Panchatantra stories in hindi
जादू की कुर्सी और अन्य 3 पंचतंत्र हिंदी कहानी, Panchatantra stories in hindi, Panchatantra ki kahaniya, एक आदमी बहुत ही गरीब था उसके पास कुछ भी खाने के लिए नहीं था वह हर रोज लकडिया काटकर बाजार में उन्हें बेचकर अपने लिए खाना जुटा पाता था वह परिवार में अकेला ही रहता था because उसकी अभी शादी नहीं हुई थी अगर शादी हो भी जाती तो वह अपनी पत्नी को कहा से खिलाता इसलिए उसने अभी तक शादी नहीं की थी
जादू की कुर्सी और अन्य 3 पंचतंत्र हिंदी कहानी :- Panchatantra stories in hindi
Panchatantra stories in hindi, एक दिन जब वह लकड़ी काटकर आ रहा था तो उसने देखा की एक साधु को कुछ लोगो ने पकड़ रखा है और उससे कुछ मांग रहे है वह यह सब छिप कर देख रहा था अब उसने सोचा की मुझे कुछ करना चाहिए तभी उसने शोर मचा दिया की शेर आ गया है शेर का नाम सुनकर वो लोग भाग गए
आदमी तो बहुत ही गरीब है :-
फिर साधु ने पूछा की तुम कौन हो उसने बताया की में पास ही में रहता हु और बहुत ही गरीब हु मेरे पास कुछ भी नहीं है फिर साधू जी उसके साथ घर गए और देखा की ये आदमी तो बहुत ही गरीब है इसके पास तो कुछ भी नहीं है फिर उस आदमी ने पूछा की वो लोग आपके पीछे क्यों पड़े है,
फिर साधु जी ने बताया की वो मुझ से उस कुर्सी को पाना चाहते है जो जादुई है और सब कुछ कर सकती है तुम जो चाहो उससे मांग लो ये सबकी इच्छा पूरी करती है but सिर्फ सच्चे इंसान की यह बात सुनती है अगर तुम चाहो तो कुछ दिन के लिए में तुम्हे वह दे सकता हु उस आदमी ने कहा की अगर आप देना चाहते है
कुर्सी से मांगा :-
तो कुछ दिन के लिए दे सकते है साधु जी ने कहा की अब तुम लालच मत करना और वह कुर्सी को देकर चले गए फिर उस आदमी ने अपने लिए खाने के लिए उस कुर्सी से मांगा कुर्सी ने उसे बहुत ही बढ़िया खाना दिया, वह आदमी खाना खा कर सो गया और उसी रात उसके घर पर चोर आ गए और उससे पूछने लगे की सारा समान कहा रखा है उस आदमी ने कहा की मेरे पास कुछ नहीं चाहे तो तुम देख लो चोर को बहुत ढूढ़ने पर भी कुछ नहीं मिला
अब चोर ने कहा की अगर तुम मुझे कुछ नहीं दे सकते तो में तुम्हे मार दूंगा उस आदमी ने कहा ठीक है में तुम्हे कुछ देता हु तुम बताओ तुम्हे क्या चाहिए उस चोर ने कहा बहुत सारा धन मुझे दे दो फिर उस आदमी ने उस कुर्सी से कहा की बहुत सारा धन ला दो कुर्सी ने बहुत सारा धन उनके सामने रख दिया जब चोर ने इतना सारा धन देखा तो वह समझ गया की यह सब कुछ कुर्सी करती है
मुझे सवारी चाहिए :-
इसलिए उसने कुर्सी से कहा की मुझे एक सवारी चाहिए जिस पर में बैठ कर ये सारा धन ले जा सकू पर कुर्सी ने कुछ भी नहीं दिया क्योकि वह सच्चे इंसान को ही सब कुछ दे सकती है चोर उस कुर्सी के पास गया और बोलै मुझे सवारी चाहिए तुम्हे सुनाई नहीं देता इस पर उस आदमी ने कहा की तुम इस पर बैठ कर कुछ भी मांग सकते हो
चोर जैसे ही कुर्सी पर बैठा कुर्सी ने उसे पकड़ लिया चोर ने बहुत बार कहा लेकिन कुर्सी ने उसे नहीं छोड़ा अब चोर कुछ भी नहीं कर पा रहा था अब चोर ने हार मान ली और कहा की एक बार छोड़ दो में कभी भी चोरी नहीं करूँगा और कुर्सी ने छोड़ दिया और चोर वह से भाग गया, इस तरह उस आदमी ने अपनी ज़रूरत का समान
हमेशा ईमानदार रहना :-
