Hindi bal story
ऊंट और सियार की कहानी, hindi bal story, kahani kids, एक जंगल में ऊंट और सियार दोनों रहते थे दोनों में अच्छे दोस्ती थी दोनों एक दूसरे से खूब बातें करते थे जंगल में एक नदी थी नदी के उस पार एक तरबूज का खेत था सोनू नदी को पार करके तरबूज खाने जाते थे.
ऊंट और सियार की कहानी :- Hindi bal story
नदी में पानी ज्यादा था इसीलिए “ऊंट” सियार को अपनी पीठ पर बिठाकर नदी पार करता था सियार को एक आदत थी वह कुछ भी खाने के बाद उसे पचाने के लिए जोर जोर से आवाजें करता था इसलिए “ऊंट” उसे हमेशा कहता था कि तुम खेत में ही जोर जोर से आवाज मत करना नहीं तो खेत का मालिक जाग जाएगा और हम दोनों की पिटाई होगी.एक दिन दोनों तरबूज खाने के लिए गए सियार ने बहुत ज्यादा खा लिए और कहने लगा अब तो मैं इन्हें पचाने के लिए जोर जोर से आवाज करूंगा “ऊंट” ने कहा नहीं खेत का मालिक जाग जाएगा और बहुत पिटाई करेगा
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Because तुम तो तेज भाग जाओगे पर मैं तो तेज नहीं भाग सकता यार “ऊंट” ने बात नहीं सुनी और तरबूज खाने के बाद जोर जोर से आवाज करने लगा आवाज सुनकर खेत का मालिक आ गया सियार तो भाग गया पर “ऊंट” की बहुत पिटाई हुई सियार नदी के पास पहुंच गया और उसका इंतजार करने लगा बेचारा “ऊंट” धीरे नदी के पास पहुंचा सियार कहने लगा मुझे मेरी कोई गलती नहीं मुझे तो तरबूज खाने के बाद जोर-जोर से लूटी लूटी आते ही है “ऊंट” कहने लगा चलो मेरी पीठ पर बैठा
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मैं तुम्हें नदी पार कर आता हूं सियार “ऊंट” की पीठ पर बैठ गया जब उठ बीच नदी में पहुंच गया तो कहने लगा मुझे तो बहुत तेज लेटने का मन कर रहा है सियार बोला नहीं अगर तुम लेट गए तो मैं नदी में डूब जाऊंगा “ऊंट” ने कहा मुझे कुछ नही पता “ऊंट” जैसे ही नदी में बैठा सियार नदी में गिर कर डूब गया ऊंट ने कहा जैसे तुमने मेरे साथ किया वैसा ही मैंने तुम्हारे साथ किया इसमें बुरा मानने की कोई बात नहीं है जैसा बीज बोते हैं फल भी हमें वैसा ही मिलता है. ऊंट और सियार की कहानी, hindi bal story, kahani kids, अगर आपको यह कहानी पसंद आयी है तो आप इसे शेयर कर सकते है.
ऊंट और सियार की दोस्ती कहानी : hindi bal story
जब “ऊंट” ने देखा की सियार बहुत दूर से आ रहा है वह “ऊंट” सियार से कहता है की तुम बहुत थके हुए लग रहे हो, सियार कहता है की में अकेला पड़ गया हु, में तुमसे दोस्ती करना चाहता हु, “ऊंट” कहता है की यह तो बहुत अच्छी बात है, सियार से “ऊंट” दोस्ती कर लेता है, अब दोनों उस जगह से सफर पर निकल जाते है, सियार ने आगे के रस्ते को नहीं देखा था वह बिना देखे ही चला जा रहा था. वह सियार कुछ दुरी पर जाकर एक निचे गिर जाता है, यह रास्ता बहुत खराब होता है,
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“ऊंट” कहता है की तुम चिंता न करो में तुम्हारी help कर दूंगा, “ऊंट” उसे निकाल देता है वह सियार कहता है की अगर तुम मेरे साथ में नहीं होते तो बहुत परेशानी होती, but तुम्हारे साथ में होने से बहुत अच्छा है तुमने मुझे बचा लिया है “ऊंट” कहता है की यह कोई भी कहने की बात नहीं है तुम मेरे दोस्त हो इसलिए मेरी मदद तुम्हे जरूर मिलती, इस तरह वह ऊंट के साथ आगे जाता है कुछ दुरी पर जाकर सियार देखता है की “ऊंट” का पैर फंस गया था, जिससे वह चल नहीं पा रहा था
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Hindi bal story | kahani kids, वह “ऊंट” सियार से मदद मांगता है but सियार कहता है की अगर मेने तुम्हारी मदद की तो मुझे बहुत देर हो जाएगी वह ऊंट को छोड़कर चला जाता है अब “ऊंट” को समझ आता है की यह सियार मेरी दोस्ती के काबिल नहीं था फिर भी मेने इससे दोस्ती करके बहुत बड़ी गलती की है, वह “ऊंट” बहुत समय के बाद निकल जाता है but वह सियरा पर कभी भी भरोसा नहीं करेगा जीवन में सभी पर भरोसा बहुत ध्यान से करना चाहिए अगर आपको यह Hindi bal story पसंद आयी है तो शेयर करे.
