्छा राखी जबकि सभी ने वहा पर जाने से मना कर दिया था और यह भी कहा गया की कोई भी अब व्हा पर नहीं जाएगा दोनों भाई को यह बात बहुत अजीब लग रही थी क्योकि उनका मन था की वह अपनी पुरानी हवेली को देखे मगर कोई भी नहीं जा रहा था, इसलिए वह भी नहीं जा पाए थे,
कुछ दिन बाद उन दोनों भाई के लिए एक रिश्ता आ गया था इसलिए उनके पिताजी ने इसी साल उनकी शादी करने का फैसला लिया था अब वह अपनी पढ़ाई भी पूरी कर चुके थे और अब उनका व्यपार बहुत अधिक फैल चूका था जिसे संभालना मुश्किल था एक दिन दोनों भाई यही सोच रहे थे की हमे एक बार तो अपनी पुरानी हवेली में जाना चाहिए मगर बड़े ने मना कर दिया था इससे शायद पिताजी नाराज हो सकते है
लेकिन बहुत कहने पर दोनों भाई वहा पर चलने के लिए त्यार हो गए थे, और दोपहर के समय में वह वहा से चले गए थे, जब वह दोनों वहा पर पहुंचे तो अब उसकी हालत कुछ ठीक नहीं लग रही थी क्योकि बहुत साल पहले ही हवेली को छोड़ दिया था आज उसकी हालत ठीक नहीं थी वह अंदर गए थे मगर उन्हें कुछ अजीब महसूस हो रहा था उस जगह पर बहुत ठण्ड थी बहार बहुत अधिक गर्मी थी लेकिन वहा पर सर्दी का अहसास हो रहा था
दोनों आपस में बात करने लग गए थे यहां इतनी ठंड क्यों है हमे यहां पर कुछ अजीब लग रहा है तभी उनकी नज़र ऊपर गयी उस जगह पर कोई चल रहा था वहा पर कौन था जबकि बहार तो ताला लगा हुआ था यहां पर अंदर कौन है वह उसे देखने के लिए ऊपर गए थे मगर कोई भी नहीं था तभी एक कमरे की बिजली जल गयी थी उसे देखकर उस कमरे में गए तो उस जगह की बिजली जली हुई थी.
उन्होंने ने यहां पर बना स्विच बंद किया था तभी बहार आ गए थे बहार आने पर जैसे ही दूसरे कमरे की और गए तो सभी कमरे की बिजली जली हुई नज़र आयी थी यह क्या हो रहा है यहां पर अपने आप ही बिजली का स्विच खुल जाता है और बिजली जल पड़ती है यहां पर कुछ तो अजीब है जो हमे समझ नहीं आ रहा है तभी उनकी नज़र हवेली के सामने गेट पर गयी थी वहा पर कोई खड़ा हुआ था उसे देख कर वह सभी बहार आ गए थे,
दोनों भाई जब बहार आये तो वह आदमी अभी भी खड़ा हुआ था वह उसके पास आये और पूछा की तुम ऊपर क्यों देख रहे थे, वह आदमी बोला की पहले यह हवेली का ताला लगा दो और यहां से चले जाओ लेकिन दोनों भाईयो ने पूछा की तुम कौन हो यहां के बारे में क्या जानते हो तभी वह आदमी उन्हें अपने साथ कुछ दुरी पर ले गया था उसने बताया की वह यहां पर बहुत ही पुराना नौकर था और उस रात उसने नौकरी छोड़ दी थी
वह रात भी बहुत अजीब थी उस रात बहुत दीपक जलाये थे मगर कोई भी दीपक जल नहीं रहा था उस दिन भी बहुत अजीब लग रहा था और वही दिन था जब मालिक के पैर में चोट आ गयी थी, क्योकि वह अचानक ही गिर गए थे, उस दिन के बाद हवेली में कुछ अजीब ही हो रहा था और अगले दिन ही सब लोग यहां से चले गए थे मेने भी काम छोड़ दिया था उसके बाद कभी काम पर नहो गया था लेकिन यहां पर रात को अचानक ही बिजली जल जाती है और कोई चलता हुआ नज़र आता है
क्या आपको कोई नज़र आया था वह दोनों उसकी बात पर यकीन करे या न करे कुछ समझ नहीं आ रहा था वह कुछ भी मानने को त्यार नहीं थे मगर एक बात यह थी की वहा पर कुछ अजीब तो है जोकि समझ नहीं आ रहा था वह आदमी पूछने लगा की तुम कौन हो वह बोले की कुछ दिन पहले ही वह शहर से वापिस आये है तभी वह नौकर समझ चूका था की वह मालिक के बेटे है क्योकि उसने तो उन्हें छोटा ही देखा था
वह घर तो आ गए थे मगर यह सवाल उनके दिमाग में घूम रहा था की वहा पर कौन है और क्या कर रहा है अगर आपको यह कहानी (bhoot story) पसंद आयी है तो आप इसे शेयर जरूर करे और कमेंट करके हमे भी बताये.
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