Bhuto ki kahani | Ghost story hindi
Bhuto ki kahani, मेरा नाम योगेश है और मैं राजस्थान का रहने वाला हु और बीए क्लास का स्टूडेंट हु. मुझे हॉरर मूवी देखना बहुत ही अच्छा लगता है. जब भी मुझे मौका मिलता है में हॉरर या भूतिया मूवी देखने लग जाता हु. मैं सारी हॉरर मूवी रात के समय ही देखता हु. एक दिन की बात है
दिमाग की उपज एक कहानी :- Bhuto ki kahani
जब मैं कॉलेज से वापिस घर आया तो मेरे परिवार के सभी लोग घर से बहार घूमने जाने के लिए तैयार थे. बस मैं ही नहीं जा सकता था क्युकि मेरे कॉलेज के एग्जाम स्टार्ट होने वाले थे. लेकिन उनके घर से बहार जाने की बात सुनकर मैं बहुत ही खुश हो गया था , क्युकि अब मुझे मौका मिलने वाला था की मैं रात भर मूवी देख सकता हु.
मुझे अच्छे से याद है की जब वो सब लोग चले गए तो उस रात बहुत ही ठंडी हवा चल रही थी क्युकि वो नवंबर का महीना था. हलकी सी रात को बारिश भी स्टार्ट हो गयी थी. और मैंने हॉरर मूवी स्टार्ट कर दी थी. मूवी का नाम था “हवेली का शैतान”. रात के लगभग 11 बज गए थे जब मैंने मूवी देखना शुरू किया. मैंने कमरे मैं अँधेरा कर लिया था और मूवी स्टार्ट कर दी थी. मूवी बहुत ही अच्छी थी ऐसा मेरे दोस्तों ने मुझे बताया था. मूवी मैं दिखाया जा रहा था की किस तरहे से हवेली का भूत सभी लोगो को मरता है और उनका खून पी जाता है.
मुझे बहुत डर लग रहा था. लेकिन मैं फिर भी मूवी देखने मैं लगा हुआ था. क्युकि मुझे भूत की मूवी देखना अच्छा लगता है. मूवी ख़तम होते होते रात के 2 बज चुके थे. मैं अब सोने की तैयारी ही कर रहा था की मुझे कुछ आवाज सुनाई दी मुझे ऐसा लगा की शायद कोई घर मैं घुम्म रहा है. अचानक से लाइट जा चुकी थी. घर का इन्वर्टर भी काम नहीं कर रहा था. तो मैंने मोमबत्ती ही जला ली लेकिन उससे भी कुछ खास रौशनी नहीं हो पा रही थी और बाहर बारिश अपने जोरो पर थी और साथ ही बिजली भी कड़क रही थी.
खिड़की दरवाजे ऐसे आवाज कर रहे थे की मानो उन्हें कोई ज़ोर ज़ोर से मार रहा हो. मैंने खिड़की बंद करने के लिए गया तो मुझे कमरे की दिवार पर एक साया सा नज़र आया, मैं पीछे मुदा तो देखा की कुछ भी नहीं था. एक दम से खिड़की के धदमममम की आवाज़ आयी मैं डर गया, फिर मैंने खिड़की बंद की और रूम के सोफे पर जाकर बेथ गया. घर के बाहर लगे पेड़ के पत्तो की आवाज़ भी मुझे आज डरा रही थी. ऐसा लग रहा था की कोई अंदर आ जायेगा और मुझे मार डालेगा.