ऊट की बीमारी की हिंदी कहानी :- Hindi bal story
वह लड़का देखता है कि “ऊट” बहुत ही बीमार लग रहा है “ऊट” के पास जाता है और देखता है कि ऊट को क्या समस्या है तभी उसे पता चलता है कि “ऊट” की तबीयत बहुत ज्यादा खराब हो गई है वह लड़का “ऊट” की मदद करना चाहता है इसलिए वह उसे अपने घर ले जाने की कोशिश करता है उसके पास कोई भी ऊट नहीं था
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जो उसका साथी बन सकता था वह लड़का उस “ऊट” को अपने घर लेकर जाता है वह लड़का उसका इलाज करवाने की कोशिश करता है कुछ देर बाद “ऊट” ठीक हो जाता है वह सोचता है कि यह “ऊट” मेरा साथी बन गया है मुझे इस ऊट को अपने पास ही रखना चाहिए अगर मैं इसे छोड़ दूंगा तो हो सकता है कि कोई से लेकर चला जाए इसलिए वह ऊट अपने पास ही रखता है वह ऊंट का बहुत ध्यान रखता है और खाने के लिए भी देता है जिससे तबीयत दोबारा खराब ना हो जाए
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इस तरह वह “ऊट” उसके साथ ही रहता है एक दिन वह ऊंट को लेकर बाजार की तरफ जाता है क्योंकि उसे कुछ सामान लाना था वह बाजार से बहुत सारा सामान खरीदता है वह लड़का देखता है की एक आदमी उस “ऊट” खोल कर ले जा रहा है यह देखकर वह लड़का उसके पास जाता है और कहता है कि यह मेरा “ऊट” है लेकिन वह आदमी कहता है कि यह मेरा “ऊट” है इसके गले में जो घंटी है यह मैंने ही लगाई है लड़के को अब समझ में आ जाता है कि यह ऊट उस आदमी का हो सकता है
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लेकिन उस आदमी ने “ऊट” को क्यों छोड़ दिया है शायद यही कारण होगा कि वह बीमार है और इसलिए उसने उसे छोड़ दिया था वह लड़का कहता है कि अब तुम्हारा “ऊट” पर कोई हक नहीं है तुमने इसे बीमारी की अवस्था में छोड़ दिया था जबकि तुम्हें इसका ख्याल रखना चाहिए था इस तरह बहुत सारे लोग वहां पर आ गए और वह भी उनकी बातें सुनने लगे क्योंकि झगड़ा बहुत अधिक बढ़ गया था तभी लोगों ने उनकी बातों को ध्यान से सुना अब फैसला यह था कि वह “ऊट” किसके पास रहेगा
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कुछ लोग कहते हैं ऊट उसके पास ही रहना चाहिए जिसका वह “ऊट” है और कुछ लोग कहते हैं कि जिसने उसकी बीमारी को दूर किया है उसके पास ही रहना चाहिए लेकिन यह कोई भी निर्णय नहीं ले पा रहा था कि उसके पास रहना चाहिए तभी सभी ने सोचा कि हमें “ऊट” से इस बारे में पूछ लेना चाहिए कि वह किस के पास रह सकता है सभी लोग ऊट को खाली छोड़ देते हैं और दोनों मालिक को दूर कर देते हैं जिसके पास भी वह ऊट जाएगा उसी का हो जाएगा यह देखकर और सोचने लगता है और कुछ देर बाद “ऊट” उस लड़के के पास चला जाता है
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क्योंकि उसने उसकी बीमारी में सहायता की थी वह “ऊट” उसी का अपना मालिक समझता है इस तरह फैसला हो जाता है कि उस लड़के का ही ऊट है क्योंकि उसने उसकी बीमारी में सहायता की थी जबकि उस आदमी ने उस “ऊट” को “बीमारी” की अवस्था में छोड़ दिया था फैसला हो चुका था कि उस लड़के का ही “ऊट” है और “ऊट” लड़के के साथ ही वापस चला जाता है यह कहानी हमें यह बात कहती है कि जीवन में परेशानी आने पर किसी को भी छोड़ना नहीं चाहिए चाहे कितनी भी मुसीबत आ जाए हमें साथ में रहना चाहिए जो मुसीबत में साथ देता है असली साथी वही होता है अगर आप Hindi bal story, kahani kids पसंद आई है तो आगे भी शेयर करें कमेंट करके हमें बताएं
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