Story in hindi for good moral
Story in hindi, एक गांव में नांव से ही जाने का रास्ता था सभी लोग जब दूसरे गांव में जाते थे तो नांव का ही सहारा लिया जाता था बगरे नांव के दूसरे गांव में जाना नामुक्किन था एक दिन एक साधु दूसरे गांव में जा रहे थे कुछ लोग भी नांव में बैठे थे और बाते कर रहे थे
साधू की बात दो बातें हिंदी में कहानी :- story in hindi
उन लोगो में से एक आदमी ने साधु जी से पूछा की आप तो बहुत ही ज्ञानी लगते हो, आपने तो बहुत ज्ञान प्राप्त कर रखा है, महाराज जी कुछ ऐसी बात बताये की हमे पता चल पाए की भगवान् है साधु महाराज ने पूछा की आपको यकीन नहीं है की भगवान् है उसमे से एक आदमी ने कहा नहीं ऐसी बात नहीं है पर हमने कभी देखा नहीं है इसलिए पूछ रहे है,
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साधु जी मुस्कराये और पूछा की आपको हवा दिखाई देती है उन सभी ने कहा नहीं महाराज हमे तो दिखाई नहीं देती है, फिर साधु महराज ने कहा की क्या हवा हमारे आस-पास है सभी ने कहा हां महाराज है फिर साधु जी ने कहा की तुम मुझे हवा दिखा सकते हो सभी ने मना कर दिया नहीं महाराज, साधु महाराज ने कहा हवा है ये आप जानते है पर दिखा नहीं सकते फिर भी मानते हो की हवा है उसी प्रकार श्रष्टि को चलने वाला दिखाई नहीं देता है फिर भी है इस बात को मानते नहीं हो ऐसा क्यों है सभी लोग इसी सोच में पड़ गए
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साधु महराज ने अगला प्रश्न किया की अगर कोई तुम्हरे एक गाल पर थप्पड़ मरे तो तुम्हे दर्द होगा सभी ने कहा हां महराज बिलकुल होगा फिर साधु महाराज ने पूछा की क्या तुम होने वाले दर्द को दिखा सकते हो सभी ने कहा ऐसा नहीं हो सकता है, फिर साधु महाराज ने कहा की दर्द महसूस तो होगा पर दिखाई नहीं देगा उसी प्रकार भगवान् भी महसूस होते है पर दिखाई नहीं देते है अगर तुम सच्चे मन से मानते हो तो तुम्हे भगवान् महसूस होंगे साधु जी की बात सुनकर सभी लोग साधु के चरण स्पर्श करने लगे,
story in hindi, दोस्तों बहुत सी चीज हमे दिखाई नहीं देती है तो इसका मतलब ये नहीं है की वो नहीं बस थोड़ा सा ध्यान लगाने की देर है सब कुछ दिखाई देने लगेगा अगर आपको यह कहानी पसद आयी हो तो आगे भी शेयर करे और हमे भी बताये,
आदमी का गुस्सा एक मोरल कहानी
एक आदमी बहुत जल्दी गुस्सा हो जाया करता था. उसे बहुत गुस्सा आता था.
जब भी उसे गुस्सा आता था. वह कुछ भी समझता नहीं था. उसकी पत्नी कहती है.
तुम गुस्सा आना पर शांत नहीं रहते हो. जबकि यह समस्या बनता जा रहा है.
जब वह आदमी गुस्से से शांत हो जाया करता था. उसके बाद उसे बहुत अफ़सोस होता था.
क्योकि वह गुस्से में कुछ भी ध्यान नहीं देता था. उसका एक लड़का था. वह भी बहुत छोटा था.
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वह खेल रहा था. वह आदमी अपने काम से वापिस आ रहा था. एक साधु जोकि बहुत थक गए थे. वह आराम कर रहे थे. वह एक पेड़ के पास बैठे थे. वह उस लड़के को देखते है. जोकि खेल रहा था. उन्हें खेलता देख साधु बहुत खुश हो रहे थे. वह आदमी अपने लड़के को खेलते हुए देखता है. उसे बहुत गुस्सा आता है. वह अपने काम से जब वापिस आ रहा था. उसे तभी से गुस्सा आ रहा था. वह अपने लड़के की पिटाई करता है. क्योकि उसे बहुत गुस्सा आ रहा था.
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वह साधु आते है. उस आदमी से कहते है. तुम यह क्या कर रहे हो. यह लड़का अभी छोटा है. तुम आदमी होकर भी यह काम कर रहे हो. वह आदमी साधु को देखता है. वह कहता है. मुझे बहुत गुस्सा आता है. उसके बाद में कुछ भी कर सकता हु. साधु कहते है. क्या कभी तुमने यह सोचा है. की तुम्हारे गुस्से से किसी को तकलीफ भी हो सकती है. कोई परेशान भी हो सकता है. वह आदमी कहता है. मुझे पता है. लेकिन में कुछ नहीं कर सकता हु.
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उसके बाद वह साधु कहते है.तुम्हे जब भी गुस्सा आता है. तुम्हे वह बातें सोचनी होती है. जो तुम्हे गुस्सा आने पर होती है. शायद उसके बाद तुम अपना गुस्सा कम कर सकते हो. उस दिन की बात वह आदमी सोचता है. अब उसे बहुत कम गुस्सा आता है. जीवन में एक बात हमेशा याद रखनी चाहिए. यह गुस्सा हमारे लिए समस्या लेकर आता है. हमे इससे दूर रहना चाहिए. अगर आपको यह दोनों कहानी, Story in hindi for good moral पसंद आयी है, शेयर करे.
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