तेनालीराम और सोने की गुफा, tenaliram ki kahani

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Tenaliram ki kahani

तेनालीराम और सोने की गुफा, tenaliram ki kahani, tenali raman ki kahaniya hindi, तेनालीराम को आज नींद नहीं आ रही थी वह बहुत ही उदास नजर आ रहे थे उन्हें पता नहीं किस बात की उदासी थी.

तेनालीराम और सोने की गुफा :- Tenaliram ki kahani

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tenaliram ki kahani

इसलिए वह सोचते हुए ही अपनी नींद से जाग गए थे तेनाली रमन रात के समय टहल रहे थे उन्हें नींद नहीं आ रही थी तभी उन्होंने एक आदमी को भागते हुए देखा वह यह सोच रहे थे कि वह भाग क्यों रहा है तेनाली रमन ने उसे भागते भी देखा और तेनालीरमन सोच रहे थे कि मुझे पता करना चाहिए कि यह कहां भागा जा रहा है तभी तेनाली रमन उसके पीछे पीछे जा रहे थे जब तेनाली रमन पीछे जा रहे थे यही सोच रहे थे कि आदमी किस जगह जा रहा है मुझे बहुत ही सावधान होकर चलना चाहिए अगर इस आदमी ने मुझे देख लिया तो उसे शक हो सकता है

उस पोटली में क्या था :-

वह आदमी भागता हुआ एक गुफा के पास पहुंचा और उस गुफा के अंदर चला गया

तेनाली रमन बाहर ही खड़े थे क्योंकि वह नहीं जानते थे कि उस गुफा में ऐसा क्या है

जो कि यह आदमी उसके अंदर चला गया है कुछ देर बाद में आदमी बाहर निकला

उसके हाथ में पोटली थी उस पोटली में क्या था तेनाली रमन बिल्कुल भी नहीं जानते थे

इसलिए वह छुप गए और उस आदमी को देखते रहे कि वह कहां जा रहा है

तेनाली रमन ने देखा कि वह तो वापिस चला गया है अब मुझे गुफा में जाकर देखना चाहिए कि

वह उस जगह से क्या लेकर आया है

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तेनाली रमन उस गुफा की और बढ़ने लगे थे और जब उस गुफा के पास पहुंचे तो देखा कि

अंदर रोशनी जल रही है बहुत ही सावधानी से इस गुफा की ओर जा रहे थे

तेनाली रमन को लग रहा था कि अगर कोई गुफा के अंदर पहले से ही मौजूद है

तो वह मुझे पकड़ सकता है इसलिए मुझे बहुत ही सावधानी से अंदर जाना चाहिए

तेनाली रमन बहुत सावधानी से अंदर जा रहे थे जब तेनाली रमन गुफा के अंदर चले गए तो

उन्होंने देखा कि यह रोशनी दीवार के पास जल रही है

लेकिन और कुछ भी तो नजर नहीं आ रहा है

धन छुपाता था :-

इसलिए उस रोशनी को लेकर आगे की ओर बढ़ने लगे तेनाली रमन जब गुफा के बहुत आगे चले गए तो उन्होंने एक बहुत बड़ा कपड़ा देखा जो कि रखा हुआ था उस कपडे को उठा कर देखा तो वहां पर बहुत ही सोने की मुद्राएं और सोने के गहने नजर आ रहे थे इसका मतलब है यह चोर हो सकता है जो यहां पर अपना धन छुपाता था होगा तेनालीराम को सब कुछ समझ में आ गया था कि वह चोर है और उसकी खबर मुझे राजा को देनी चाहिए जिससे कि यहां पर छुपा हुआ धन राजा प्राप्त कर सकें और उस चोर को सजा सुना सके

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यही सोच कर वह वापस चले गए लेकिन अभी भी रात हो रही थी तेनालीराम महल में नहीं जा सकते थे इसलिए वह अपने घर चले गए मगर उनके दिमाग में यह सवाल चल रहा था कि कहीं वह चोर सारा धन वहां से लेकर ना चला जाए इसलिए मुझे बहुत ही जल्दी करना होगा सुबह का इंतजार तेनालीराम को बहुत ज्यादा भारी पड़ रहा था क्योंकि वह सोच रहे थे कि उससे पहले की चोर वहां से सारा धन ले जाए मुझे उसे पकड़ पाना होगा नहीं तो यह बात यहीं पर रह जाएगी

