Real story in hindi | Hindi story
real story in hindi, hindi story, आज्ञा का पालन हिंदी कहानी, एक आश्रम के पास बहुत सारे शिष्य रहते थे वहीं पर एक साधु महाराज जी रहते थे जिनके पास यह सभी शिष्य काम करते थे उनमें एक शिष्य जिसका नाम कोमल था वह भी वहीं रहता था.
Real story in hindi : आज्ञा का पालन हिंदी कहानी
कोमल स्वभाव से बहुत ही अच्छा था और अपने गुरु जी की बात को कभी भी नहीं टालता था एक दिन बरसात बहुत तेज हो रही थी सभी शिष्य गुरु जी के पास ही थे और वह एक खेत का निरीक्षण करने के लिए गए हुए थे, but बरसात होने की वजह से उनमें से सभी शिष्य अपने आश्रम में चले गए और गुरु जी के साथ कोमल ही वहां पर थे गुरु जी ने कोमल से कहा कि हमारी खेतों में अगर पानी आ गया तो इससे सारी फसल खराब हो जाएगी अगर तुम ऐसा कोई उपाय कर दो जिस से खेत में पानी ना जाए
तो इससे अच्छा और कुछ भी नहीं होगा और हमारी फसल भी बच जाएगी क्योंकि बरसात काफी तेज हो रही थी और बरसात का पानी निकालने की व्यवस्था कोमल को ही करनी थी कोमल को सभी बात समझा कर गुरूजी अपने आश्रम में चले गए और कोमल ने जब व्यवस्था करनी चाही but बरसात तेज होने के कारण उसकी खेत में पानी रूक ही नहीं रहा था और बहता ही जा रहा था कोमल ने बहुत सारे उपाय के but बरसात का पानी अपने खेतों में जाने से बाहर नहीं रोक पाया.
उसने एक उपाय सोचा कोमल ने अपने आप को ही उस जगह पर रख लिया जिस जगह से पानी आ रहा था इस से पानी का बहना बंद हो गया और कुछ ही घंटो में जब बरसात रुकी तब गुरु जी देखने के लिए आए कि कमल क्यों नहीं आया है अभी तक,जब गुरूजी ने देखा कि कोमल बरसात के पानी को रोकने के लिए वहीं पर बैठा रहा तो इससे गुरूजी ने कहा कि तुम इसका उपाय करके आ सकते थे अगर बरसात के पानी से तुम्हारी तबीयत खराब हो जाती है तो क्या करते हैं तो.
real story in hindi, hindi story, इस पर कोमल ने जवाब दिया कि गुरु जी अगर आपकी “आज्ञा का पालन” हम नहीं कर पाए तो आपकी आज्ञा मानने का क्या अधिकार है हमें, कोमल की बातें सुनकर गुरूजी ने कहा कि तुम ही सबसे श्रेष्ठ व्यक्ति हो क्योंकि तुमने गुरु की आज्ञा का बहुत अच्छी तरह से पालन किया है.
आज्ञा का पालन दूसरी हिंदी कहानी : real story in hindi
अगर तुम किसी की भी बात नहीं मानते है तो यह अच्छा नहीं होता है अभी तुम्हे सोचना होगा की तुम्हे क्या करना है तुम अब बड़े हो रहे हो कुछ तो सोचना ही होगा but तुम सुनते नहीं हो अगले दिन वह लड़का बिना बताये ही अपने दोस्तों के साथ जाता है और बहुत देर तक नहीं आता है घर में सभी परेशान हो जाते है उन्हें लगता है की शायद आज भी वह यही काम कर रहा है उसे कितनी बार बताया है but वह नहीं मानता है
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रत भी हो गयी थी but अभी तक नहीं आया था अब तो बहुत चिंता हो रही थी यह बात क्या थी अगर वह समझता तो ऐसा नहीं होता जब वह रस्ते से घर आ रहा था तभी उसे चोर मिल गए थे जोकि उसक सामान लेकर भाग गए थे यह सब कुछ रत में बाहर जाने से हुआ था but वह सुनता नहीं था जब वह घर पहुंचा तो आज वह बदल गया था उसे पता था की वह किसी की बात नहीं सुनता है जिसकी वजह से आज वह परेशानी में पड़ गया है
जब वह घर आया तो सभी ने कहा की यह अच्छा नहीं हुआ है आज तुम्हारे साथ में यह क्या हो गया है वह लड़का कहता है की आज मुझे पता चल गया है की मुझे आपकी बातें माननी चाहिए थी क्योकि में आपकी बात नहीं मानता था जिसकी वजह से यह हुआ था आज मेरे साथ अच्छा नहीं हुआ था अब उन्हें भी लग रहा था की आज वह बदल गया है but यह सब कुछ पहले भी हो सकता था but जब तक इंसान नहीं समझता है जब तक वह उसे नहीं देख लेता है अगर आपको यह real story in hindi, hindi story पसंद आयी है तो शेयर जरूर करे.
