राजा की प्रजा की दो हिंदी कहानी, story in hindi

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Story in hindi | राजा की प्रजा की दो हिंदी कहानी

राजा की प्रजा हिंदी कहानी, (story in hindi) आपको पसंद आएगी क्योकि अगर हमे किसी की भी परेशानी दूर करनी है तो हमे उसे लिए खुद ही प्रयास करने चाहिए, तभी हम उस परेशानी को दूर कर सकते है,

राजा की प्रजा की दो हिंदी कहानी : story in hindi

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story in hindi

story in hindi, “राजा” ने अपने नगर में यह एलान करवा दिया था की कोई भी आदमी हमारे नगर में परेशान नहीं होगा, अगर किसी को भी कोई भी परेशानी है तो वह हम से आकर यहां पर कह सकता है उस नगर के सभी आदमियों ने जब यह बात सुनी तो उन्हें बहुत अच्छा लगा और “राजा” भी यही चाहता था की सभी लोग यहां पर हमेशा खुश रहे, “राजा” ने सोचा की मुझे चलकर देखना चाहिए की यहां पर कोई भी परेशानी तो नहीं है,

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“राजा” ने अपना वेश बदला और नगर की और चल पड़े जब वह लोगो के बीच में गए तो देखा की लोग आपस में कुछ बात कर रहे है लेकिन वह क्या बात कर रहे है यह सुनने के लिए “राजा” आगे बढ़े, लोग यह बात कर रहे थे की राजा हमारी बहुत फ़िक्र करते है और हमरी सुविधा के लिए वह बहुत कुछ कर रहे है मगर यह नगर की सड़क पर किसी का भी ध्यान नहीं है यह बहुत बेकार हो गयी है यहां पर चलना बहुत मुश्किल है

 

“राजा” ने सड़क की और देखा और देखकर यह सोचा की मुझे यहां की सड़क पर भी ध्यान देना चाहिए अगले दिन राजा ने अपने महामत्री को बुलाया और कहा की वह सड़क जल्द ही बन जानी चाहिए महामत्री ने यह काम आगे बढ़ा दिया था और जब यह काम शुरू हुआ तो काम करने वाले ठेखेदार ने यह काम बहुत ही असुविधा से करा था क्योकि वह उसमे से धन को बचाना चाहता था

 

जिससे वह काफी धन कमा सके कुछ दिन बाद वह सड़क भी बन कर त्यार हो गयी थी मगर वह अच्छी नहीं बनी थी “राजा” न्र देखा और कहा की काम जल्दी ही त्यार हो गया है राजा उसके बाद वहा से चला गया था कुछ दिन बाद ही वह सड़क खराब होने लगी थी और उससे बहुत ज्यादा परेशानी भी होनी शरू हो गयी थी कुछ गांव में पानी की समस्या भी बहुत बढ़ गयी थी राजा ने गांव में पानी की सुविधा भी करवा दी थी,

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“राजा” को इस बात की खबर नहीं थी की सड़क खराब हो चुकी तभी कुछ आदमी राजा से मिलने आये थे लेकिन जब पहरेदारो ने पूछा की क्या काम है तो उन्होंने ने कहा की हमे राजा से शिकायत करनी है वह सड़क बहुत ही खराब बनी थी और बहुत ज्यादा जगहों से टूट गयी है, जब पहरेदारो को लगा की यह ठेकेदार की शिकायत करने जा रहे है तो उन्होंने ने उन लोगो को रोक दिया था, क्योकि वह भी ठेकेदार से मिले थे, लोगो ने कहा की हमे अंदर जाना है तो उन्हें कहा गया की “राजा” अभी आराम कर रहे है तो फिर कभी आना,

 

वह लोग वह से चले गए थे इस तरह जब भी वह आते तो उन्हें ऐसे ही जाने दिया जाता था और इस तरह यह बात “राजा” तक नहीं पहुंच पायी थी, लोगो ने भी यह सोचना शरू कर दिया था की राजा भी हमारे लिए कुछ और करना नहीं चाहते है इसलिए वह हमारी बात नहीं सुन रहे है “राजा” ने सोचा की मुह्जे चलकर देखना चाहिए, अब हमारी प्रजा को कोई और परेशानी तो नहीं है      

 

इस बार राजा अकेला ही नगर में घूमने के लिए चल पड़ा था, जब वह नगर में गया तो कुछ लोग राजा की बुराई कर रहे थे और कह रहे थे की राजा ने वह सड़क बनाई मगर अच्छी नहीं बनवायी थी क्योकि वह कुछ ही दिन में खराब हो गयी थी राजा सिर्फ अपने दिखावे की और ध्यान दे रहा है कुछ लोग यह बात राजा को बताने के लिए भी गए थे मगर राजा ने मिलने से मना कर दिया था, इससे यही पता चलता है की वह किसी की भी बात को नहीं समझना चाहते है,

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जब यह “राजा” ने सुना तो उसे बहुत दुःख हुआ था क्योकि प्रजा उसके काम से खुश नहीं थी राजा यह सुनकर उदास हो गया था और अपने महल की और जा रहा था तभी राजा को ऋषिमुनि मिले और उन्होंने ने राजा को पहचान लिया था राजा ने अपनी बात उन्हें बताई और पूछा की मुझमे क्या कमी है जो में अपनी प्रजा को खुश नहीं रख पा रहा हु, ऋषिमुनि  बोले की आपके अंदर कोई भी कमी नहीं है बल्कि आपको अपने द्वारा किये गए सभी काम को अपने ध्यान में रखा कर ही करवाने चाहिए तभी उसका सही फल सबको मिलेगा   

