New hindi kahani | Hindi story
new hindi kahani, रमेश के हाथों में चाय का प्याला देते ही रमा कुछ सोच में पड़ गई रमा को सोचते हुए रमेश ने कहा कि क्या सोच रही हो बात को डालते हुए रमा ने कहा कुछ खास नहीं फिर रमेश ने रमा को बताया कि अब कुछ साल रह गए हैं
नयी सोच की हिंदी कहानी, New hindi kahani
new hindi kahani, hindi story, अब रिटायर में रमा ने सुनते ही पूछा कि कितने साल रहेंगे रिटायरमेंट में रमेश ने कहा है कि यही कुछ 2 साल बस 2 साल बाद अब काम से छुट्टी ही मिल जाएगी रमा कुछ सोचते हुए किचन में चली गई और नाश्ता तैयार करने लग गई नाश्ता बनाते बनाते रहना कुछ सोच रही थी कि अब वह दिन नहीं रहेंगे बस सारा काम ही मुझे ही करना पड़ेगा और पति देव घर पर ही रहेंगे घर पर रहेंगे तो काम ज्यादा रहेगा बार-बार की सोच जब कोई व्यक्ति खाली होता है तो ज्यादा ही सोचता है थोड़ी देर बाद रमेश जी किचन में आ जाता है और पूछता हो रमा क्या सोच रही है (new hindi kahani)
मैंने देखा कि तुम कुछ सोच रही हो रोमा ने कहा कि बहुत ही जल्दी भी दिन बीत गए ऐसा लगता है कि अभी की बात है 2 साल बाद आप रिटायर हो जाओगे फिर बच्चे भी आज पढ़ ही रहे हैं इस पर रमेश ने कहा कि क्या सोचने की जरूरत यह तो होना ही था जो होना था वह तो होकर ही रहता है रमा सोच रही थी कि नहीं अगर ऐसा थोड़ा और समय बढ़ जाता तो और भी अच्छा होता हम शायद अपना ही एक जगह ले लेते और फिर कब तक एक किराए की जगह पर रहेंगे रमेश कहता है कि छोड़ो इस बात को चलो कुछ नाश्ते में अच्छा सा बना दो फिर मुझे भी काम पर जाना है, new hindi kahani
रमा जल्दी जल्दी खाना तैयार करने लगी और फिर रमेश अपने ऑफिस चले गए रमा काम करते-करते वही सब सोच रही थी कि अब कुछ दिन बाद सब बदल जाएगा रमेश घर पर ही रहेंगे और बच्चे भी अभी पढ़ रहे हैं पहले नौकर काम कर देते थे but अब सब बदलने के बाद सब काम मुझे खुद ही करना पड़ेगा रमा सोच रही थी कि अगर बच्चे जल्दी कुछ बन जाते तो ज्यादा अच्छा होता आप रिटायरमेंट भी नजदीक आ रही है और बच्चे भी अभी पढ़ रहे हैं फिर घर की जिम्मेदारी और घर खर्च कैसे चलेगा
new hindi kahani, जब सभी लोग घर में रहेंगे तो घर का खर्च भी बढ़ेगा यही सोचते सोचते रमा अपना काम कर रही थी और याद कर रही थी वह दिन की जब जब पहली बार वह दुल्हन बनकर घर आई थी क्या दिन थे वह आज समय बदल गया है बहुत कुछ बदल गया है उम्र भी बढ़ गई है, अब वह दिन कहां ना शरीर में वह ताकत जिससे सारा काम बहुत तेजी से हो जाता था जब रमेश रिटायर हो जाएंगे तो दिन भी अब ज्यादा अच्छे नहीं रहेंगे एक कमाई का जरिया भी था वह भी अब बंद हो जाएगा सब कुछ हाथ बांधकर करना होगा कभी शाम होते ही रमेश घर पर आते हैं
रमा को देखकर कहते हैं ये आज लगता है पूरे दिन सोच में ही दूंगी रही है मुझे ऐसा लगता है कि जैसे ही मैंने रिटायरमेंट बात कही अभी से तुम ज्यादा सोचने लगी हो रमा ने जैसी सुना तो कहा कि ऐसा नहीं है मैंने तो बस यही सोचा था कि बच्चे कुछ बन जाते तब तक आपकी जॉब भी रहती तो और भी अच्छा होता अब जैसे भगवान की मर्जी जो भगवान चाहते हैं होता तो वही है पर इंसान कोशिश करना नहीं छोड़ता बस यही एक इंसान की पहचान है हम पूरी जिंदगी मेहनत करते हैं पर फल तो भगवान ही देते हैं
new hindi kahani, hindi story, रमेश ने कहां की छोड़ो इस बात को आप को चाय बनाना हो और फिर रमा सोचते-सोचते किचन में चली गई और चाय बनाने लग गई रमा का चेहरा देखकर अब रमेश भी सोच में पड़ने लगा था वह भी सोच रहा था कि रमा शायद सच कह रही है. जीवन में मुश्किल आती रहती है but जीवन को तो चलना है उसका काम ही चलना है हम इसमें कुछ नहीं कर सकते है but जीवन को अच्छा बनाना हमारे हाथ में होता है, सब कुछ तो हम कर नहीं सकते है but जितना कर सकते है हमे वह करना चाहिए आपकी क्या सोच है हमे जरूर बताये
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