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छज्जू की प्रतियोगिता
hindi story online, प्रतियोगिता का दिन था, सभी लोग अपनी पूरी तैयारी से आये हुए थे, इस प्रतियोगिता में बहुत से गांव वाले भाग ले रहे थे, प्रतियोगिता शुरू होने का समय सुबह दस बजे रखा गया था, इसमें कोई भी कुछ भी दिखा सकता था, पहला इनाम भी बहुत अच्छा था, सभी लोग पूरी मेहनत से आये हुए थे,
इसी प्रतियोगिता में छज्जू नाम का आदमी भी भाग ले रहा था, उसके घर में बहुत परेशानी थी, घर में खाने की परेशानी बहुत अधिक थी, छज्जू का खेत आधे से ज्यादा बंज़र हालत में था, जिसमे थोड़ी ही फसल उतपन्न होती थी, उस फसल से घर का एक समय का भोजन ही चल रहा था, छज्जू के घर पर एक ही बैल था, जिससे वह खेती करता था, जब छज्जू को इस प्रतियोगिता का पता चला तो वह भी अपनी किस्मत आजमाने के लिए वह पर आ गया था,
पहला इनाम में बहुत सा धन था, दूसरे इनाम में दो बैल थे, और तीसरा इनाम था घर का एक साल का राशन, छज्जू को पता था की अगर वो इनाम पा लेता है तो उसे बहुत ही सुलियत हो जायेगी, पर जितना आसान भी नहीं था, प्रतियोगिता भी बहुत मुश्किल थी, हर किसी को बेहतर करके दिखाना था, आप कोई भी खेल चुन सकते है, अगर उसमे कुछ अच्छा करेंगे तो जितने के बहुत चांस हो जाते थे,
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छज्जू को तो सिर्फ कब्ड्डी ही आती थी, छज्जू इसमें बहुत अच्छा कर सकता था, छज्जू भी अब अपनी प्रतियोगिता के लिए तैयार था, अब प्रतियोगिता कुछ ही देर में होने वाली थी, क्योकि शाम तक यह प्रोग्राम चलना था, कुछ देर बाद प्रतियोगिता शुरू हो गयी थी, सभी खेलो का आयोजन हो चुका था, छज्जू का खेल दोपहर बाद शुरू होने वाला था, सभी खेल हो रहे थे,
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छज्जू की भी अब बारी आ चुकी थी, छज्जू ने अपना खेल बहुत ही अच्छे तरह से खेला था, छज्जू को अपने लिए नहीं बल्कि अपने परिवार के लिए यह खेल खेलना था, आखिर छज्जू कब्ड्डी में विजेता हो चुका था, सभी खेल अब समाप्त हो चुके थे, परिणाम आने में अभी एक घंटा रह गया था, हर खेल से एक विजेता खड़ा था, पर इनाम तो सिर्फ तीन ही थे, जोकि बेहतर खिलाडी को ही दिया जा सकता था,
छज्जू को बहुत डर लग रहा था, क्योकि अब परिणाम आने वाले थे, पहला इनाम ऊंची कूद वाले को दिया गया था, क्योकि उसने बहुत ही अच्छा प्रदर्शन किया था, छज्जू अब काफी सोच में था, आज उसे पहला इनाम मिलता तो साड़ी मुसीबत ही टल जाती पर अब वो उसे नहीं मिल सकता था,
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दूसरा इनाम बहुत तेज दौड़ने वाले को दिया था, वह बहुत तेज दौड़ रहा था, उसने बहुत कम समय में दौड़ को पूरा किया था, जिसकी वोटिंग भी बहुत थी, आज छज्जू सोचता ही रहा की दूसरा इनाम भी जाता रहा, अगर उसे बैल मिल जाते तो वह अपने खेत को अच्छा कर सकता था, पर उसे वो भी नहीं मिला था.
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छज्जू को अब लग रहा था की अब कुछ नहीं हो सकता था, अब बारी थी तीसरे इनाम की जिसमे साल भर का राशन मिलना था, जब तीसरा इनाम खुला तो छज्जू की आँखों में आंसू थे, आज वो अपने आपको रोक नहीं पा रहा था, छज्जू के साथी ने उसे समझया की भगवान् के यहां पर देर है अंधेर नहीं है, तीसरा इनाम छज्जू को ही मिला था, उसने बहुत अच्छा काम किया था, जिसे काफी लोगो ने पसंद किया था, छज्जू अब खाली पेट नहीं सोयेगा,
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