शिष्य और गुरु जी की हिंदी कहानी :- real story in hindi
गुरुजी ने अपने शिष्य को बुलाया और उससे कहा कि तुम्हें जंगल से लकड़ियां लानी है क्योंकि भोजन बनाने में देरी नहीं होनी चाहिए गुरुजी इस बात को जानते थे कि वह शिष्य बात को नहीं मानता है लेकिन फिर भी गुरु जी को लग रहा था कि अगर मैं उसे असलियत में समझा सकूं तो उसके लिए बहुत अच्छी बात हो सकती है
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गुरु जी ने शिष्य से कहा कि तुम्हें जल्दी ही जंगल में जाकर लकड़ियां लेकर आना है भोजन तैयार करवाना है वह शिष्य लकड़िया लेने के लिए जाता है लेकिन जैसे ही वह जंगल में जाता है तो वह देखता है कि जंगल में तो बहुत सारे पेड़ पौधे हैं जिन पर फल लगे हुए हैं वह सिर्फ इस बात को जानता है कि गुरु जी कभी भी इतना भोजन सभी को नहीं देते हैं कि वह पेट भर कर खाएं क्योंकि उनका मानना है कि जब हम भोजन अधिक ग्रहण करते हैं तो इससे हमारे शरीर में समस्या पैदा होती है
जिसकी वजह से हम काम पर ध्यान नहीं दे पाते हैं लेकिन आज उस शिष्य को मौका मिल गया था यहां पर वह भरपेट खा सकता था वह वहीं पर फल तोड़कर खाने लगा गुरुजी उसका इंतजार कर रहे थे कि वह लकड़ी लेकर कब आएगा लेकिन वह अभी तक भी नहीं पहुंचा था गुरु जी को लग रहा था कि शायद वह जंगल में ही कहीं खो गया है इसलिए उन्होंने बाकी शिष्यों को बुलाया और कहा कि मैंने एक शिष्य को लकड़ी लेने के लिए भेजा है वह अभी तक नहीं आया है तुम्हें जाकर वहां पर उसकी खोज करनी होगी और उसे खोज कर लाना होगा
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सभी शिष्य उस दूसरे शिष्य की खोज में चले जाते हैं जब सभी शिष्य उसकी तलाश कर रहे थे तो उन्हें वह मिल जाता वह पेड़ के नीचे सो रहा था क्योंकि उसने बहुत अधिक फल खा लिए थे उसने कोई भी काम नहीं किया था गुरु जी की “आज्ञा” भी उसने नहीं मानी थी उसके बाद शिष्य लकड़ियां लेकर गुरुजी के पास जाते हैं और उस शिष्य को भी लेकर जाते हैं क्योंकि उसकी तबीयत बहुत ज्यादा खराब हो गई थी उसने बहुत अधिक फल का सेवन कर लिया था जो कि उसके लिए नुकसानदायक साबित हो चुका था
जब वह होश में आया तो गुरुजी ने कहा कि तुमने मेरी “आज्ञा” का पालन नहीं किया तुमने अपने काम पर ध्यान नहीं दिया और तुमने अधिक फल का सेवन किया जिससे कि तुम्हारे शरीर में समस्या पैदा हो गई है मैंने तुम्हें पहले ही कहा था कि अगर हमारे शरीर में बहुत अधिक भोजन जाता है तो उसे हमारे शरीर में समस्या पैदा होती है शिष्य को इस बारे में पता चल चुका था कि जो भी गुरु जी कहते हैं ठीक कहते हैं, वह हमें अपने जीवन में जीने के लिए सही तरीकों को बताते हैं और हम उन पर ध्यान नहीं देते हैं क्योंकि हम उनकी “आज्ञा” का पालन नहीं कर पाते हैं
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उस दिन से शिष्य ने गुरु जी की हर बात मानी थी क्योंकि वह जानते थे कि गुरु जी सब कुछ उन्हें सही रास्ते पर लाने के लिए कहते हैं जीवन में भी ऐसी समस्याएं हमारे सामने आ जाती हैं लेकिन उन समस्याओं का समाधान हमारे ही पास होता है हमें हमेशा अपने बड़ों की आज्ञा का पालन करना चाहिए जिससे कि हमारे जीवन में आने वाली समस्याएं बहुत ही सीमित हो जाएंगे और हम उनका सामना कर पाएंगे अगर आपका यह Real story in hindi, Hindi story पसंद है तो आगे भी शेयर करें कमेंट करके हमें बताएं
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