kids story in hindi | Child story in hindi
kids story in hindi, child story in hindi, kids hindi, एकता में शक्ति है, एक गांव में एक किसान रहता था उसके चार लड़के थे चारों लड़के आलसी और नालायक थे दिन भर इधर-उधर मस्ती करते करते थे. लेकिन कोई काम नहीं करते थे और शाम को घर आकर एक दूसरे से खूब लड़ाई किया करते थे बूढा किसान अपने चारों बेटों से बड़ा परेशान था
एकता में शक्ति है : kids story in hindi
क्योंकि ना तो वह कुछ काम करते थे ना ही कमाते थे. बल्कि इधर-उधर लड़ाई करते फिरते थे एक दिन उसको एक योजना योजना आई उसने अपने चारों लड़कों को अपने पास बुलाया और कहा तुम चारों आज जंगल में लकड़ियां लेने के लिए जाओ चारों लड़के पहले तो राजी नहीं हुए लेकिन किसान ने जैसे-तैसे उन्हें मना लिया चारों लड़के जंगल से थोड़ी थोड़ी लकड़ियां लेकर वापस शाम को घर आ गए
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शाम को किसान ने उन चारों को अपने पास बुलाया और कहा तुम चारों एक-एक लकड़ी को तोड़ो चारों लड़कों ने एक एक लकड़ी फटाफट तोड़ फिर किसान बोला अब तुम चार पांच लकड़ियां एक साथ एक रस्सी में बांध हो चारो लकड़ी लड़कों ने सारी लकड़ियां एक रस्सी में बांधी, किसान ने कहा कि तुम एक एक करके इस लकड़ी के गट्ठर को तोड़कर दिखाओ चारों ने बारी-बारी से खूब प्रयास किया परंतु चारों में से कोई भी उस लकड़ी के गट्ठर को तोड़ नहीं पाया किसान बोला क्या तुम चारों की समझ में एक बात आई अगर तुम चारों एक साथ रहोगे एक साथ मिलकर काम करोगे और घर में पैसा लाओगे तो तुम चारों को दुनिया में कोई नहीं हरा सकता और अगर तुम अलग-अलग काम करते हो और और आपस में लड़ते हो
तो सब तुम्हारी इस लड़ाई का फायदा उठाएंगे और तुम्हारे पास जो कुछ भी है धीरे-धीरे सब चला जाएगा किसान के चारों लड़कों की समझ में यह बात अच्छी तरह आ गई अब चारों अपने खेत में खूब मेहनत करते काम करते खेती करते और रात को जो भी उन्हें मिलता उसे मिल बांटकर खाते थे बूढा किसान अपने लड़कों की एकता को देख कर बड़ा खुश हुआ इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि अगर हम आपस में मिल जुल कर रहे तो हम दुनिया की किसी भी मुसीबत का सामना कर सकते हैं लेकिन अकेले तो हम पे मुट्ठी भर भी मुसीबत पहाड़ के समान लगेगी और हम उसको हल नहीं कर पाएंगे इसीलिए एकता में बहुत शक्ति होती है
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जरूरत से ज्यादा घमंड एक जंगल में एक खरगोश और एक कछुआ दोनों रहते थे दोनों में अच्छी दोस्ती थी लेकिन एक दिन अचानक खरगोश के अंदर घमंड आ गया उसने कछुए से कहा कि चलो देखते हैं हम दोनों में सबसे ज्यादा तेज और होशियार कौन है कछुए ने कहा कि नहीं रहने दो मुझे नहीं देखना पर खरगोश को अपने ऊपर बड़ा ही घमंड था
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वह बोला नहीं नहीं चलो हम दोनों एक रेस लगाते हैं जो हम में है सबसे तेज दौड़े वही सबसे ज्यादा होशियार और अच्छा होगा खरगोश ने ने कहा कि उस पेड़ को देखो जो सबसे पहले भाग कर उस पेड़ को छू जाएगा वही सबसे होशियार होगा और तेज भी होगा कछुआ बोला ठीक है खरगोश कछुए से बहुत तेज दौड़ता था और कछुआ तो बेचारा धीरे-धीरे ही चलता था पर उसने फिर भी यह चेतावनी स्वीकार कर ली और और खरगोश के साथ रेस लगाने के लिए तैयार हो गया खरगोश जल्दी जल्दी दौड़ कर उस पेड़ के पास पहुंचने ही वाला था उसने सोचा अभी तो कछुआ बहुत धीरे धीरे चल रहा है
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यह तो 2 दिन में भी इस रेस को नहीं पूरा कर पाएगा और मैं तो कितने पास आ गया हूं चलो थोड़ी देर आराम कर लेता हूं खरगोश को एक पेड़ के नीचे आराम करने लगा और उसको नींद आ गई पर कछुआ धीरे धीरे चलता ही जा रहा था चलता ही जा रहा था वह धीरे धीरे चलता गया और खरगोश से पहले उस पेड़ के पास पहुंच गया जब खरगोश की आंख खुली तो उसमें देखा कछुआ तो पेड़ के पास खड़ा है
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खरगोश को अपनी गलती का एहसास हुआ वह बोला मित्र मुझे माफ कर दो मैं अपने तेज भागने की आदत से इसे इतना घमंडी हो गया था कि मैं समझ गया था कि मुझसे तेज कोई नहीं दौड़ सकता तुमने आज मेरा एक घमंड तोड़ दिया आज के बाद मैं कभी घमंड नहीं करूंगा
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kids story in hindi, child story in hindi, kids hindi, कछुआ बोला मैं हर किसी में कुछ न कुछ गुण जरूर होते हैं पर इसका मतलब यह नहीं कि हम अपने गुण को देखकर दूसरे को अनदेखा कर दे और दूसरे को कुछ भी ना समझे हमें अपने से ज्यादा दूसरे की काबिलियत को भी ध्यान में रखकर काम करना चाहिए पता नहीं सामने वाला कितना गुणी है और वह कब हमें पछाड़ दें.
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