खंडहर पड़ा मकान भाग दो, ghost story in hindi

Author:

ghost story in hindi

आप यहां पर खंडहर पड़ा मकान की कहानी भाग दो (ghost story in hindi) पड़ रहे है, अगर आपने अभी तक इस कहानी का पहला भाग नहीं पढ़ा है तो आप उसे पढ़ सकते है हम यहां पर आपको इस कहानी के पहले भाग (Read More-खंडर पड़ा मकान कहानी भाग एक) के बारे में थोड़ा बता देते है, जिससे आप अच्छे से कहानी को समझ सकते है,

खंडहर पड़ा मकान की कहानी भाग दो : ghost story in hindi

hindi story.jpg
ghost story in hindi

यह दो दोस्तों की कहानी है जो अपनी छुट्टी में अपने गांव में आते है, संजीव और निकेत संजीव भूतो में विश्वाश नहीं करता है जबकि निकेत इस बात को मानता है, ऐसे बहुत से लोग है जो भूतो को नहीं मानते है क्योकि जब कोई नहीं दिखाई देता है तो उसके मानने का सवाल ही नहीं उठता है, खेर हम आगे बढ़ते है जब यह दोनों गांव में आये तो हर रोज शाम को घूमने निकल जाया करते थे,

 

घूमते हुए वह ऐसे मकान के पास आ जाते है जो बहुत साल से खंडहर पड़ा हुआ है वह मकान आज भी ऐसा ही है जो उसमे रहते थे थे वह उस जगह को छोड़कर चले गए थे, लेकिन एक बूढ़ा आदमी उनके साथ नहीं गया था, क्योकि वह अपना घर नहीं छोड़ना चाहता था और किसी कारण वह बीमार पड़ गया था और वही मर गया था उसके बाद वह मकान ऐसा ही पड़ा हुआ है, अब उस मकान की हालत अच्छी नहीं है, वह बहुत जगह से टूट गया था, उसे देखने के लिए दोनों दोस्त अंदर जाते है और उन्हें एक कमरे से कुछ आवाज आती है,

 

यह आवाज किसकी है यह देखने के लिए वह दोनों अंदर जाते है और जब वह अंदर पहुंचते है तो बहुत अँधेरा होता है अब हम आगे पढ़ते है, संजीव को इस बात पर विश्वास नहीं होता है की जब कमरे की छत खुली है तो अँधेरा क्यों है, जबकि ऊपर देखने पर तो रौशनी आती है लेकिन नीचे कुछ नहीं दिख रहा है, निकेत कहता है की यहां से चलते है यह जगह कुछ ठीक नहीं है, संजीव इस बारे में सोचता है,        

Read More-भूतो का संसार 

संजीव अँधेरे में देखने के लिए नीचे बैठ जाता है उसे जमीन पर कुछ धुँआ नज़र आता है यह केसा धुँआ है ऊपर रौशनी और नीचे धुँआ कमरे में अँधेरा कुछ अजीब है वह निकेत को भी दिखाता है, निकेत नीचे नहीं देखता है और कहता है की यहां से चलो में तुम्हारे साथ यहां तक आ गया हु और अब मुझे डर भी लग रहा है, यह जगह ही बड़ी अजीब है, निकेत पहले से ही डरता है इसलिए वह रुकना नहीं चाहता है,

 

मगर संजीव को तो कुछ भी समझ नहीं आ रहा है यह क्या है वह पता लगाना चाहता है, निकेत ऊपर की और देखता है और बहुत ज्यादा डर जाता है निकेत कहता है की ऊपर देखो संजीव ऊपर भी अँधेरा हो रहा है, संजीव ने ऊपर देखा और कहा की तुम इतने डरते हो की तुम्हे यह पता नहीं चल रहा की मौसम खराब हो रहा है, लगता है बारिश होने वाली है, वह बहार जाने ही वाले थे की बहुत तेज बारिश शुरू हो गयी थी, अब निकेत कहता है की हमे पहले ही यहां से चले जाना चाहिए था, 

Read More-पेड़ से निकलती रौशनी

लेकिन तुम नहीं माने और अब यह बारिश कब रुकेगी यह भी पता नहीं है बारिश बहुत तेज हो रही थी, और पानी भी उस मकान में भर रहा था पानी धीरे-धीरे बढ़ रहा था जिसमे वह मकान भी पानी से भरा हुआ नज़र आ रहा था, इतना पानी कहा से भर सकता है क्योकि यहां पर पानी का रुकना मुश्किल है, संजीव को थोड़ा बहुत अलग नज़र आ रहा था निकेत ने कहा की अब तुम्हे यहां पर अजीब लग रहा है,

 

जब में पहले से ही कह रहा था तब क्या था, तब तुम्हे कुछ नज़र नहीं आ रहा था, संजीव ने कहा की तुम्हारी यही आदत है तुम बहुत जल्दी डर जाते हो, हमे जब तक कुछ पता नहीं चलेगा हम यकीन कैसे करे इस तरह की बाते वह कर थे पानी का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ता जा रहा था, संजीव ने कहा की हमे ऊपर की और चलना चाहिए नहीं तो यह पानी हमे ही डूबा देगा, संजीव और निकेत ऊपर की और जाने लगे थे वह मकान बहुत जगह से टुटा हुआ था उस पर चलना बहुत मुश्किल हो रहा था