राजगुरु भी आ गए :-

सुबह हो चुकी थी और तेनाली रमन महल की ओर जा रहे थे क्योंकि राजा को यह बात बताना बहुत ही जरूरी थी कि गुफा में बहुत सारा सोना रखा है जो कि चोरी का हो सकता है तेनालीराम महल पहुंच चुके थे और राजा से मुलाकात कर रहे थे जब राजा आए तो उन्होंने कहा कि आज सुबह सुबह आप बहुत ही जल्दी आ गए हैं ऐसी क्या बात है जो आपको सुबह सुबह आना हो पड़ा तभी राजगुरु भी आ गए और कहने लगे कि तेनालीराम आज बहुत जल्दी आ गए हैं

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तो इसका मतलब है जरूर कुछ ऐसी बात से लेकर आए हैं जो हमारे लिए बहुत ही उपयोगी साबित हो सकती है तेनालीराम कहने लगे कि बहुत ही उपयोगी बात है क्योंकि यह राजा के लिए जानना बहुत जरूरी है कि गुफा के अंदर बहुत सारा धन रखा हुआ है मुझे ऐसा लगता है कि वह सारा धन चुराया गया है इसलिए उस चोर को भी वहीं पर पकड़ा जा सकता है राजा ने कहा कि गुफा में इतना सारा धन क्या कर रहा है तभी तेनालीराम ने कहा कि हो सकता है वह चोर ने छुपाया होगा

राज्य का भला :- 

राजगुरु यह सोच रहे थे कि तेनालीराम बहुत ही बेवकूफ आदमी है जो कि राजा को यह खबर देने आया है जबकि अगर मैं होता तो वही सही सारा धन लेकर अपने घर चला जाता लेकिन इतना भी तेनालीराम को कोई समझा नहीं सकता कि अपना दिमाग सही ढंग से चलाना चाहिए राजा ने कहा कि अगर वह बहुत सारा है तो इससे राज्य का बहुत भला हो सकता है और हो सकता है कि राज्य का धन वह चोर चोरी करके छुपा रहा हमें जल्दी सैनिक भेजने होंगे और मुझे भी साथ चलना होगा देखना होगा कि वहां पर क्या रखा हुआ है

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उसके बाद तेनालीराम राजगुरु और राजा और बहुत सारे सैनिक उस गुफा की ओर बढ़ने लगे जब वह गुफा के पास पहुंचे तो सभी लोग अंदर चले गए लेकिन वहां पर चोर नहीं था धन भी रखा हुआ था राजा ने सैनिकों से कहा कि यह सारा धन लेकर महल की ओर चलो और हमें उस चोर को भी पकड़ना होगा तभी तेनालीराम ने कहा कि हमें अभी नहीं जाना चाहिए हो सकता है कि वह चोर यहां पर आ जाए और हमें देख कर भाग जाए इसलिए हमें यहीं पर छुप जाना चाहिए जब चोर आएगा तो उसे भी पकड़ा जा सकता

गुफा के अंदर :-

राजा ने कहा कि यह भी ठीक योजनाएं है हमें इंतजार करना होगा तो काफी देर इंतजार किया था चोर वहां पर आ गया था और जैसे ही चोर गुफा के अंदर आया सैनिकों ने चोर को पकड़ लिया और सभी लोग महल की ओर जाने लगे जब सभी लोग महल पहुंच गए तो राजा ने उससे पूछा कि तुमने यह सारा धन कहां से लिया है तभी चोर कहने लगा कि यह धन मैंने नगर के लोगों के पास से चुराया है

तेनाली रमन को धन्यवाद :-

इसलिए राजा ने उसे सजा दी और सारा धन नगर के वासियों को वापस करने का निर्णय लिया उसके बाद राजा ने तेनाली रमन को धन्यवाद दिया और कहा कि तुम्हारी वजह से ही राज्य का भला हो पाया है तेनालीराम ने कहा कि यह तो मेरा करम है जो कि राजा के प्रति मुझे हमेशा करना चाहिए, तेनालीराम और सोने की गुफा, tenaliram ki kahani, tenali raman ki kahaniya hindi, अगर आपको यह कहानी पसंद आए तो आगे भी शेयर करें कमेंट करके हमें भी बताएं.

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