कश्मीरी सेब की कहानी, story in hindi

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कश्मीरी सेब की कहानी, story in hindi, hindi stories, बाजार से कुछ भी खरीदते समय हमें ध्यान रखना चाहिए अगर हमारी थोड़ी सी भी भूल हुई तो सामने वाला हमें धोखा देने से नहीं चुकेगा

कश्मीरी सेब की हिंदी कहानी : story in hindi

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story in hindi, अगर हम ध्यान रखेंगे तो सामने वाला हमसे बेईमानी नहीं करेगा ऐसी ही सावधानी एक गांव में रहने वाले रमेश में सामान खरीदते समय बरती. रमेश एक गांव में रहता था वह किसान था  उसके बहुत सारी गाय,  भैंस का दूध वह शहर देने जाया करता था और वहां से जो पैसे मिलते थे उसी से उसका  घर चलता था एक दिन वह दूध देने शहर गया शहर से जो पैसे मिले तो उसने सोचा कुछ सामान खरीद लूं रास्ते में एक  दुकान पर बहुत अच्छे गुलाबी और सुंदर सेब  थे, “story in hindi”

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उसे देखकर उसका जी ललचा उठा उसने सोचा यहां सेब में विटामिन और प्रोटीन की चीजें खाते हैं हमारे गांव में कोई टमाटर नहीं खाता था पर आज सब टमाटर खाते हैं और गाजर तो पहले गरीबों के लिए होती थी but और अमीर तो उसका हलवा खाते थे but आजकल गाजरों को भी पेट भरने के लिए खाया जाता है Because सभी विटामिन और प्रोटीन के चक्कर में पड़ने लगे हैं डॉक्टर बता दे तो हम कड़वे नीम को भी खाने के लिए तैयार हो जाए तो फिर यह तो मजेदार लाल लाल सेब है क्यों ना मैं भी थोड़े से सेव घर के लिए ले लूं

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रमेश दुकानदार के पास गया उसने दुकानदार से कहा सेब कैसे दिए हैं मुझे भी थोड़े से सेब दे दो दुकानदार ने का बाबूजी बड़े मजेदार सेब हैं कश्मीर से आए हैं आप ले जाइए खुश हो जाएंगे मैंने उसे रुमाल दे दिया उसने चुन चुन कर सेब रुमाल में बांधकर मुझे दे दिए और मैंने उसे 4:00 आने दे दिए, घर आकर लिफाफा जैसा का वैसा रख दिया Because शाम हो गई थी और शाम को कोई फल नहीं खाता सुबह उठकर हाथ मुंह धो कर नाश्ते के लिए जब मैंने एक सेब निकाला तो वह सड़ा हुआ था एक रूपए के आकार का छिलका गला था दूसरा निकाला वह भी सड़ा तीसरा चौथा चारों सेब सड़े हुए निकले चार आने पैसे तो बेकार गए हैं और इस बात का भी दुख हुआ कि दुकानदार ने मेरे साथ धोखा किया है

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एक सेब गला होता तो चल जाता पर उसने तो सारे के सारे सेब सड़े हुए दे दिए रमेश ने सोचा शायद दुकानदार मुझे देखकर सीधा-साधा समझने लग गया होगा सोचा होगा यह नहीं लड़ेगा तो उसने मेरे साथ इतना बड़ा धोखा कर दिया, रमेश को याद आया कि एक बार मेले में उसने एक रेवड़ी ली थी रेवड़ी एक रुपए की थी और उसने एक की जगह अठन्नी दी थी घर आकर जब उसे अपनी भूल का एहसास हुआ तो वह वापस वहां गया वह दुकान वाले को बाकी पैसे ले ले लिए दुकानदार बड़ा खुश हुआ पर इस बार ऐसा नहीं होने वाला था Because सेव वाला उसे दोबारा सेव नहीं देने वाला था अगर हम थोड़ी सी सावधानी बरतें तो कोई हमें धोखा नहीं देगा इस संसार में कदम कदम पर धोखा है अगर हम धोखा खाएंगे तो सामने वाला हमें धोखा ही देगा

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story in hindi, hindi stories, story of hindi, but अगर हम थोड़ा सा अकल से काम लेंगे तो हम इस धोखे से बच जाएंगे उस घटना के बाद से रमेश जो कुछ भी लेता उसे अच्छी तरह देख लेता और तभी उसे लेता था उसे समझ में आ गया था कि एक बार धोखा खाकर दोबारा नहीं खाएगा. कश्मीरी सेब की कहानी अगर आपको यह कहानी पसंद आयी है तो आगे भी शेयर जरूर करे और कमेंट करके हमे भी बताये,

 

फल बेचने वाले की हिंदी कहानी : Hindi stories

एक आदमी फल बेचा करता था वह बहुत ही मुश्किल से फल लाया करता था क्योंकि उसके सामने बहुत सारी समस्याएं आया करती थी उसके बाद ही उन पलों को प्राप्त करता था जिसके बाद में उन्हें बेचने के लिए निकल जाए जाया करता था वह जानता था कि अगर मैंने यह काम नहीं किया तो इससे मेरे सामने समस्या जाएगी और मेरे खाने के लिए भी बहुत ही परेशानी का सामना करना पड़ सकता है

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मेरा परिवार बड़ी मुश्किल से चल रहा था इसी वजह से वह सोच कर इस काम को कर रहा था वह फल बेचने के लिए दूर दूर तक जाता था कभी-कभी उस आदमी को वापस आने में बहुत समय लग जाया करता था क्योंकि वह उन फलों को बहुत दूर तक बेचा करता था जिससे कि उसका काम चलता है उसका परिवार इस बात को जानता था कि बहुत मेहनत कर रहा है 1 दिन उस आदमी के पास एक लड़का आता है उसे बहुत भूख लगी थी वह उससे फल लेने के लिए कोशिश करता है

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वह आदमी से कहता है कि मेरे पास पैसे नहीं है अगर मुझे खाने को कुछ मिल जाए तो बहुत अच्छा होगा क्योंकि मुझे बहुत अधिक भूख लगी है वह आदमी उस लड़के को फल दे देता है जानता है कि अगर उसे भूख लग रही है तो उसे कैसा महसूस हो रहा होगा उसकी मदद कर देता है उसकी मदद करते हुए देख एक आदमी खड़ा हुआ उसे देखता है और सोचता है कि बहुत गरीब है फिर भी उसने उसे खाने के लिए दे दिया जबकि अमीर आदमी किसी की मदद करने के लिए तैयार नहीं होता है

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but यह तो पहले से ही गरीब है इसके पास कुछ भी नहीं है फिर भी उसने उस लड़के की मदद की थी वह आदमी फल बेचने वाले के पास आता है और कहता है कि तुमने उस लड़के को फल दे दिए हैं इससे तो तुम्हें बहुत नुकसान हो सकता है फल बेचने वाला कहता है कि मेरा नुकसान और फायदा एक अलग बात है but वह लड़का बहुत ही भूखा है और उसकी भूख दूर करने के लिए मैंने कुछ फल उसे दिए हैं नुकसान और फायदे के बारे में नहीं सोचना चाहिए बल्कि यह सोचना चाहिए कि वह लड़का बहुत भूखा है

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उसकी भूख दूर करना ही मेरा सबसे पहला कर्म है उस फल बेचने वाले की बात सुनकर वह आदमी सोचने लगता है कि अगर इंसान इसकी तरह ही बन जाए तो शायद इस दुनिया में कोई भी भूखा ना रहे अगर आपको यह फल बेचने वाले की हिंदी कहानी पसंद आयी है तो शेयर करें कमेंट करके हमें बताएं 

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