Read More-जब देखीं एक आत्मा

जब वह दोनों छत पर गए तो उनका डर भी बी सच में बदल चुका था, क्यको उस मकान के अलावा कही बारिश नहीं थी मगर उन्हें कुछ भी नहीं दिखाई दिया था अंदर उन्हें कोई भी नहीं मिला था, फिर भी न चाहते हुए भी उन्हें डर लग रहा था, एक ही जगह पर बारिश होना यह कैसे मुक्किन है, संजीव कुछ भी नहीं समझ पा रहा था, उधर निकेत का डर बहुत ज्यादा बढ़ गया था वह पहले से ही बहुत डरता था और अब इसके बाद और ज्यादा डर चुका था, निकेत को अब गुस्सा भी आ रहा था,

 

क्योकि उसने संजीव की बात को मानकर यहां आने का फैसला किया था संजीव ने कहा की हम यहां से निकलने का कोई रास्ता देखते है निकेत ने कहा की अब हम यहां से नहीं निकल पाएंगे क्योकि नीचे पानी है और पानी ऐसे बढ़ रहा है की छत पर आ जाएगा, संजीव उसकी बातो पर अजीब महसूस कर रहा था पानी छत पर कैसे आ सकता है निकेत ने कहा की कुछ भी हो सकता है जब खुले मकान में पानी पर सकता है तो छ्त पर क्यों नहीं आ सकता है,

 

संजीव को उसकी बात पर यकीन हो रहा था, अब उसे भी लग रहा था की यह बात सच है, संजीव ने छत के चारो और देखा उसे वहा से निकलने में कुछ तो देखना ही था तभी उस मकान से लगा हुआ एक पेड़ नज़र आया, संजीव ने कहा की देखो वह पेड़ हम उस पेड़ से नीचे उतर सकते है, निकेत ने कहा की यह ठीक होगा हम यहां से उतर सकते है वह दोनों पेड़ से नीचे की और जाने लगे थे, जैसे जैसे वह नीचे उतर रहे थे बारिश भी बंद हो रही थी, 

Read More-एक घर की डरावनी कहानी

जब वह नीचे आ गए थे तो बारिश भी बंद हो गयी थी, उस मकान को देखने पर ऐसा ही लग रहा था की वहा पर कोई बारिश नहीं हुई है, क्योकि वह फिर से ऐसा ही बन गया था जैसा की पहले था, अब संजीव से निकेत ने कहा की देखा भूत होते है मगर संजीव ने कहा की मेने तो कोई भूत नहीं देखा है, निकेत ने कहा की यहां पर जो कुछ हुआ है वह और कौन कर सकता है यह बताओ,

 

 

संजीव ने कहा की देखो यहां पर भूत है यहां नहीं मुझे यह पता नहीं, लेकिन मेरा मानना है की यहां पर कुछ तो अजीब है,  यहां पर कोई ऐसी शक्ति है जो हमे अंदर रहने से रोक रही है जब हम अंदर गए थे तो कुछ भी नहीं हो रहा था और जब वह हम अंदर कुछ देर तक रुक गए तो ऐसा होना शुरू हो गया था, इसलिए वह शक्ति यह सोचती है की हमे अंदर नहीं रहना चाहिए जब वहा पर कुछ आवाज आयी तो हमने देखना चाहा वह आवाज हमे यह संकेत करती है की हमे वहा से चले जाना चाहिए था, मगर हम देखने चले गए थे,

Read More-दहशत की एक रात कहानी

जब हम वहा पर गए तो कमरे की छत खुली थी जबकि नीचे अँधेरा था और जमीन पर धुँआ चल रहा था ऐसा देखकर भी वहा कोई भी नहीं रुक सकता था मगर हम फिर भी वही पर रुके हुए थे जब हमे काफी देर हो चुकी थी तभी हमारे साथ ऐसा हुआ था इसलिए मेरा मानना यही है की यहां पर कुछ अजीब है और अब रात होने वाली हमे घर चले जाना चाहिए निकेत बस यही कह रहा था की अब तुम्हारे साथ में ऐसी जगह पर नहीं जायूँगा क्योकि तुम हमेशा ऐसी मुसीबत खड़ी कर देते हो,

 

उसके बाद दोनों बाते करते हुए घर पर आ गए थे उन्होंने इस बात को किसी से भी नहीं कहा था क्योकि हो सकता हिअ की दूसरे लोग इस बात को सुनकर मजाक बनाये इसलिए उन्होंने ने यह बात अपने पास ही रखी थी, इस बात को आज बहुत साल हो गए है जब भी वह अपने गांव जाते है तो उस मकान को आज भी देखते है और उस मकान के अंदर जाने की हिम्मत उनमे आज भी नहीं है,

Read More-एक पुराना किला

अगर आपको यह खंडर पड़ा मकान कहानी भाग दो (ghost story in hindi) पसंद आयी है तो आप इसे शेयर जरूर करे और कमेंट करके हमे भी बताये,

Read More Ghost Stories in hindi :-

Read More-खंडर पड़ा मकान कहानी भाग एक

Read More-भयानक भूत

Read More-वो भूतिया रास्ता

Read More-डायन की डरावनी कहानी

Read More-एक डायन का साया भूत की कहानी

Read More-भूत ही भूत

Read More-डर की रियल कहानी

Read More-पीपल का भूत

Read More-भूतिया अस्पताल

Read More-खौफनाक जंगल की दास्तां

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.