Boss ki hindi story
Boss ki hindi story, एक बॉस की हिंदी कहानी हमे अगर कोई भी परेशानी है, तो हमे वह शेयर जरूर करनी चाहिए, इससे हमारी परेशानी भी दूर हो जाती है,
एक बॉस की हिंदी कहानी : boss ki hindi story
आजकल “बॉस” बहुत ही परेशान दिखाई दे रहे हैं वह बहुत ही कम बातें कर रहे हैं उनका व्यवहार कुछ बदला-बदला नजर आ रहा है पहले वह ऐसा नहीं करते थे लेकिन आजकल वह कुछ अलग ही तरह से दिखाई दे रहे हैं नरेश ने यह बात नोटिस की थी क्योंकि वह “बॉस” को हर रोज ऐसा करते देखा करते थे सभी लोग जानते थे कि “बॉस” की आदत में कुछ बदलाव आ गया है लेकिन यह बदलाव किस कारण आ गया है कोई भी यह बात नहीं जानता था और बॉस से पूछने पर उन्हें थोड़ा सा अजीब लगता था
इसलिए किसी को भी इस बारे में कोई एहसास नहीं था कि वह उसके साथ क्या हुआ है नरेश ने अपने दोस्त से बात की और कहा कि हमें “बॉस” से पूछना चाहिए आजकल बहुत परेशान दिखाई देते हैं अगर कोई बात उनके पास ऐसी है जिन्हें वह लेकर बहुत परेशान हैं तो हमें उससे बात करनी चाहिए सभी कहने लगे यह बात तो ठीक है कि हमें बात करनी चाहिए लेकिन अगर हम कुछ भी पूछते हैं तो इससे शायद बॉस को बुरा लग सकता है और हमें ऐसा करना अच्छा नहीं लगेगा
लेकिन नरेश कहने लगे कि ऐसा नहीं करना चाहिए अगर हम पूछेंगे नहीं तब तक हमें कैसे पता चलेगा कि क्या बात है शायद इसके बाद सभी लोग सोचने लगे कि हमें ऐसा ही करना चाहिए तभी उनमें से दो लोग “बॉस” के केबिन में गए “बॉस” के केबिन में जाकर दोनों ने पूछा कि यह आप आजकल परेशान दिखाई दे रहे हैं और हमें ऐसा लग रहा है कि आप कुछ ज्यादा ही परेशान हैं अगर कोई बात आपको परेशान कर रही है तो आप हमारे साथ शेयर कर सकते हैं जिससे हम उस बात का समाधान कर सके तभी “बॉस” ने कुछ नहीं बताया और कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है आप लोग अपना काम कीजिए नरेश और उसका दोस्त केबिन से बाहर आ चुके थे लेकिन उन्हें बिल्कुल भी पता नहीं था कि बॉस के साथ किया हुआ है
लेकिन नरेश को अच्छा नहीं लग रहा था क्योंकि वह बहुत को परेशान होते हुए नहीं देखना चाहते थे इसलिए नरेश ने सोचा कि मुझे पता लगाना चाहिए कि वह क्यों परेशान है अगले दिन जब वह सुबह ऑफिस आए तो भी ऐसे ही नजर आ रहे थे जैसे कि वह कल थे नरेश अकेले ही केबिन में गए और पूछने लगे कि आपने हमें कल भी नहीं बताया था लेकिन मैं यह जानना चाहता हूं कि आप परेशान क्यों हैं तभी बॉस ने सोचा कि अगर मैं किसी के साथ बात को शेयर नहीं करता हूं तो यह अच्छी बात नहीं है इसलिए “बॉस” ने नरेश को बताना जरूरी समझा “बॉस” ने बताया कि जब मैं ऑफिस से घर जाता हूं तो मेरे रास्ते में दो रास्ते ऐसे दिखाई देते हैं जिनसे घर पहुंचा जा सकता है लेकिन उनमें से एक छोटा रास्ता है जो थोड़ा सा खराब है उसी रास्ते से मैं घर जाता हूं उससे मुझे 10 मिनट घर जाने में लगती है लेकिन जब भी मैं उस रास्ते से घर जाता हूं तभी मेरी गाड़ी एक जगह पर जाकर रुक जाती है
लेकिन मुझे यह समझ में नहीं आता कि हर रोज ऐसा क्यों होता है शुरु शुरु में तो मुझे कुछ भी यकीन नहीं हो रहा था कि ऐसा क्यों हो रहा लेकिन अब मुझे थोड़ा अलग नजर आ रहा है क्योंकि ऐसा हो कैसे सकता है मैं समझ नहीं पा रहा हूं तुम्हें मेरी बात कुछ अजीब लग रही होंगी लेकिन यही बात सच है इसलिए मैं आप लोगों को कुछ भी बताना नहीं चाह रहा था नरेश ने कहा कि जब आप घर जाएंगे तो आज मैं आपके साथ आपके घर जाता हूं देखता हूं किस रास्ते पर क्या हो सकता है तभी बॉस ने कहा कि ठीक है हम शाम को साथ में चलेंगे
जब शाम हुई तो साथ में गाड़ी में बैठ कर जाने लगे और तभी गाड़ी उस जगह पर जाकर रुक गई नरेश गाड़ी से उतर कर देखने लगे नरेश ने चारों ओर देखा लेकिन उसे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था तभी नरेश की नजर दूसरी ओर गई जहां पर अजीब सा दिखाई दे रहा था ऐसा लगता था कि कोई खड़ा है लेकिन वह कौन हो सकता है नरेश उसकी ओर जाने लगा उसने कहा कि तुम कहां जा रहे हो नरेश ने कहा कि मुझे ऐसा लगता है यहां पर कोई है लेकिन बॉस को कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था क्योंकि उन्होंने किसी को नहीं देखा था जब नरेश उस जगह पर पहुंचा तो वहां पर कोई नहीं था उसे सिर्फ एहसास हो रहा था कि यहां पर कोई है लेकिन कौन है वह,
