तीनों का सफर हिंदी कहानी, hindi ghost story

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तीनों का सफर हिंदी कहानी, hindi ghost story, यह सफर बहुत ही डरावना था इसके बाद वह कभी भी रात के सफर पर नहीं गए थे, यह कहानी आपको पसंद आएगी, 

तीनों का सफर हिंदी कहानी : hindi ghost story

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एक बार तीनों दोस्तों ने शादी में जाने की योजना बनाई क्योंकि उनके दोस्त की शादी थी और 2 दिन पहले ही उसके पास पहुंचना चाहते थे इसलिए तीनों दोस्त उस गांव में जाने के लिए तैयार हो चुके थे तीनों दोस्तों ने बस से जाने की योजना बनाई थी क्योंकि इससे उन्हें थोड़ा आराम महसूस होता था जाने वाले दिन के समय तीनों दोस्त एक साथ इकट्ठे हुए और बस में बैठ गए बस स्टेशन से गांव से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर था

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वहीं से उन्हें किसी साधन का प्रयोग करके गांव में पहुंचना था पूरे दिन के बस के सफर से बहुत ज्यादा थक चुके थे और जब बस स्टेशन पर पहुंचे तो तीनों दोस्त उतर गए और उस गांव में जाने के लिए साधन को ढूंढने लगे लेकिन वे उस गांव में जाने के लिए बहुत देरी से पहुंचे थे क्योंकि रात के 10:00 बज चुके थे और कोई भी साधनों ने नहीं मिल रहा था जब एक आदमी से पूछा कि यहां पर कितने बजे साधन मिलता है तो उस आदमी ने साधनों कि सुबह 10:00 बजे के बाद से शाम के 4:00 बजे तक कि आप गांव में जाने के लिए साधन मिल सकता है

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तीनों दोस्त यह सोचने लगी कि अगर हम कल सुबह का इंतजार करते हैं तो भी हमें 10:00 बजे से पहले साधन वहां के लिए नहीं मिलेगा और अगर हम अभी चलते हैं तो हम रात के 12:00 या 1:00 बजे तक से गांव में पहुंच जाएंगे दो दोस्त इस बात के लिए मान गए थे लेकिन उनमें से एक दोस्त कह रहा था कि रात का सफर करना ठीक नहीं होगा इससे हमें परेशानी हो सकती है तभी दोनों से बोले कि तुम हमेशा डरते रहते हो रात के समय में कोई परेशानी नहीं होगी हम आराम से पहुंच जाएंगे और सुबह तक कभी इंतजार नहीं करना पड़ेगा बात तो ठीक लग रही थी लेकिन अब रात का सफर ठीक नहीं सकता है इसी वजह से मैं कह रहा था

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लेकिन जब दोनों दोस्तों ने कहा कि अभी चलना है तो दूसरे दोस्त नहीं चलने के लिए तैयारी कर ली थी उसके बाद जो उनके साथ हुआ कभी भुला नहीं सके और कभी भी रात के सफर उन्होंने नहीं किया था देना दोस्तों ने अपना सामान लिया और उस गांव की ओर बढ़ने लगे रास्ता बहुत लंबा था तकरीबन 10 किलोमीटर की दूरी होनी तय करनी थी उसके बाद गांव में पहुंच सकते थे अभी उन्हें चलते हुए 1 घंटे देता था और अभी काफी समय और ज्यादा था लगातार चल रहे थे अब दूरी लगभग 3 किलोमीटर की रह गई थी गांव में पहुंच सकते थे

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तभी उन तीनों दोस्तों को एक आवाज सुनाई दे आवाज आ रही थी लेकिन यह आवाज किसकी थी कोई पहचान नहीं पा रहा था और उन्हें कोई दिखाई भी नहीं दे रहा था अभी आगे बढ़ते थे तभी आवाज में सुनाई देती आप यह सोच रहे थे कि आवाज कहां से आ रही है मुझे देखना चाहिए लेकिन वहां पर कोई भी नजर नहीं आ रहा था क्योंकि अंधेरा बहुत ज्यादा हो चुका था उस आवाज से बहुत ज्यादा डर लग रहा था क्योंकि कोई भी दिखाई नहीं दे रहा था तीनों बहुत ज्यादा डर गए थे वह आवाज कहां से आ रही है क्योंकि कोई भी नजर नहीं आ रहा है तीनों दोस्त को ज्यादा घबरा चुके थे क्योंकि जब कोई नजर नहीं आता उसकी आवाज आती है तो घबराहट होती है

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क्योंकि यह रात का समय था और लगभग 11:00 बज चुके थे उसके बाद तीनों दोस्तों ने कहा कि हम यहां से चलना चाहिए अगर यहां पर ज्यादातर रुकेंगे तो हो सकता मुसीबत में पड़ जाए इसलिए तीनों तेजी से आगे बढ़ने लगे तभी उन्होंने महसूस किया कि उनके पीछे भी कोई चल रहा है जिसके कदमों की आवाज उनके कदमों के साथ साथ चल रही है जब वह रुक जाते हैं तो वह भी रुक जाती है लेकिन पीछे कोई भी नहीं होता है ऐसा कैसे हो सकता है उसके बाद उन्होंने कहा कि अब हमें भागना चाहिए क्योंकि हमें नहीं पता कौन है जो तीनों लोग भागने लगे

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लेकिन उनके साथ आवाज भी थी जिसे ही भाग रही थी ऐसा लग रहा था कि जितनी तेज भागने है उतनी तेजी से कोई पीछे भी भाग रहा है लेकिन वह कौन हो सकता है इसलिए उन्हें बहुत ज्यादा डर लग रहा था रोक नहीं पा रहे थे और भागते भागते काफी थक चुके थे और उसके बाद में रुक गए और बैठ गए तभी उन्होंने देखा कि हम तो दो ही है तीसरा दोस्त कहां है जब उन्होंने पीछे मुड़कर देखा तो तीसरा दोस्त नीचे गिरा हुआ तब है उसके पास भाग कर आया और कहने लगे कि तुम कैसे गिर गए कहने लगा कि किसी ने पीछे से पकड़ लिया था और जैसे मैं भागने की कोशिश कर रहा था जाना कि मैं गिर गया है मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि वह कौन है

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तभी तीनों कहने लगी कि हमें यहां से चले जाना चाहिए क्योंकि हमें नहीं पता कि आवाज हमारे पीछे क्यों कर रही है उसके बाद तीनों दोस्त रुके नहीं हो लगातार भागते हुए पहुंच गए हो पहुंचने के बाद सुरक्षित घर पर पहुंच चुके थे लेकिन इस घटना के बाद समझ चुके थे कि कोई तो था जो हमारे पीछे था और वह कौन हो सकता है हमें बिल्कुल ज्ञान नहीं था तीनों दोस्तों ने कभी भी अकेले जाने की कोई योजना नहीं बनाई और उसके बाद वह कभी भी रात के समय मैं कहीं भी नहीं गए क्योंकि उनका डर आज भी उसे उन्हें डरता रहता है उस डर से वह कही भी रात को नहीं जाते है.

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One thought on “तीनों का सफर हिंदी कहानी, hindi ghost story”

  1. Anu Anoop says:

    बहुत बढिया !!

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