stories in hindi
घर बेचने की हिंदी कहानी, (stories in hindi) यह कहानी हमे यही बताती है की जीवन में कितनी भी परेशानी क्यों न आ जाए आपको अपने ऊपर विश्वास रखना चाहिए क्योकि यह हमे आगे बढ़ने में मदद करता है और हम अपने लक्ष्य पर पहुंच जाते है, इसलिए जीवन में कभी भी हार नहीं माननी चाहिए.
घर बेचने की हिंदी कहानी : stories in hindi
दिवाली का त्यौहार अभी आया नहीं था सभी लोग दीवाली के आने की खुशियां मना रहे थे लेकिन उस गांव में एक ऐसा परिवार था जो सब की खुशियों को देख रहा था लेकिन वह अपने लिए कुछ भी नहीं कर पा रहा था उसी परिवार में एक लड़का रहता था जिसका नाम छोटू था छोटू नाम से ही जाना जा सकता है कि वह भी छोटा ही था उसकी उम्र अभी लगभग 12 साल की होगी वह अपने पिताजी से कहने लगा कि सभी लोग दिवाली आने की खुशियां मना रहे हैं और आप कुछ भी नहीं कर रहे हैं
उसके पिताजी ने कहा कि हमारे पास अभी कुछ भी नहीं है जो कि हम अपनी तैयारी में लगा सके हमारे पास इतना धन भी नहीं है उसी शाम को 1 सेठ आया वह सेठ कहने लगा कि तुम ऐसे कब तक रहोगे तुम्हें यह घर बेच देना चाहिए तुम्हारी खेती भी धीरे-धीरे समाप्त हो रही है उसमें भी कुछ भी फसल नहीं हो पा रही है जिससे कि तुम्हारा गुजारा हो सके तुम्हारी खेती लेने के लिए भी कोई तैयार नहीं है क्योंकि उसमें कुछ भी नहीं होता है और कितनी भी मेहनत कर लो उसमें कुछ भी नहीं होगा ऊगा पाते इस से अच्छा है कि तुम अपना घर बेच दो जिससे तुम्हें कुछ पैसे मिल जाएंगे और उन पैसों से तुम शहर जाकर कुछ रोजगार कर लेना
जिससे कि अपने परिवार की सारी समस्याओं को दूर कर सको उस आदमी ने कहा कि मैं यह घर बेचने को तैयार नहीं हो मेरे पास सिर्फ एक ही यही घर रह गया है और मेरे पास कोई भी रहने का ठिकाना नहीं है जिसका प्रयोग मैं कर सकूं अगर मैं इसे बेच दूंगा तो मैं जीवन में क्या कर पाऊंगा सेठ बोला कि मैं तो अपनी राय दे सकता हूं बाकी उसको मानना तुम्हारे ही हाथ में है मैं से ज्यादा कुछ नहीं कह सकता मुझे जो ठीक लगा वह मैंने कह दिया उसके बाद सेठ वहां से चला गया आदमी सोचने लगा कि सेठ अपने फायदे के लिए हमेशा ही तैयार रहता है मैं यह नहीं सोचता कि किसी कितनी जरूरत है वह सेठ अपना फायदा देखता है और अपने फायदे के लिए ही सब कुछ करता है
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12 साल का छोटू यह सब कुछ देख रहा था अब समझ चुका था कि उसके पिता जी क्यों कुछ नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि उनके पास इतना धन नहीं है जिससे कि वह सभी तैयारियां कर सकें छोटू अपने पिताजी के पास आया और कहने लगा कि आप परेशान मत होइए हमें इस चीज की जरूरत नहीं है कि जैसा कि सभी लोग कर रहे हैं अगर हमारे पास कुछ खास नहीं है तो हमें कुछ ज्यादा करने की भी जरूरत नहीं है छोटू की बातें सुनकर उसके पिताजी छोटू की तरफ देखने लगे क्योंकि वह जानते थे कि वह उन्हें सभी प्रकार की खुशियां नहीं दे पा रहे हैं
लेकिन वह कर भी क्या सकते हैं क्योंकि वह मजबूर है उसके बाद छोटू ने पूछा कि हम अपनी फसल को क्यों अच्छा नहीं कर पा रहे हैं उसके पिताजी ने कहा कि वह जमीन अब अच्छी नहीं है उसमें कुछ भी फसल सही तरह से नहीं हो पाती है उसे मैंने बहुत उपजाऊ बनाने की कोशिश की थी लेकिन वह उपजाऊ ही नहीं बन पा रही थी उसके बाद छोटू अपने साथियों के साथ खेलने के लिए चला गया
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किसान की पत्नी अंदर से आए और कहने लगी कि जब सेठ आया था तो तुम उससे यह घर बेच क्यों नहीं देते इससे हमारी समस्याएं भी धीरे-धीरे समाप्त हो जाएंगे लेकिन किसान ने कहा कि हमें ऐसा नहीं करना चाहिए एक घर है हमारे पास और एक छोटी सी खेती है जिसके सहारे हम यहां पर जी रहे हैं अगर यह भी हम से चला गया तो हम जीवन में क्या कर पाएंगे और हमें यह उम्मीद भी नहीं है कि अगर हम यहां से चले जाते हैं तो उस जगह पर जाकर हमें कोई काम मिल ही जाएगा यह कोई जरूरी तो नहीं है शायद किसान सच कह रहा था क्योंकि यह जरूरी नहीं होता है कि हमें जब चाहे काम मिल जाए हो सकता मैं काम की तलाश में काफी दिन तक ऐसे ही घूमना पड़े
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अगले दिन सेठ फिर किसान के पास आया और कहने लगा कि मैं तुम्हें आखिरी मौका देता हूं अगर तुम यह घर मुझे बेच दो तो मैं इसकी अच्छी रकम तुम्हें दे सकता हूं अगर तुम्हें मंजूर हो तो मुझे बता दो इसके बाद मैं इस घर को कभी नहीं लूंगा किसान उसकी बातों से समझ गया था कि वह अपने फायदे के लिए बार-बार ऐसा कर रहा है और किसान जानता था कि उसे ऐसा बिल्कुल भी नहीं करना है जबकि किसान यह भी समझता था कि उसकी मजबूरियां उसके सामने आकर खड़ी हो गई है
उसे जरुरत भी है लेकिन फिर भी किसान अपनी ही जरूरत को पूरा करने के लिए उसका को नहीं बेच सकता वह घर ही उसके लिए सब कुछ है किसान ने धीरे-धीरे अपनी खेती को अच्छा करने के लिए काफी तरीकों को अपनाया और एक दिन कामयाब हो गया धीरे-धीरे उस में अच्छी फसल होने लगी उसने बहुत मेहनत की और उसके बाद तो उसकी फसल अच्छे होने लगी शायद किसान को अपनी मेहनत पर यकीन था इसलिए सब कुछ कर पाया जो वह लोग अपने यहां पर विश्वास करते हैं वह जीवन में सब कुछ पा सकते हैं
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