मुझे बहुत तेज़ प्यास लग रही थी लेकिन मेरी बिलकुल भी हिम्मत नहीं हो रही थी की मैं किचिन तक जाओ और पानी पी स्कू. मैंने वही पर बैठा सुबह होने का इंतज़ार कर रहा था. की तभी मुझे किचिन से गिलास गिरने की आवाज़ सुनाई दी , मैं किचिन की और चला ही की मुझे फिर से दिवार पर एक साया नज़र आया तो मैं एक दम से किचिन की और भगा.
bhuto ki kahani, देखता क्या हु की एक बिल्ली किचिन मैं थी , जिससे ग्लास गिरा था. तब मेरी साँस मैं साँस आयी और मैंने तभी पानी पी लिया. तब मैंने अपने ठन्डे दिमाग से सोचा की ये सब एक वेहम है जो की मेरी भोटिया मूवी देखने से उत्पन्न हुआ है. ऐसा कुछ नहीं होता है की भूत आ जाए. तब मैं रात भर आराम से सोया और सुबह मैं तरोताज़ा होक उठा और अपने कॉलेज चले गया.
भूत होने का वहम हिंदी कहानी :- bhuto ki kahani
कभी कभी हम जैसा सोचते है वैसा होता नहीं है, यह कहानी भी कुछ ऐसी ही है, हर रोज की तरह वह आज भी अपने काम से आ रहा था, रात का समय हो रहा था, वह सोच रहा था आज उसे आए में बहुत देर हो गयी है, इसलिए वह उस रास्ते से आ रहा था जिसके बारे में बताया जाता है की उस रात में भूत होते है मगर उसने कभी भूत देखा नहीं था, इसलिए उसे यकीन नहीं था, वह उस रास्ते से घर जाने लगता है,
वह एक सायकिल से अपने घर से आता था आज भी वह सायकिल से ही घर आ रहा था, रास्ते में में उसे कुछ आवाज आती है, यह आवाज कुछ अजीब लग रही थी, जैसे किसी पायल की आवाज हो, वह अब उन सभी बातो को सोचने लगता है, जोकि उसके सामने होती थी, वह उस भूत के बारे में ख्याल करता है, जिसके बारे में लोग बाते करते थे आज उसे भी ऐसा ही लग रहा था, कोई तो है, जब वह सायकिल से चलने लगता है उसका पीछा करता है मगर वह नज़र नहीं आ रहा था, यह डर और भी बढ़ रहा था,
वह अब उस भूत के बारे में सोच चुका था, अब उसके मन में वही भूत के ख्याल आने लगते है, वह अपनी सायकिल को बहुत तेज चलाता है, मगर वह पायल की आवाज बहुत अधिक बढ़ जाती है, ऐसा लग रहा था, की वह जैसे जैसे तेज चल रहा है, वह आवाज भी तेज होती है, क्योकि कोई उसका पीछा कर रहा है, आज वह इस रास्ते से आ गया था, आज उसे वह अहसास भी हो गया था, यहां पर कोई भूत जरूर है, जो लोग कहते है वह सच ही कहते है, वह जल्दी से यहां से बाहर जाना चाहता था,
वह आदमी घर पहुंच गया था, वह अपनी माता के पास जाता है, वह कहता है की अजा मुझे लग रहा है की भूत होते है क्योकि आज मेने वह आवाज सुनी थी, जिसके बारे में मुझे लगता है की भूत होते है माता कहती है, की क्या बात है, मुझे पूरी बात बताओ जब माता से उस आदमी ने अपनी बात कहि तो उन्हें यकीन नहीं हो रहा था, क्योकि लोग तो कुछ भी कहते है तभी वह आदमी कहता है की मुझे जो आवाज आयी थी, वह कहा से थी, अगर आप कहती हो की भूत नहीं है,
bhuto ki kahani, Ghost story hindi, उसके बाद माता कहती है, की वह देखि सायकिल के पीछे पायल बंधी हुई है, वह उसकी आवाज थी, आज वह आदमी समझ गया था सिर्फ एक वहम ने ही उसे बहुत अधिक डरा दिया था, अगर वह आज भूत के बारे में न सोचता तो शायद वह डरता नहीं, कभी कभी हमे जो वहम हो जाता है वह सच नहीं होता है, अगर आपको यह कहानी पसंद आयी है, शेयर करे,
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