इस बात को नहीं जानता था नरेश ने कहा कि मुझे ऐसा लगता है यहां पर कुछ अजीब घटनाएं होती हैं इसलिए आपको यहां से कभी नहीं आना चाहिए आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है लेकिन आप अगर यहां से जाते हैं तो हो सकता है यह समस्या ज्यादा बढ़ जाए इसलिए आपको जाने के लिए दूसरा रास्ता ही लेना हो चाहिए नरेश की बात सुनकर बॉक्स भी कुछ हद तक समझ रहे थे कि हमें उस रास्ते से नहीं जाना चाहिए जिससे मैं परेशानी का सामना होता लेकिन ऐसा क्यों हो रहा है वह भी इस बात को नहीं जानते थे
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उस दिन के बाद वह कभी भी इस रास्ते से नहीं गए हो और वह जाने में दूसरा रास्ता ही लेते थे जिससे कि उन्हें परेशानी का सामना नहीं करना पड़ रहा था नरेश घर आए और घर पर जाकर अपने घर पर यह बात बताए बॉस के साथ कुछ अजीब हो रहा था मैं “बॉस” के साथ गया और देखा कि उस रास्ते पर कुछ अजीब होता है उस रास्ते से जाने में हमेशा खतरा महसूस होता है मुझे ऐसा लगता है कि वहां पर कोई था क्योंकि मैंने भी एक परछाई को देखा था वह आदमी नहीं था क्योंकि किसी की भी आवाज मुझे वहां पर नहीं सुनाई दी थी यह सुनने में थोड़ा अजीब लगता है लेकिन ऐसा हो रहा था उस दिन के बाद “बॉस” के साथ ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था और जीवन की परेशानी भी दूर हो चुकी थी
जब तक हम किसी को अपनी परेशानी नहीं बताते हैं तब तक उसका समाधान होना बहुत ही मुश्किल होता है अगर हम अपनी परेशानी किसी के साथ शेयर करते हैं तो इससे हमारी परेशानी भी दूर हो सकती है जीवन में बहुत सारी ऐसी घटनाएं होती हैं जिनके बारे में हमें बिल्कुल भी पता नहीं होता लेकिन हमें उनसे सावधान हो जाना चाहिए क्योंकि पता नहीं वह हमारे लिए कब खतरा बन जाए. अगर आपको यह एक बॉस की हिंदी कहानी, (boss ki hindi story) कहानी पसंद आयी है तो आप इसे शेयर जरूर करे और कमेंट करके हमे भी बताये,
वह घर अब नज़र नहीं आता है हिंदी कहानी :- Boss ki hindi story
“बॉस” के कहने से उस दिन में काम से चला गया था, उन्होंने किसी काम से भेजा था मगर मुझे नहीं पता था, कोई भी परेशानी आ सकती है, उस काम की वजह से मुझे किसी के घर जाना था, लेकिन उसका घर बहुत मुश्किल से मिल रहा था, क्योकि वह बिलकुल अलग बना हुआ था, जब घर के पास गया तो देखा की कोई भी नहीं है, क्योकि बाहर ताला लगा हुआ है, यह कैसे हो गया था, आज में उससे मिलने आया था,
लेकिन यहां पर कोई भी नहीं है, यह कैसे हो सकता है, अब पता है क्या होगा क्योकि “बॉस” को फिर जवाब देना होगा, वह कल मुझे फिर से यहां पर भेज सकते है, अब क्या किया जाए, उस घर के पीछे से कोई आवाज आ रही थी, यह कौन है, जिसकी आवाज आ रही है यह देखने के लिए घर कैसे पीछे गया तो कोई भी नहीं था, मगर आवाज तो आ रही है, कभी घर के सामने से आती है, कभी पीछे से आती है, शाम हो गयी है, अब मुझे यहां से जाना ही होगा, क्योकि यहां पर रुकना मुझे ठीक नहीं लग रहा था, यह घर बिलकुल अलग था,
इस घर के पास कोई भी अन्य घर नहीं था, इसलिए यहां पर कुछ अजीब लग रहा था, जैसे चलने को हुआ तो एक आवाज आती है, रुक जाओ, यह सुनकर मेने पीछे देखा मगर कोई नहीं था, अब दिमाग में कोई और सवाल नहीं था यही लग रहा था की यहां पर भूत हो सकते है, इसलिए मुझे जो सही लग रहा था, वह था यहां से जाने में ही अच्छा होगा, यहां कोई नज़र नहीं आता है, मगर बाते सुनाई देती है, यह “बॉस” ने कहा पर मुझे भेज दिया है, उसके बाद में वहा से बाहर आ गया था,
उस दिन के बाद उस जगह पर नहीं गया था, लेकिन एक दिन जब “बॉस” ने उस बारे में पूछा तो उन्हें सब कुछ बता दिया था, मगर वह कहने लगे की तुम गलत घर में गए हो जबकि वह घर तो सभी घर के पास बना हुआ है, उनकी बाते सुनकर कुछ समझ नहीं आया था, यह कैसे हो गया था, जब यह बात सुनी तो यकीन नहीं हुआ था, इसलिए उस घर को देखने गया था, उस जगह पर कोई घर नहीं था, जो उस दिन देखा था, कुछ समझ नहीं आ रहा था, यह कैसे हुआ था, मगर आज भी उस बात से डर लगता है,
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