Panchatantra stories in hindi, panchatantra ki kahaniya, उस कुर्सी से लिया और कुछ दिन बाद वह कुर्सी साधु जी को वापिस कर दी इस कहानी से यही शिक्षा मिलती है की हमे हमेशा ईमानदार रहना चाहिए तभी हम सुख की राह पर चल पाते है अगर आपको यह कहानी पसंद आयी है तो आगे भी शेयर करे और हमे भी बताये
एक किसान और पत्थर की अनोखी कहानी
एक किसान पत्थर से बहुत परेशान हो गया था जब भी अपने खेत में जाता था वह उस पत्थर से टकरा कर हमेशा गिर जाया करता था किसान सोचा करता था कि पत्थर बहुत अधिक गहराई तक दबा हुआ है इसलिए मैं उसे निकालने में असमर्थ है जिसकी वजह से वह बिल्कुल भी कोशिश नहीं कर रहा था,
Because पत्थर को निकालना उसके बस की बात नहीं है इसलिए वह हमेशा ही गुस्सा करके उस पत्थर को देखते हुए आगे बढ़ जाता था बहुत समय बीत गया था एक दिन वह किसान बहुत गुस्से में आ गया और सोचने लगा कि इस पत्थर से टकरा कर मैं हमेशा ही गिर जाता हूं जिसकी वजह से मुझे काफी चोट आई है आज यह पत्थर यहां पर नहीं रुकने वाला है
मुझे परेशानी हो रही है :-
इसलिए वह किसान उस पत्थर को निकालने के लिए कुछ लोगों को अपने साथ लेकर आता है और कहता है कि मेरा साथ दो मुझे यह पत्थर निकलने में मुझे परेशानी हो रही है, जिसकी वजह से मैं आप सबको यहां पर ले कर आया हूं कुछ समय बाद सभी ने उस पत्थर को निकालने के लिए खोदना शुरू किया but सभी ने कुछ समय बाद कहा कि यह पत्थर अधिक है
राजकुमार और राजकुमारी की काहनी
यह तो तुम आसानी से निकाल सकते थे किसान परेशान हो जाता है कि वह इस काम को बहुत पहले ही कर सकता था but मैं इस काम को कर नहीं पाया था पत्थर बहुत अधिक गहराई तक दबा है जिसकी वजह से मैं उसे निकालने में असमर्थ है but ऐसा नहीं था वह पत्थर आसानी से बाहर आ गया और सभी लोग उस पर हंसने लगे और कहने लगे
यह काम हमसे होगा :-
जो काम तुम अकेले कर सकते हो उसके लिए हमें बुलाने की क्या जरूरत थी यह कहानी हमें इस बात की ओर संकेत करती है कि जो काम हम कर सकते हैं सबसे पहले हमें उस काम को करने के लिए कोशिश करनी चाहिए अगर हम कोशिश ही नहीं करेंगे तो ज्ञात नहीं होगा कि यह काम हमसे होगा या नहीं इसलिए
राजकुमारी और जादूगर बुढ़िया की कहानी
Panchatantra stories in hindi, सबसे पहले आप कोशिश कीजिए कोशिश करने के बाद अगर आप उस काम को कर सकते हैं तो बहुत अच्छी बात है, अगर आपको ऐसा लगता है कि यह काम मुझसे नहीं हो रहा है और मुझे कुछ लोगों की आवश्यकता है तो आप वहां पर किसी की भी सहायता ले सकते हैं अगर आपको यह कहानी पसंद आई है तो आगे भी शेयर करें कमेंट करके हमें बताएं
अनोखा पेड़ पंचतंत्र की कहानी
वह पेड़ बहुत ही अनोखा था उस जैसा पेड़ कही भी नहीं था, उस पर फल लगते थे but वह फल किसी मौसम के नहीं थे, बल्कि जब किसी को बहुत अधिक जरूरत महसूस होती थी, तभी वह फल लगता था, एक दिन की बात है, एक आदमी उस गांव में आ रहा था Because उसे काम की तलाश थी पहले जिस गांव में रहता था वह गांव नदी में बाढ़ आने की वजह से डूब गया था अब उसे कमा की तलाश थी, यही कारन था की वह उस गांव में आ रहा था,
वह बहुत थक गया था, वह देखता है, की एक पेड़ है उसके नीचे कुछ देर आराम करना चाहिए तभी मुझे आगे बढ़ना चाहिए वह पेड़ के पास आराम करता है कुछ समय बाद वह सोचता है की मुझे भूख लगी है but अभी तक मेरे पास कोई भी खाना नहीं है, वह सोचता है की अगर थोड़ा खाना मिल जाता तो में आगे बढ़ सकता था, वह पेड़ उसे फल देता है, यह देखकर वह खुश हो जाता है क्योकि वह पेड़ उसे फल दे रहा है वह उससे फल लेता है उसे खाता है,