 

आप काम को करने का आदेश देते है मगर वह काम अपनी देख-रेख में नहीं करते है तो आपको परेशानी होती है क्योकि काम को करने वाला उस काम पर कितना ध्यान दे रहा है यह आपको पता नहीं होता है इसलिए आप जब भी कोई काम करे उसमे अपना ध्यान जरूर लगाए इससे आपको पता चल पायेगा वह सही हो रहा है या नहीं, आपको अपनी प्रजा” के लिए अपना महल हमेशा खुला रखना होगा किसी को यह नहीं लगना चाहिए की आप उनकी विनती नहीं सुन पा रहा है इसके बाद देखना की आपके सभी काम अच्छे से हो जाएंगे,

 

अगले दिन ही “राजा” ने अपनी प्रजा से मुलाक़ात की और उनकी समस्या पूछी, सभी ने अपनी समस्या बताई और “राजा” ने सभी की समस्या को दूर करने का सुझाव दिया था, उसके बाद वह समस्या भी सामने आयी थी जिसमे राजा ने वह सड़क बनाई थी उस सड़क के जल्दी खराब होने का कारण था, उस सड़क पर अच्छे समान का प्रयोग नहीं किया गया था जिससे यह समस्या बनी थी राजा ने सड़क का निर्माण करवाने वाले को सजा सुनाई जिससे उसे यह सबक मिलता है की वह दुबारा ऐसा नहीं करेगा,

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उसके बाद उन पहेरेदारो को बुलाया गया था जो सभी को अंदर आने से रोक रहे थे और उनके यह काम दुबारा न करने पर उन्हें भी सो कोडो की सजा सुनाई गयी थी यह सुनकर प्रजा में “राजा” के प्रति विश्वाश बढ़ चूका था और वह राजा के दवारा किये गए काम से खुश थे और उसके बाद प्रजा सुखी से रहने लगी थी, अगर आपको यह राजा की प्रजा हिंदी कहानी, (story in hindi) पसंद आयी है तो आप इसे आगे भी शेयर करे और कमेंट करके हमे भी बताये.       

 

राजा की प्रजा चोर से परेशान थी हिंदी कहानी :- story in hindi

वह “राजा” अपनी “प्रजा” के लिए बहुत कुछ करता था, क्योकि वह राजा जानता था, “प्रजा” जब तक खुश रहेगी, तभी सब कुछ अच्छा होगा, मगर “राजा” को जब यह बात पता चली की एक चोर नगर में आ गया है, वह सभी के घर घर जाकर चोरी करता है तो यह राजा को अच्छा नहीं लग रहा था, राजा ने सेनापति को बुलाया उनसे कहा की उस चोर को जल्दी ही पकड़ लेना चाहिए, मगर वह सेनापति चोर को खोज नहीं पा रहे थे, राजा को बहुत चिंता हो रही थी,

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“राजा” की प्रजा दुखी रहने लगी थी, क्योकि वह एक चोर को नहीं पकड़ पाए थे, वह चोर चोरी करता था, उसके बाद भाग जाता था राजा अपनी जनता से बात भी नहीं कर पाये थे, वह नहीं जानते थे, वह चोर कौन है, तभी “राजा” से मिलने एक आदमी आता है, वह शायद चोर को पकड़ सकता है राजा उस आदमी से मिलते है, उसके बाद राजा कहते है की तुम्हे चोर के बारे में कुछ पता है, वह आदमी कहता है, में चोर को नहीं जानता हु, मगर मुझे लगता है, में उसे पकड़ सकता हु, राजा को हैरानी थी, वह चोर को कैसे पकड़ सकता है,

 

लेकिन जब “राजा” को उस आदमी ने बताया की आप चिंता न करे वह चोर पकड़ा जायेगा लेकिन वह आदमी कहता है की आप मुझे कुछ धन दे सकते है क्योकि मुझे उस चोर को पकड़ने में धन की जरूरत है राजा ने उसे धन दिया था, क्योकि वह प्रजा को परेशान नहीं देखना चाहते थे वह आदमी धन लेकर जाता है, क्योकि उसे चोर की तलाश थी, वह रात के समय में सेनापति के साथ उस चोर का इंतज़ार कर रहा था सेनापति ने पूछा की तुम यहां पर क्यों इंतज़ार कर रहे हो,

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वह आदमी कहता है की मेने उस चोर की रणनीति को पहचान लिया है आज वह यहां पर जरूर आएगा कुछ समय बाद वह देखते है की वह चोर आता है सेनापति को यकीन नहीं होता है की यह सब कुछ कैसे हो गया है वह चोर को पकड़ लेते है “राजा” के सामने लाते है, राजा उस आदमी से कहते है की आपने तो कमाल कर दिया है वह चोर पकड़ा गया है, जबकि सेनापति उसे नहीं पकड़ पाए थे सेनापति कुछ नहीं कहते है, उसके बाद राजा उसे बहुत अधिक इनाम देते है उनकी “प्रजा” को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए, इसलिए वह राजा कुछ भी कर सकते है,

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राजा ने प्रजा की परेशानी को समझा था उसके बाद जिसे भी जितना नुक्सान हुआ था. वह पूरा कर दिया गया था क्योकि चोर के पास से जो मिला था, वह वापिस कर दिया गया था, अगर आपको यह दोनों राजा की कहानी, story in hindi पसंद आयी है तो शेयर जरूर करे,

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