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बहुत लालची इंसान है :-
अब वह आदमी सोचता है की यह पेड़ अनोखा है, Because यह मुझे फल दे रहा है मेरी भूख अब दूर हो गयी है, मुझे अब काम करने की जरूरत नहीं है अब तो जब भी भूख लगेगी में फल तोड़ सकता हु, उसे खा सकता हु, उसकी बाते वह पेड़ सुन रहा था Because वह समझ गया था की यह तो बहुत लालची इंसान है अगर इसे फल मिलते रहे तो यह कोई भी काम नहीं करेगा, जब शाम हो होती है तो उसे फिर से भूख लगती है but वह पेड़ कोई भी फल नहीं देता है वह आदमी बहुत गुस्सा हो जाता है,
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panchatantra stories in hindi, panchatantra ki kahaniya, Because जो उसने सोचा था वह तो नहीं हो रहा है, इस तरह वह आदमी उस पेड़ को काटने की सोचता है Because उससे उसे कोई फायदा नहीं हुआ था, वह अनोखा पेड़ कहता है की तुम्हे जरूरत थी मेने तुम्हे फल दिया था अब तुम्हारी जरूरत पूरी हो गयी है तो तुम मुझे काटना चाहते हो, यह सुनकर वह आदमी निराश हो जाता है, Because वह समझ जाता है की यह पेड़ सही कह रहा है उसके बाद वह काम की तलाश में चला जाता है हमे भी जीवन में इन बातो का ध्यान रखना चाहिए,
पंचतंत्र की दूसरी कहानी जादू का चिराग
एक आदमी अपने घर जा रहा था मगर उसे पता था की घर बहुत दूर है
उसकी नज़र एक चिराग पर जाती है, उस आदमी को लगता है की
यह चिराग तो ऐसा लग रहा है जैसे पंचतंत्र की कहानी में माँ हमे बताती है
मुझे इसे घर ले जाना चाहिए और माँ से पूछना चाहिए की यह चिराग वही है या कोई साधारण चिराग है
वह उसे घर ले जाता है
but उससे पहले ही वह चिराग उस आदमी के हाथ से गिर जाता है और जिन्न बाहर आ जाता है वह कहता है की आपको क्या मदद चाहिए, यह सुनकर आदमी कहता है की में समझ गया हु की यह वही चिराग है जिसके बारे में मेने पंचतंत्र की कहानी में सूना था वह जिन्न से कहता है की
सभी परेशानी में आ सकते :-
मुझे तुम घर जल्दी पहुंचा दो वह जिन्न उसे कुछ ही देर में घर पहुंचा देता है
वह आदमी घर आ जाता है और पूरी बात अपनी माँ से कहता है माँ कहती है की
तुम्हे उसे घर नहीं लाना चाहिए था वह जिन्न अच्छा नहीं होता है
अब वह तुम्हारी मदद कर रहा है बाद में हम सभी परेशानी में आ सकते है
इसलिए माँ कहती है की इसे तालाब में फेंक देते है
वह आदमी जानता था की माँ को बहुत पता है वह सभी बाते चिराग के बारे में बता सकती है
कुछ देर बाद वह दोनों चिराग को पानी में फेकने जाते है
मगर चिराग से आवाज आती है की मुझे छोड़ दो पानी में में मत फेंको
but किसी ने उसकी बात नहीं सुनी थी फिर दोनों घर आ जाते है और उसके बाद माता कहती है
हमारे लिए समस्या :-
हमे उसकी मदद नहीं लेनी चाहिए वह हमारे लिए समस्या पैदा कर सकता है वह आदमी समझ गया था की उसने चिराग को लेकर गलती की थी इसलिए अगर कही पर आपको भी चिराग मिले और उसमे जिन्न हो तो उससे दूर रहे अगर आपको यह पंचतंत्र की यह कहानी (Panchatantra stories in hindi, panchatantra ki kahaniya) पसंद आयी है तो शेयर जरूर करे
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